केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2026 के बजट में एकबारगी माफी योजना शुरू करने पर विचार कर रही है। अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह आयकर के लिए विवाद से विश्वास योजना की तरह ही है। इसके जरिये काफी समय से लंबित सीमा शुल्क विवादों को निपटाना है। सरकार 1 फरवरी को संसद में बजट पेश करेगी।
सूत्र ने बताया, ‘प्रस्तावित एकबारगी सीमा शुल्क माफी योजना का उद्देश्य पिछले बकाये के निपटान को आसान बनाना है। इससे मुकदमेबाजी का बोझ कम होगा और उद्योग को राहत मिलेगी। इस योजना के तहत आयातकों को सीमा शुल्क अधिनियम से संबंधित विवादों में राहत मिल सकती है। आयातकों को शुल्क में आंशिक छूट दी जा सकती है। साथ ही ब्याज और जुर्माना माफ किया जा सकता है।’
अधिकारी ने बताया कि फिलहाल सीमा शुल्क विवाद के करीब 35,000 मामले विभिन्न अदालतों में लंबित हैं जिनमें करीब 50,000 करोड़ रुपये से अधिक की रकम शामिल है। उन्होंने कहा, ‘इस योजना के लागू होने से लंबित मामलों में काफी कमी आएगी जिससे सरकार का राजस्व बढ़ेगा और कारोबारियों राहत मिलेगी।’
पीडब्ल्यूसी इंडिया के पार्टनर प्रतीक जैन ने कहा, ‘उद्योग को आयकर, पूर्ववर्ती उत्पाद शुल्क एवं सेवा कर और हालिया जीएसटी कानून के तहत पिछले विवादों को निपटाने का एकबारगी का अवसर दिया जाएगा। सीमा शुल्क कानून के तहत वर्गीकरण, छूट, मूल्यांकन आदि से संबंधित काफी विवाद समय के साथ-साथ पैदा हुए हैं।’ उन्होंने कहा कि सीमा शुल्क के तहत इसी तरह की विवाद निपटान योजना से न केवल सरकार को अच्छा राजस्व प्राप्त होगा बल्कि अदालतों पर मुकदमों का बोझ भी काफी हद तक कम होगा। उद्योग की लंबे समय से यह मांग रही है।
डेलॉयट के पार्टनर (अप्रत्यक्ष कर) हरप्रीत सिंह ने कहा, ‘सीमा शुल्क माफी योजना में उद्योग की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पात्रता मानदंड सरल, उचित और मामूली शर्तों के साथ होने चाहिए। उद्योग को अधिक से अधिक मामलों में मुकदमेबाजी को खत्म करते हुए एकबारगी माफी योजना को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। विभिन्न मुद्दे वाले मुकदमों में व्यक्तिगत मामलों को निपटाते हुए यह योजना काफी राहत प्रदान कर सकती है। साथ ही यह उन्हें लंबित मुकदमों को खत्म करते हुए आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है।’
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने निर्यातकों के लिए एडवांस अथॉराइजेशन (एए) और एक्सपोर्ट प्रोमोशन कैपिटल गुड्स (ईपीसीजी) योजनाओं के तहत लंबित मामलों को बंद करने के लिए 1 अप्रैल, 2023 को एकबारगी माफी योजना शुरू की थी। एकबारगी योजना के तहत भुगतान की अंतिम तिथि 31 मार्च, 2024 थी।