Union Budget 2024-25: केंद्रीय बजट में लोक सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को लगे झटके से मिले सबक की झलक साफ दिखती है। दस साल में पहली बार अपने दम पर बहुमत हासिल करने से चूकी भाजपा के समक्ष केंद्र में सरकार चलाने के लिए अपने राजनीतिक सहयोगियों को बांधे रखने की चुनौती से पार पाने की कोशिश भी बजट में की गई है। साथ ही युवाओं और किसानों जैसे महत्त्वपूर्ण मतदाता समूहों की नाराजगी से निपटने का प्रयास भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में दिखता है।
भाजपा को 4 जून को आए लोक सभा चुनावों के परिणाम में अपने दम पर पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। ऐसा पिछले दस वर्षों में पहली बार हुआ। इसलिए राजग सरकार ने अपनी परियोजनाओं और प्रशासन को सुचारु रूप से चलाने के लिए मंत्रियों एवं अफसरशाही के चयन में निरंतरता का भाव प्रदर्शित किया है, लेकिन लगातार तीसरी बार सत्ता में आई सरकार के पहले आम बजट में खासकर नीतीश कुमार की जदयू और एन चंद्रबाबू नायड की तेदेपा जैसे दलों को साधने के लिए कोशिश में दरारें स्पष्ट दिखाई दीं।
खास बात यह है कि बजट में दो ऐसे चुनावी राज्यों हरियाणा और महाराष्ट्र के लिए किसी परियोजना का ऐलान नहीं किया गया, जहां इस समय भाजपा या भाजपा समर्थित सरकारें हैं। बजट भाषण में जहां बिहार और आंध्र प्रदेश का पांच-पांच बार उल्लेख किया गया, वहीं अन्य अधिकांश राज्यों का जिक्र इसमें नहीं है।
सीतारमण ने बिहार के लिए लगभग 59,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का ऐलान किया। इनमें तीन एक्सप्रेसवे, एक ऊर्जा संयंत्र, हेरिटेज कॉरिडोर, नया एयरपोर्ट और खेलों के लिए बुनियादी ढांचा विकास तथा बाढ़ से निपटने के लिए फंड की व्यवस्था शामिल है।
इसी प्रकार आंध्र प्रदेश के लिए वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के तहत किए गए वादों को पूरा करेगी। इसमें राज्य की राजधानी अमरावती के पुनर्विकास के लिए बहुपक्षीय विकास एजेंसियों के माध्यम से विशेष वित्तीय सहायता भी शामिल है। वर्तमान वित्त वर्ष में 15,000 करोड़ रुपये राज्य को दिए जाएंगे। भविष्य में आंध्र प्रदेश को और भी मदद दिए जाने का वादा बजट में किया गया है। पोलावरम सिंचाई परियोजना को समय से पूरा करने के लिए वित्तपोषित करने का भी निर्मला सीतारमण ने वादा किया।
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक कॉरिडोर पर कोप्पार्थी नोड तथा हैदराबाद-बेंगलूरु औद्योगिक कॉरिडोर पर ऑरवाकल नोड में जल, ऊर्जा, रेलवे और सड़क आदि आधारभूत ढांचा मजबूत करने के लिए फंड मुहैया कराएगी। इस साल आर्थिक वृद्धि के लिए पूंजीगत निवेश के लिए भी अतिरिक्त आवंटन किया जाएगा। रायलसीमा, प्रकाशम और उत्तरी तटीय आंध्र पंदेश जैसे पिछड़े क्षेत्रों के लिए भी अनुदान दिया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश समेत देश के पूर्वी हिस्से के चहुंमुखी विकास के लिए पूर्वोदय नाम से योजना का प्रस्ताव लेकर आई है। मालूम हो कि लोक सभा के साथ ही हुए विधान सभा चुनाव में भाजपा ने ओडिशा में अपने दम पर बहुमत की सरकार बनाई है। झारखंड में इसी साल दिसंबर में विधान सभा चुनाव होने हैं। बिहार और आंध्र प्रदेश में भाजपा राजग सहयोगियों वाली सरकारें हैं। पश्चिम बंगाल में मई 2026 में विधान सभा चुनाव होंगे। यहां लोक सभा चुनाव में तगड़ा झटका खाने के बावजूद भाजपा ने इस राज्य का चयन पूर्वोदय के लिए किया है। उसे उम्मीद है कि इसका फायदा उसे विधान सभा चुनाव में मिलेगा।
वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि केंद्र सरकार बिहार में अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर पर गया औद्योगिक नोड के विकास में सहयोग करेगी। इसके अलावा पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे, बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा को जोड़ने वाली सड़क परियोजनाओं तथा बक्सर में गंगा नदी पर 26,000 करोड़ की लागत से दो लेन का पुल बनाने में वित्तीय मदद देगी।
सीतारमण ने कहा कि बिहार के पीरपैंती में 2,400 मेगावाट क्षमता के ऊर्जा संयंत्र की स्थापना समेत ऊर्जा संयंत्रों के लिए केंद्र सरकार 21,400 करोड़ रुपये खर्च करेगी। पूंजीगत निवेश के लिए भी अतिरिक्त धन मुहैया कराया जाएगा। बहुद्देश्यीय विकास बैंक से बाह्य मदद की बिहार सरकार की मांग पर भी शीघ्र पूरी की जाएगी।
सरकार ने आयकर में राहत एवं अगले पांच साल में नौकरी पैदा करने वाली योजनाओं के लिए 2 लाख करोड़ रुपये देने का ऐलान कर मध्य वर्ग को साधने का प्रयास किया है। यह मुद्दा कितना जरूरी है, इसका अंदाजा इसी से लग जाता है कि बजट भाषण में नौकरी और बेरोजगारी का 32 बार जिक्र किया गया।
बजट में महाराष्ट्र के लिए बहुत कम आवंटन के लिए आलोचनाओं के बीच उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र को एमयूटीपी-3 (मुंबई अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट) के तहत 908 करोड़ रुपये मिलेंगे। इससे स्थानीय रेल नेटवर्क को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
मुंबई मेट्रो को 1,087 करेड़ रुपये मिलेंगे। मुंबई-दिल्ली कॉरिडोर के लिए 499 करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में किया गया है। एमएमआर ग्रीन अर्बन ट्रांसपोर्ट को 150 करोड़ रुपये और नागपुर मेट्रो के लिए 683 करोड़ रुपये दिए गए हैं। बजट में पुणे मेट्रो के लिए भी 814 करोड़ रुपये का प्रावधान है, जबकि मुला मुठा नदी संबंधी योजनाओं के लिए 690 करोड़ रुपये रखे गए हैं, लेकिन विपक्षी दल इतने से खुश नहीं दिखे।