वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया। भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने हेतु ₹95,957.87 करोड़ का आवंटन किया है, जो पिछले वर्ष ₹86,582.48 करोड़ से थोड़ा अधिक है। यह स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक बड़ा कदम है, जिसमें सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार, विकास और रखरखाव के लिए आवश्यक वित्तीय प्रावधान किए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट में देश की स्वास्थ्य प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की है।
सरकार ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) के लिए ₹9,406 करोड़ का बजट निर्धारित किया है। इसके तहत गरीब और जरूरतमंद लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन (PMABHIM) को ₹4,200 करोड़ का आवंटन किया गया है, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं के ढांचे को और बेहतर बनाया जा सके। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के लिए ₹37,226.92 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा। इसके अलावा राष्ट्रीय टेली मेंटल हेल्थ प्रोग्राम के लिए ₹79.6 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जो मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल रूप से प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण कदम है।
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सरकार ने 2025-26 के दौरान 200 नए कैंसर केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है। इससे कैंसर के इलाज में सुधार होगा और अधिक लोगों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचेंगी। इसके साथ ही, अगले तीन वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में डेकेयर कैंसर केंद्र स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे दूर-दराज के क्षेत्रों में भी कैंसर के इलाज की सुविधा मिल सकेगी।
मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में भी इस बजट के तहत महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि अगले वर्ष 10,000 अतिरिक्त सीटें मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में जोड़ी जाएंगी। इसके साथ ही, सरकार का उद्देश्य अगले पांच वर्षों में 75,000 मेडिकल सीटें जोड़ने का है। पिछले 10 वर्षों में लगभग 1.1 लाख अंडरग्रैजुएट और पोस्टग्रैजुएट मेडिकल सीटों में 130% की वृद्धि की गई है, जो चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा सुधार है।
इस प्रकार, सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र को प्राथमिकता देते हुए एक मजबूत और समग्र स्वास्थ्य प्रणाली की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इन प्रावधानों से न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि देश में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और इंफ्रास्ट्रक्चर में भी बड़ा सुधार होगा।