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पुराने वाहनों को हटाने के लिये स्वैच्छिक वाहन कबाड़ नीति

Last Updated- December 12, 2022 | 8:57 AM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पुराने तथा प्रदूषण फैला रहे वाहनों को हटाने के लिये बहुप्रतीक्षित स्वैच्छिक वााहन कबाड़ नीति की सोमवार को घोषणा की। सीतारमण ने लोकसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि निजी वाहनों को 20 साल होने पर तथा वाणिज्यिक वाहनों को 15 साल होने पर फिटनेस जांच करानी होगी। उन्होंने कहा कि यह नीति देश की आयात लागत को कम करने के साथ ही पर्यावरण के अनुकूल तथा ईंधन की कम खपत करने वाले वाहनों को बढ़ावा देगी। इससे पहले केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले सप्ताह कहा था कि सरकारी विभागों व सार्वजनिक उपक्रमों के पास मौजूद 15 साल से पुराने वाहनों को कबाड़ करने की नीति जल्दी ही अधिसूचित की जायेगी और एक अप्रैल 2022 से इसे लागू किया जायेगा। इस नीति को सरकार पहले ही मंजूरी दे चुकी है। वित्त मंत्री ने भी कहा था कि पुराने वाहनों को कबाड़ घोषितकरने की नीति पर काम जारी है। संबंधित मंत्रालयों के साथ परामर्श के बाद नीति की घोषणा की जाायेगी। 

बिजली उपभोक्ताओं को सेवा प्रदाता चुनने की सुविधा देने की रूपरेखा शीघ्र
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि बिजली उपभोक्ताओं को सेवा प्रदाता व वितरण कंपनियों का चयन करने की सुविधा देने के लिये शीघ्र ही रूपरेखा तैयार की जायेगी। अभी देश में ज्यादातर बिजली वितरण कंपनियां सरकारी हैं। वे केंद्र सरकार की योजना के अनुरूप 24 घंटे बिजली प्रदान करने में सक्षम नहीं हैं, क्योंकि वे नकदी की कमी की समस्या से जूझ रही हैं। सीतारमण ने लोकसभा में बजट पेश करते हुए कहा, ‘‘बिजली वितरण कंपनियां मनमानी करती हैं। उपभोक्ताओं को वितरण कंपनी चुनने का विकल्प प्रदान करने की जरूरत है। उन्हें विकल्प प्रदान करने के लिये शीघ्र ही रूपरेखा पेश की जायेगी।’’ उन्होंने वितरण कंपनियों के वित्तरय संकट का भी जिक्र किया। दिसंबर 2020 तक के आंकड़ों के अनुसार, बिजली बनाने वाली कंपनियों का वितरण कंपनियों के ऊपर 1.35 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले छह साल के दौरान बिजली उत्पादन क्षमता में 139 गीगावॉट की वृद्धि हुई है और 2.8 घरों को बिजली के कनेक्शन दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि इस दौरान बिजली पारेषण लाइन में 1.41 लाख सर्किट किलोमीटर जोड़े गये हैं। सीतारमण ने अगले वित्त वर्ष में हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन शुरू करने की भी घोषणा की।

ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि को बढ़ाकर 40,000 करोड़ रुपये किया गया
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि ग्रामीण अवसंरचना विकास के लिए आवंटन को मौजूदा वित्त वर्ष के 30,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर अगले वित्त वर्ष के लिए 40,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। सीतारमण ने लोकसभा में 2021-22 के लिए आम बजट प्रस्तुत करते हुए यह भी कहा कि ऑपरेशन ग्रीन योजना में अब 22 और खराब होने वाली वस्तुओं को शामिल किया जाएगा वहीं पांच बड़े मत्स्यपालन केंद्रों का विकास किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि 1,000 और मंडियों को इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय बाजार से जोड़ा जाएगा तथा कृषि उत्पाद विपणन समितियों (एपीएमसी) को अवसंरचना सुविधाओं को मजबूत करने के लिए कृषि अवसंरचना कोष उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि कृषि अवसंरचना निधि परिव्यय को बढ़ाकर 40,000 करोड़ रुपये किया जाएगा और लघु-सिंचाई राशि को दोगुना करके 10,000 करोड़ रुपये किया जाएगा। 

अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि एक अप्रैल से शुरू हो रहे अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। हालांकि, चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा बढ़कर 9.5 प्रतिशत के ऊंचे स्तर पर पहुंच सकता है। कोविड-19 महामारी के बीच खर्च में बढ़ोतरी तथा राजस्व घटने के बीच 2020-21 में राजकोषीय घाटा लक्ष्य से कहीं अधिक रहने का अनुमान है। महामारी के प्रसार पर अंकुश के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई थीं। ऐसे में चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में 7.7 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को 3.5 प्रतिशत पर सीमित रखने का लक्ष्य रखा गया था। लोकसभा में 2021-22 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.5 प्रतिशत से नीचे लाने का प्रस्ताव है। सरकार व्यय और प्राप्तियों के अंतर को पूरा करने के लिए बाजार से जो कर्ज लेती है वह राजकोषीय घाटे का संकेतक होता है। वित्त वर्ष 2019-20 में राजस्व प्राप्तियां कम रहने की वजह से राजकोषीय घाटा 4.6 प्रतिशत पर पहुंच गया था। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार की चालू वित्त वर्ष के शेष दो महीनों में 80,000 करोड़ रुपये का कर्ज लेने की योजना है।  

अगले वित्त वर्ष में 12 लाख करोड़ रुपये का कर्ज जुटाएगी सरकार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार अगले वित्त वर्ष 2021-22 में करीब 12 लाख करोड़ रुपये का कर्ज जुटाएगी। सोमवार को लोकसभा में आम बजट 2021-22 पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में सरकार का व्यय 34.83 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इनमें 5.54 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय है। वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों को 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुरूप करों में 41 प्रतिशत का हिस्सा मिलेगा। सरकार ने इन सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि अपना ज्यादातर कारोबार डिजिटल तरीके से करने वाली कंपनियों के लिए कर ऑडिट से छूट की सीमा को दोगुना कर दिया गया है। अब 10 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली कंपनियों को इससे छूट मिलेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि लाभांश के भुगतान के बाद ही लाभांश आय पर अग्रिम कर देनदारी बनेगी। उन्होंने कहा कि सरकार का बुनियादी ढांचा क्षेत्र में अधिक विदेशी निवेश हासिल करने के लिए नियमों को उदार करने का प्रस्ताव है।  

सोना, चांदी पर सीमा शुल्क को तार्किक बना रही है सरकार 
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि सरकार सोना और चांदी पर सीमा शुल्क को तार्किक बना रही है। उन्होंने लोकसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि वाहनों के कल-पुर्जे, सौर ऊर्जा क्षेत्र के उपकरणों, सूती तथा कच्चे रेशम पर सीमा शुल्क को बढ़ाया गया है। इनके अलावा नेफ्था पर सीमा शुल्क को घटाकर 2.5 प्रतिशत कर दिया गया है। इस्पात के कबाड़ (स्टील स्क्रैप) को मार्च 2022 तक सीमा शुल्क से छूट दी गयी है। वित्त मंत्री ने कुछ उत्पादों पर बुनियादी संरचना विकास उपकर लगाने का भी प्रस्ताव किया।

First Published - February 1, 2021 | 4:18 PM IST

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