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गंभीर धोखाधड़ी विभाग को जांच का जिम्मा

Last Updated- December 09, 2022 | 9:25 PM IST

सत्यम कंप्यूटर में फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद सरकार इस पूरे मामले की जांच कराने की कोशिश में लगी हुई है। इसी के तहत सरकार ने कंपनी में हुई फर्जीवाड़े की जांच गंभीर धोखाधड़ी जांच विभाग (एसएफआईओ) से कराने की घोषणा की है।
सरकार ने कहा है कि अगर कंपनी के ऑडिटर्स के काम में किसी तरह की गड़बड़ी पाई गई, तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवई की जाएगी। कंपनी मामलों के मंत्री प्रेमचंद गुप्ता ने कहा कि सत्यम मामले की रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) की प्राथमिक रिपोर्ट आने के बाद सरकार ने एसएफआईओ को इस मामले की जांच के निर्देश दिए हैं।
हालांकि आरओसी के साथ एसएफआईओ पहले से ही काम कर रही थी, लेकिन रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार की ओर से औपचारिक रूप से इस विभाग को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। गंभीर धोखाधड़ी जांच विभाग को इस पूरे मामले की पड़ताल कर तीन महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि विभाग सत्यम की ऑडिट कंपनी प्राइस वाटरहाउस की भी जांच करेगी कि उसने ऑडिटिंग में किसी तरह की कोई गड़बड़ी तो नहीं की है। गुप्ता ने कहा कि सरकार कंपनी के कर्मचारियों और शेयरधारकों के हित में सभी जरूरी कदम उठाने को तत्पर है और इस मामले में किकसी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी।
उन्होंने कहा कि एसएफआईओ संपूर्ण अनियमितताओं की जांच करेगा और साथ ही उसे निदेशकों, प्रवर्तकों, ऑडिटरों आदि की भूमिका के सभी पहलुओं को भी देखने को कहा गया है। उल्लेखनीय है कि सत्यम के खातों में बड़े पैमाने पर की गई हेराफेरी के बाद सरकार ने कंपनी के बोर्ड को भंग कर तीन नए निदेशकों की नियुक्ति की है।
-रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज की प्राथमिक रिपोर्ट के बाद सरकार ने लिया निर्णय
-ऑडिट कंपनी प्राइस वाटरहाउस की भी होगी जांच
-तीन महीनों के अंदर एसएफआईओ सौंपेगी रिपोर्ट

First Published - January 13, 2009 | 3:15 PM IST

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