अनाज से एथनॉल (ethanol) बनाने के लिए भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा अचानक चावल (rice) की आपूर्ति बंद किए जाने के बाद अब एथनॉल डिस्टिलरीज ने अपनी उत्पादन योजनाओं पर नए सिरे से काम करना शुरू कर दिया है। इनमें से कुछ ने अस्थायी रूप से उत्पादन बंद कर दिया है।
BSE में सूचीबद्ध गुलशन पोल्योल्स लिमिटेड ने शेयर बाजार को सूचित किया है कि FCI द्वारा चावल की आपूर्ति बंद किए जाने से उसकी मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में स्थित एथनॉल विनिर्माण संयंत्र से उत्पादन कुछ दिनों के लिए बाधित रहेगा।
कंपनी ने शेयर बाजार को सूचित किया है, ‘बहरहाल कंपनी ने खुले बाजार के खराब हुए चावल की खरीद शुरू की है, जिससे FCI के अतिरिक्त चावल की आपूर्ति बहाल होने तक कुछ मात्रा में आपूर्ति की प्रतिबद्धताएं पूरी की जा सकें।’
अनाज से एथनॉल बनाने वाली एक और बड़ी कंपनी ग्लोबस स्पिरिट्स लिमिटेड ने एक्सचेंज को सूचना दी है कि वह चावल की जगह अन्य कच्चे माल जैसे टूटे चावल और मक्के का विकल्प अपना रही है। इन कच्चे माल का इस्तेमाल अतिरिक्त न्यूट्रल अल्कोहल (ईएनए) और एथनॉल उत्पादन में किया जा सकता है।
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ग्लोबस ने कहा, ‘बदलाव की इस प्रक्रिया में हम उम्मीद करते हैं कि हमारे पश्चिम बंगाल और झारखंड संयंत्र में 7 से 10 दिन उत्पादन में व्यवधान रहेगा। उम्मीद है कि इस अवधि के दौरान वैकल्पिक कच्चे माल की आपूर्ति शुरू हो जाएगी। हमारे हरियाणा, राजस्थान और बिहार संयंत्रों में कामकाज सामान्य रूप से जारी है।’
बीसीएल इंडस्ट्रीज ने एक्सचेंज को सूचित किया है कि वह चावल की आपूर्ति को लेकर FCI की नीति का इंतजार कर रही है। साथ ही वह टूटे चावल और मक्के से पंजाब और पश्चिम बंगाल की इकाइयों में ईएनए का उत्पादन जारी रखेगी। इसकी वजह से एथनॉल के उत्पादन में अस्थायी व्यवधान आया है।
बीसीएल ने एक बयान में कहा है, ‘कंपनी बठिंडा में भी चावल से एथनॉल उत्पादन में सक्षम होगी, जिसका उत्पादन अभी लंबित है। लेकिन उम्मीद है कि यह उत्पादन में अस्थायी व्यवधान है। FCI के चावल को लेकर भी नीति का इंतजार किया जा रहा है।’
गुलशन पोल्योल्स लिमिटेड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक डॉ चंद्रा के जैन ने कहा कि गन्ने के रस से बनने वाले एथनॉल की कीमत करीब 68 रुपये प्रति लीटर है, जबकि खराब अनाज से बनने वाले एथनॉल की कीमत 55 रुपये लीटर है। कीमत में 13 रुपये प्रति लीटर का अंतर बगैर किसी वजह के है।
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जैन ने कहा कि मक्के और खराब अनाज से बनने वाले एथनॉल की कीमत कम से कम 70 रुपये लीटर होनी चाहिए। जैन ने कहा, ‘आश्चर्य की बात है कि अनाज से बनने वाले एथनॉल की खरीद का भाव खरीदार करते हैं, जो ओएमसी हैं। वहीं गन्ने से बनने वाले एथनॉल की खरीद की कीमत भारत सरकार की कैबिनेट समिति करती है।’
उन्होंने कहा कि अगर उद्योग किसानों को बेहतर दाम देने में सक्षम है तो मक्के का उत्पादन निश्चित रूप से बढ़ेगा जैसा कि यह पहले गन्ने के मामले में था। FCI एथनॉल बनाने वालों को 20 रुपये किलो के भाव चावल देती है, जो खुले बाजार में 31 रुपये प्रति किलो कीमत की तुलना में कम है। अक्टूबर में समाप्त होने वाले 2022-23 विपणन वर्ष में एथनॉल मिलाने के लिए FCI से 15 लाख टन चावल की जरूरत है।