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यूपी के कारोबारियों का विरोध प्रदर्शन 25 मई से

Last Updated- December 07, 2022 | 12:44 AM IST

उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख अनाज बाजार राज्य सरकार द्वारा हाल ही में खाद्यान्नों के सीमित भंडारण और आवश्यक कमोडिटी अधिनियम की धारा 37 के लागू किए जाने के विरोध में 25 मई से लेकर पांच जून तक बंद रहेंगे।


अगर कोई व्यक्ति इन कानूनों के तहत दोषी पाया जाता है तो उसे जेल की सजा हो सकती है। कारोबारियों का कहना है कि अगर जल्दी ही सीमित भंडारण की सीमा नहीं बढ़ाई गई तो खुदरा विक्रेता, थोक विक्रेता और कमीशन एजेंट अपना व्यवसाय लाभकारी तरीके से नहीं कर सकते हैं।

इस बंद का आह्वान उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल द्वारा किया गया है और इसे राज्य के 55 जिलों के 400 से अधिक कारोबारियों का समर्थन प्राप्त है। एक संवाददाता सम्मेलन में मंडल अध्यक्ष और राज्य सभा के सांसद बनवारी लाल कंचल ने कहा, ‘सीमित भंडारण का आदेश वैसे समय में आया है जब इस वर्ष गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार हुई है और भंडारण की सुविधा कम है। इससे किसानों के लाभ में कमी आएगी और आगे चल कर कारोबारी भी पीड़ित होंगे।’

कंचल ने मांग की कि खुदरा कारोबारियों के लिए भंडारण की सीमा खाद्य तेलों के मामले में 10 क्विंटल से बढ़ाकर 50 क्विंटल कर दी जानी चाहिए जबकि थोक व्यापारियों के लिए चावल के मामले में इसे 150 क्विंटल से बढ़ाकर 500 क्विंटल, दालों के लिए 500 क्विंटल से बढ़ा कर 1,000 क्विंटल और खाद्य तेलों के मामले में इसे 250 क्विंटल से बढ़ाकर 500 क्विंटल कर दी जानी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘हम राज्य के खाद्य और आपूर्ति मंत्री से मुलाकात कर रहे हैं और अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं तो बंद के आह्वान के साथ हम आगे बढेंगे।’ इसके अतिरिक्त कारोबारी 5 जून को विधान सभा के सामने प्रदर्शन भी करेंगे। कंचल का कहना था कि राज्य सरकार बड़े औद्योगिक घरानों के हित में काम कर रही है देश में जिनकी संगठित रिटेल योजनाएं हैं और किसानों की उपेक्षा कर रही है।

First Published - May 20, 2008 | 11:10 PM IST

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