facebookmetapixel
दूसरे चरण के लोन पर कम प्रावधान चाहें बैंक, RBI ने न्यूनतम सीमा 5 फीसदी निर्धारित कीभारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर जल्द सहमति की उम्मीद, ट्रंप बोले—‘हम बहुत करीब हैं’बीईई के कदम पर असहमति जताने वालों की आलोचना, मारुति सुजूकी चेयरमैन का SIAM के अधिकांश सदस्यों पर निशानाइक्जिगो बना रहा एआई-फर्स्ट प्लेटफॉर्म, महानगरों के बाहर के यात्रियों की यात्रा जरूरतों को करेगा पूरासेल्सफोर्स का लक्ष्य जून 2026 तक भारत में 1 लाख युवाओं को एआई कौशल से लैस करनाअवसाद रोधी दवा के साथ चीन पहुंची जाइडस लाइफसाइंसेजQ2 Results: ओएनजीसी के मुनाफे पर पड़ी 18% की चोट, जानें कैसा रहा अन्य कंपनियों का रिजल्टअक्टूबर में स्मार्टफोन निर्यात रिकॉर्ड 2.4 अरब डॉलर, FY26 में 50% की ग्रोथसुप्रीम कोर्ट के आदेश से वोडाफोन आइडिया को एजीआर मसले पर ‘दीर्घावधि समाधान’ की उम्मीदछोटी SIP की पेशकश में तकनीकी बाधा, फंड हाउस की रुचि सीमित: AMFI

Turmeric price: नई आवक के दबाव में सस्ती हुई हल्दी, 20 दिन में भाव 18 फीसदी गिरे

Turmeric price: ऊंचे भाव पर मुनाफावसूली के कारण भी इसकी कीमतों में गिरावट आई है। इस साल हल्दी का उत्पादन कम होने से लंबी अवधि में इसके भाव तेज रहने की संभावना है।

Last Updated- April 02, 2024 | 6:18 PM IST
Turmeric price: नई आवक के दबाव में सस्ती हुई हल्दी, 20 दिन में भाव 18 फीसदी गिरे, Turmeric became cheaper due to pressure of new arrivals, price fell by 18 percent in 20 days

Turmeric price: हल्दी की नई फसल की आवक जोर पकड़ रही है। जिससे इसके भाव भी सुस्त पड़ने लगे हैं। ऊंचे भाव पर मुनाफावसूली के कारण भी इसकी कीमतों में गिरावट आई है। जानकारों के अनुसार इस साल हल्दी का उत्पादन कम होने से लंबी अवधि में इसके भाव तेज रहने की संभावना है।

कितनी सस्ती हुई हल्दी?

बीते कुछ दिनों से हल्दी के भाव लगातार घट रहे हैं। पिछले 20 दिन में हल्दी के वायदा भाव करीब 3,600 रुपये घट चुके हैं। कमोडिटी एक्सचेंज नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) पर 13 मार्च को हल्दी का अप्रैल अनुबंध 19,700 रुपये के भाव पर बंद हुआ था, जिसने आज खबर लिखे जाने के समय 16,090 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर दिन का निचला स्तर छू लिया। इस तरह बीते 20 दिन में हल्दी करीब 18 फीसदी सस्ती हुई है।

हल्दी की कीमतों में क्यों आ रही है गिरावट?

हल्दी के भाव घटने की वजह इसकी आवक जोर पकड़ना है। कमोडिटी विश्लेषक इंद्रजीत पॉल ने बताया कि अब हल्दी की नई फसल की आवक जोर पकड़ रही है। मार्च महीने में फरवरी की तुलना में करीब 20 फीसदी ज्यादा आवक हुई है। जिससे हल्दी के भाव भी सुस्त पड़े हैं। बीते 20 दिन में हल्दी के भाव 3000 रुपये से ज्यादा घट चुके हैं।

Also read: Wheat Procurement: व्यापारियों को नए सीजन का गेहूं किसानों से न खरीदने की हिदायत, क्यों सरकार पहले से इतना अलर्ट

एचडीएफसी सिक्योरिटी में कमोडिटी व करेंसी हेड अनुज गुप्ता के मुताबिक ऊंचे भाव पर मुनाफावसूली के कारण भी हल्दी की कीमतों में गिरावट आई है। कमोडिटी जानकारों के अनुसार स्टॉकिस्ट अब माल निकाल रहे हैं। ऐसे में बिकवाली हावी होने से हल्दी की कीमतों में गिरावट को बल मिला है।

2024 में हल्दी के उत्पादन की क्या है स्थिति?

इस साल हल्दी की फसल काफी कमजोर बताई जा रही है। कारोबारी अनुमान के मुताबिक इस साल देश में हल्दी का उत्पादन घटकर 50 से 55 लाख बोरी रह सकता है, जो पिछले साल के 80 से 85 लाख बोरी (60 किलो) उत्पादन से काफी कम है। साथ ही पुराना स्टॉक भी कमजोर है। मौसम प्रतिकूल रहने से अच्छी गुणवत्ता वाली हल्दी की इस साल कमी रह सकती है। ऐसे में लंबी अवधि में हल्दी के भाव तेज रह सकते हैं।

First Published - April 2, 2024 | 6:18 PM IST

संबंधित पोस्ट