तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने टूटे अनाज (डीएफजी) से उत्पादित एथनॉल की कीमत 4.75 रुपये प्रति लीटर और मक्के से बने एथनॉल की कीमत 6.01 रुपये प्रति लीटर बढ़ाने का फैसला किया है। नई दरें 2022-23 एथनॉल आपूर्ति वर्ष के शेष महीनों में लागू होंगी, जो अक्टूबर 2023 में समाप्त होगा। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा एथनॉल बनाने के लिए सस्ती दर पर चावल की आपूर्ति रोके जाने कारण उत्पादकों को हो रही दिक्कत को देखते हुए ओएमसी ने यह फैसला किया है।
इससे अनाज से एथनॉल बनाने वाले उत्पादकों को कुछ राहत मिलेगी, जो एफसीआई द्वारा सस्ते चावल की आपूर्ति अचानक रोके जाने की वजह से संकट का सामना कर रहे थे। साथ ही एथनॉल बनाने वाली कंपनियां मक्के के इस्तेमाल से भी बच रही थीं, क्योंकि गन्ने से बनने वाले एथनॉल की तुलना में इसका खरीद मूल्य कम है।
इससे क्षतिग्रस्त अनाज और मक्के की ज्यादा कीमत से पड़ने वाले असर से डिस्टिलरीज को बचने में भी मदद मिलेगी। एफसीआई के चावल की आपूर्ति रोके जाने के पहले ओएमसी 58.50 रुपये प्रति लीटर के भाव एथनॉल खरीदती थीं और उस समय चावल 20 रुपये किलो मिलता था।
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उद्योग के सूत्रों ने कहा कि मक्के की खरीद कीमत 22 रुपये प्रति किलो है, जबकि हाल की कीमत वृद्धि के पहले मक्के से बनने वाले एथनॉल की कीमत 56.35 रुपये प्रति लीटर थी।
इसके बाद टूटे चावल या क्षतिग्रस्त अनाज (डीएफसी) का स्थान आता है। बाजार में यह 23-24 रुपये प्रति किलो के भाव उपलब्ध है, लेकिन इससे बनने वाले एथनॉल की कीमत सबसे कम 55.54 रुपये प्रति लीटर है। हाल की कीमत वृद्धि, जो अगले कुछ दिन में लागू होगी, के बाद क्षतिग्रस्त अनाज से बनने वाले एथनॉल की खरीद कीमत 60.29 रुपये प्रति लीटर होगी, जबकि पहले 55.54 रुपये लीटर थी। वहीं मक्के से उत्पादित एथनॉल की कीमत 62.36 रुपये प्रति लीटर होगी, जो अभी 56.35 रुपये लीटर है।
ओएमसी के पत्रव्यवहार के मुताबिक आंतरिक राहत की राशि से डिस्टिलरीज को एफसीआई के चावल की जगह मक्के और टूटे अनाज के इस्तेमाल करने में मदद मिलेगी। एफसीआई के अतिरिक्त चावल की आपूर्ति रोके जाने के बाद इसके इस्तेमाल की अनुमति पहले ही दे दी गई है।
अनाज से एथनॉल बनाने वाली डिस्टिलरीज ने इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इससे पेट्रोल में एथनॉल मिलाने की योजना में आया व्यवधान कुछ कम होगा क्योंकि एफसीआई द्वारा एथनॉल बनाने के लिए सस्ते चावल आपूर्ति बंद किए जाने से एथनॉल उत्पादन घट गया था।
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हालांकि सूत्रों ने कहा कि सरकार की ओर से कुछ भी नहीं बताया गया है कि एफसीआई सस्ते चावल की आपूर्ति कब से बहाल करेगा।
खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कुछ दिन पहले संवाददाताओं से कहा था सरकार को डिस्टिलरीज को हो रही समस्या के बारे में जानकारी है, जो चावल की अनुपलब्धता की वजह से हो रही है, जबकि मक्के और टूटे चावल की कीमत ज्यादा है।
चोपड़ा ने कहा था, ‘यह मसला विचाराधीन है। हम समस्या से अवगत हैं। जल्द ही इसके बारे में उचित फैसला किया जाएगा।’
जुलाई 2023 की शुरुआत तक (अक्टूबर 2023 में समाप्त होने वाले एथनॉल वर्ष 2022-23 के दौरान) गन्ने व अनाज से बनने वाले 3.51 अरब लीटर एथनॉल की आपूर्ति की गई है। इसमें करीब 2.85 अरब लीटर या मोटे तौर पर 82 प्रतिशत आपूर्ति गन्ने से बनने वाले एथनॉल और 0.66 अरब लीटर या 18 प्रतिशत अनाज से बनने वाले एथनॉल की आपूर्ति हुई है।