केंद्र सरकार का लक्ष्य वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान सार्वजनिक कंपनियों में इक्विटी प्रबंधन के लिए विनिवेश आय (divestment receipts) के जरिये 50,000 करोड़ रुपये जुटाने का है। बजट के दस्तावेजों से यह जानकारी मिली है।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष के आय में जो संशोधन किया, उससे यह 20,000 करोड़ रुपये अधिक है। चालू वित्त वर्ष के लिए 30,000 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान (revised estimate-RE) को पहले के लक्ष्य 51,000 करोड़ रुपये से 41 प्रतिशत घटा दिया गया है।
यह चौथी बार है कि जब सरकार साल की शुरुआत में तय किया गया विनिवेश लक्ष्य (disinvestment target ) पूरा नहीं कर पाई है। हाल के समय में सरकार वित्त वर्ष 19 में अपना विनिवेश लक्ष्य पूरा करने में सफल रही है। वित्त वर्ष 20 में वास्तविक संग्रह (actual collections ) वर्ष के बजट अनुमान का आधा रहा था। वैश्विक महामारी के वर्षों – वित्त वर्ष 21 और वित्त वर्ष 22 के दौरान प्राप्तियां बजट अनुमान (Budget Estimates) की तुलना में काफी कम रहीं। इसके बाद वित्त वर्ष 23 में भी इसी तरह का रुझान देखा गया।
सरकार अभी तक चालू वर्ष के संशोधित विनिवेश लक्ष्य का 40 प्रतिशत हिस्सा हासिल कर चुकी है और संशोधित लक्ष्य पूरा करने के लिए 17,496 करोड़ रुपये जुटाने में केवल दो महीने शेष हैं।
निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के आंकड़ों से पता चलता है कि इस वित्त वर्ष में अब तक दीपम ने विनिवेश प्राप्तियों के रूप में 12,504 करोड़ रुपये और लाभांश (dividend) के रूप में 44,059.84 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई है।
इस वर्ष अब तक जुटाई गई राशि में से ज्यादातर राशि बाजार के छोटे शेयर के सौदों पर निर्भर रही है, जैसे कोल इंडिया (Coal India), रेल विकास निगम लिमिटेड (Rail Vikas Nigam Ltd), SVJN Ltd, हाउसिंग ऐंड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (Housing & Urban Development Corporation of India), इरेडा (IREDA) और इरकॉन इंटरनैशनल लिमिटेड (IRCON International Ltd) के मामले में बिक्री की पेशकश (OFS)।
अंतरिम बजट में वित्त वर्ष 24 के लिए नई परिसंपत्ति बिक्री (new asset sales ) का उल्लेख नहीं किया गया है। अगले वर्ष होने वाले कुछ अन्य महत्वपूर्ण सौदों में IDBI Bank, Shipping Corporation of India, NMDC Steel, BEML का विनिवेश शामिल है।
केंद्र सरकार वित्त वर्ष 24 में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों से लाभांश के शुरुआती लक्ष्य को पहले ही 1,050 करोड़ रुपये तक बढ़ा चुकी है। 43,000 करोड़ रुपये के बजट अनुमान की तुलना में संशोधित अनुमान 50,000 करोड़ रुपये है। वित्त वर्ष 25 के लिए अंतरिम बजट में ऐसे लाभांश का स्तर वित्त वर्ष 23 के संशोधित अनुमान से कम 48,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया गया है।
सरकार को चालू वित्त वर्ष में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), राष्ट्रीयकृत बैंकों (nationalised banks ) और वित्तीय संस्थानों (financial institutions) से 1.04 लाख करोड़ रुपये का लाभांश/अधिशेष मिलना है, जो 48,000 करोड़ रुपये के बजट अनुमान की तुलना में दोगुना से भी अधिक है। वित्त वर्ष 25 का बजट अनुमान 1.02 लाख करोड़ रुपये है।