facebookmetapixel
FPI की निकासी जारी, दिसंबर के 12 दिनों में ही ₹18 हजार करोड़ उड़ गएसस्ता टिकट या बड़ा धोखा? हर्ष गोयनका की कहानी ने खोल दी एयरलाइंस की पोलMCap: टॉप 8 कंपनियों का मार्केट वैल्यू ₹79,129 करोड़ घटा; Bajaj Finance और ICICI Bank सबसे बड़े नुकसान मेंRobert Kiyosaki ने खोले 6 निवेश के राज, जिन्हें अपनाकर आप बन सकते हैं अमीर!IRCTC टिकट बुकिंग में नया सिस्टम, फर्जी अकाउंट्स अब नहीं बचेंगेDelhi Weather Today: दिल्ली पर घना कोहरा, AQI 500 के करीब; GRAP स्टेज-4 की कड़ी पाबंदियां लागूElon Musk का अगला बड़ा दांव! SpaceX की IPO प्लानिंग, शेयर बिक्री से ₹800 अरब डॉलर वैल्यूएशन का संकेतUP: सांसद से प्रदेश अध्यक्ष तक, पंकज चौधरी को भाजपा की नई जिम्मेदारीइनकम टैक्स डिपार्टमेंट का अलर्ट: फर्जी डोनेशन क्लेम पर टैक्सपेयर्स को मिलेगा SMS और ईमेलदिल्ली की हवा फिर बिगड़ी, AQI 450 के करीब पहुंचते ही GRAP स्टेज-4 के सभी नियम पूरे NCR में लागू

Soybean Crushing: सोयाबीन की पेराई 10% घटी, सोया खली निर्यात भी पड़ा सुस्त

चालू तेल वर्ष के पहले 6 महीने में सोयाबीन पेराई 10 फीसदी घटकर 60.50 लाख टन रह गई। सोया खली निर्यात भी 17.50 फीसदी गिरकर 11.12 लाख टन रह गया।

Last Updated- April 11, 2025 | 3:04 PM IST
Soyabean oil

Soybean crushing and Soybean meal export: सोयाबीन की पेराई में सुस्ती देखने को मिल रही है। चालू तेल वर्ष यानी 2024-25 (अक्टूबर से सितंबर) के 6 महीनों में सोयाबीन की पेराई में गिरावट दर्ज की गई है। चालू तेल वर्ष में कुल पेराई में आ रही कमी की वजह देश में सोयाबीन तेल का बड़े पैमाने पर आयात और सोया खली की मांग सुस्त पड़ना है। चालू तेल वर्ष में सोया खली का निर्यात भी घट रहा है।

तेल वर्ष 2024-25 में कितनी हुई सोयाबीन की पेराई?

सोयाबीन उद्योग के प्रमुख संगठन सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SOPA) के आंकड़ों के अनुसार तेल वर्ष 2024-25 की अक्टूबर-मार्च अवधि में 60.50 लाख टन सोयाबीन की पेराई हो चुकी है। पिछली समान अवधि में यह आंकड़ा 67.50 लाख टन था। इस तरह चालू तेल वर्ष के पहले 6 महीने में सोयाबीन की पेराई में 10 फीसदी से अधिक कमी देखी गई है। मार्च महीने में भी सालाना आधार पर सोयाबीन की पेराई में गिरावट दर्ज की गई है। मार्च में 9 लाख टन सोयाबीन की पेराई हुई, जबकि पिछले साल मार्च में यह आंकड़ा 10.50 लाख टन था।

चालू तेल वर्ष में कितनी हो सकती है सोयाबीन की पेराई?

SOPA के मुताबिक चालू तेल वर्ष में 115 लाख टन पेराई होने का अनुमान है। पिछले तेल वर्ष में 122.50 लाख टन सोयाबीन की पेराई हुई थी। जाहिर है कि चालू तेल वर्ष में सोयाबीन की पेराई कम होने का अनुमान लगाया गया है। ऐसा तब है जब वर्ष 2024-25 में सोयाबीन का उत्पादन अधिक होने का अनुमान है। वर्ष 2024-25 में 125.82 लाख टन उत्पादन का अनुमान है, जो इससे पहले वर्ष के 118.74 लाख टन सोयाबीन उत्पादन से अधिक है। पिछले तेल वर्ष के कैरीओवर को मिलाकर इस तेल वर्ष में सोयाबीन की कुल उपलब्धता 135.76 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले तेल वर्ष की कुल उपलब्धता 149 लाख टन से कम है।

Also read: तेल कीमतों में उबाल फिर ठंडा पड़ा

सोया खली के निर्यात में भी आ रही है कमी

चालू तेल वर्ष के पहले 6 महीने के दौरान सोया खली के निर्यात में भी गिरावट देखने को मिल रही है। SOPA के अनुसार तेल वर्ष 2024-25 की अक्टूबर-मार्च अवधि में 11.12 लाख टन सोया खली का निर्यात हुआ है, जो पिछली समान अवधि में निर्यात हुई 13.47 लाख टन से करीब 17.50 फीसदी कम है। मार्च महीने में भी सोया खली का निर्यात घटा है। मार्च में 1.62 लाख टन सोया खली का निर्यात हुआ, जबकि पिछले साल मार्च में यह आंकड़ा 1.76 लाख टन था।

सोयाबीन पेराई और खली निर्यात में कमी की क्या है वजह?

कमोडिटी एक्सपर्ट और एग्रोकॉर्प इंटरनेशनल में रिसर्च हेड इंद्रजीत पॉल ने कहा कि सोयाबीन की पेराई में कमी की अहम वजह सोया खली की निर्यात और घरेलू मांग सुस्त पड़ना है। मक्का का एथनॉल बनाने में बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा है। मक्का के एथनॉल बनाने में प्रयोग के दौरान Distiller’s Dried Grains with Solubles (DDGS) निकलता है। इसका उपयोग पशु चारे खासकर पोल्ट्री फीड के रूप में किया जाता है और यह सोया खली से काफी सस्ता होता है। DDGS की इस समय कीमत 15 से 16 रुपये है, जबकि खली के भाव 30 से 31 रुपये किलो हैं। इस वजह से सोया खली की घरेलू मांग कमजोर पड़ गई है। वहीं अमेरिका का सोया खली भारतीय खली से वैश्विक बाजार में सस्ता है। इस वजह से भारतीय सोया खली की निर्यात मांग में गिरावट आई है। सोया खली की घरेलू व निर्यात दोनों मांग घटने का असर सोयाबीन की पेराई पर पड़ रहा है।

First Published - April 11, 2025 | 2:54 PM IST

संबंधित पोस्ट