रबी सीजन की आवक (arrival) से पहले ही प्याज के भाव तेजी से गिर रहे हैं। रबी सीजन की कुल प्याज उत्पादन में हिस्सेदारी 60 से 65 फीसदी मानी जाती है। इस समय मंडियों में ज्यादातर प्याज लेट खरीफ सीजन की आ रही है। अगले महीने से रबी सीजन वाले प्याज की आवक जोर पकड़ने पर प्याज के दाम और गिरने की संभावना है क्योंकि इस साल भी प्याज की बंपर पैदावार होने की संभावना है। इस साल सीजन के शुरुआत में आई इस तेज गिरावट से किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं और उन्हें लागत निकालना दूभर हो गया है।
इस माह भाव 30 फीसदी तक गिरे, पिछले साल के मुकाबले भाव आधे से भी कम
इस माह मंडियों में प्याज के भाव तेजी से गिरे हैं। मुख्य उत्पादक राज्य महाराष्ट्र की प्रमुख मंडी पिंपलगांव में प्याज के भाव 300—1,500 रुपये से घटकर 300—1,050 रुपये क्विंटल रह गए हैं। प्याज की मॉडल की कीमत 1,150 रुपये से घटकर 590 रुपये क्विंटल रह गई है। 80 फीसदी से ज्यादा बिक्री मॉडल कीमत पर ही होती है। दिल्ली की आजादपुर मंडी में प्याज के भाव 500—1,875 रुपये से घटकर 500—1,500 रुपये, जबकि इसकी मॉडल कीमत 1,350 रूपये से घटकर 1,090 रुपये क्विंटल रह गई है। साल भर पहले पिंपलगांव मंडी में प्याज 400 से 2,450 रुपये किलो बिक रहा था, जो अब घटकर आधे से भी कम 300 से 1,050 रुपये क्विंटल रह गया है। इसी मंडी में इस दौरान इसकी मॉडल कीमत 1,950 रुपये से गिरकर 590 रुपये क्विंटल पर आ गई है। आजादपुर मंडी में एक साल के दौरान प्याज के भाव 1,250—3,250 रुपये से घटकर 500 से 1,500 रुपये क्विंटल रह गए हैं। मॉडल कीमत 2,200 रुपये से घटकर 1,090 रुपये क्विंटल पर आ चुकी है।
थोक भाव घटने से खुदरा भाव भी नरम
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक देश भर में इस समय प्याज की औसत खुदरा कीमत 22.66 रुपये किलो है, जो पिछले साल की औसत खुदरा कीमत से 34.99 रुपये करीब 35 फीसदी कम है। इस माह प्याज के औसत खुदरा मूल्य में करीब 16 फीसदी गिरावट आई है। इस माह दिल्ली में खुदरा मूल्य 30 रुपये से घटकर 27 रुपये और मुंबई में 31 रुपये से घटकर 26 रुपये किलो रह गए हैं। साल भर पहले दिल्ली के खुदरा बाजार में प्याज 38 रुपये और मुंबई में 40 रुपये किलो बिक रहा था।
प्याज की गिरती कीमतों से मुश्किल में किसान
प्याज के दाम तेजी से गिरने के कारण किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं क्योंकि उनकी उत्पादन लागत भी नहीं निकल पा रही है। भारतीय सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष श्रीराम गाढवे कहते हैं कि रबी सीजन की आवक से पहले ही प्याज की गिरती कीमतों ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। लेट खरीफ सीजन की आवक के दबाव में ही प्याज के दाम इतने गिर चुके हैं कि किसानों की लागत नहीं निकल रही है। किसानों को मंडी में 3 से 10 रुपये किलो कीमत मिल रही है, जबकि उत्पादन लागत ही 10 रुपये किलो से अधिक है। अगले महीने रबी सीजन वाला प्याज आने से आवक जोर पकडेगी। ऐसे में प्याज के भाव और गिर सकते हैं। जिससे पिछले साल भी घाटा झेल चुके प्याज किसानों को और चपत लगने वाली है। लेट खरीफ सीजन में प्याज की पैदावार 20 से 25 फीसदी ज्यादा हुई है। इस साल रबी सीजन में भी प्याज की बंपर पैदावार हो सकती है। पिछले साल देश में करीब 317 लाख टन रिकॉर्ड प्याज का उत्पादन हुआ था। आजादपुर मंडी के प्याज कारोबारी राजेंद्र शर्मा कहते हैं कि सर्दियों के सीजन वाले प्याज की आवक के दबाव में इसके दाम काफी गिर चुके हैं। अगले महीने से गर्मी के सीजन वाली प्याज की आवक होने लगेगी। चूंकि भाव काफी गिर चुके हैं। ऐसे में आगे हल्की गिरावट तो संभव है। लेकिन ज्यादा गिरावट के आसार नहीं है।