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खरीदारी से तय होगा कोपरे का भविष्य

Last Updated- December 10, 2022 | 8:18 PM IST

कोपरा खरीद की शुरुआत के साथ ही कोपरा और नारियल तेल बाजार का भविष्य तय होगा।
हालांकि, सरकार ने कोपरे का समर्थन मूल्य 800 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा कर 4,450 रुपये कर दिया है। खरीदारी की शुरुआत होनी अभी बाकी है। इससे उत्पादक सशंकित हैं क्योंकि कोपरा का वर्तमान बाजार मूल्य 3,700 से 3,800 प्रति क्विंटल है।
अधिकांश किसानों ने अधिक समर्थन मूल्य प्राप्त करने के लिए अपने उत्पादों का भंडार बना लिया है। अब केवल केरल सरकार के खरीदारी शुरू करने के इशारे का इंतजार है, लेकिन अभी उनका निर्णय आना बाकी है।
यद्यपि, नेफेड कोपरे की खरीदारी के लिए प्रमुख केंद्रीय एजेंसी है लेकिन राज्य सरकार को अभी आधारभूत स्तर पर कोपरा के संग्रह के लिए स्थानीय एजेंसी की पहचान करनी है।
सरकार अभी तक यह तय नहीं कर पाई है कि किस स्थानीय एजेंसी को इस कार्य की जिम्मेदारी दी जाए। सरकार यह जिम्मेदारी या तो केराफेड या फिर मार्केटफेड को देगी लेकिन सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट में राजनीतिक उठापटक के कारण अभी तक इसकी घोषणा नहीं की गई है।
नेफेड के स्थानीय अधिकारियों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि वे कोपरे की खरीदारी के लिए तैयार हैं लेकिन राज्य सरकार द्वारा यह काम स्थानीय एजेंसियों को सौंपा जाना है।
खरीदारी की शुरुआत में सुस्ती से बाजार धारणाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। नारियल तेल की कीमतें घट कर 5,100 से 5,200 रुपये प्रति क्विंटल हो गई हैं। उत्पादक और स्टॉकिस्ट ऊ हापोह में हैं क्योंकि दक्षिण भारत में केरल को छोड़ कर बाकी जगहों पर उत्पादन 2 से 3 हफ्तों में सक्रिय हो जाएगा।
केरल में कोपरे का उत्पादन सीजन सक्रिय है और तमिलनाडु में यह अप्रैल तक सक्रिय होगा। कोच्चि के अग्रणी कोपरा और नारियल तेल के डीलर ने बताया कि अगर कोपरे की खरीदारी जल्द शुरु नहीं होती तो संभव है कि अप्रैल में कीमतों में भारी गिरावट आए।
अभी भी तमिलनाडु में नारियल तेल का अच्छा भंडार है और यह केरल को 5,100 रुपये प्रति क्विंटल पर आपूर्ति करने को तैयार है। इसलिए, अगले महीने तक आपूर्ति बढ़ने से बाजार में संकट उत्पन्न हो सकता है क्योंकि अन्य खाद्य तेलों खास तौर से पाम तेल की कीमतें नारियल तेल की अपेक्षा कम है।

First Published - March 17, 2009 | 11:06 PM IST

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