वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट में जूता और चमड़ा उद्योग के लिए महत्त्वाकांक्षी खाका पेश किया है। इसमें ऐसी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है जिनसे इस क्षेत्र में 22 लाख नौकरियां पैदा होने के साथ 4 लाख करोड़ टर्नओवर और 1.1 लाख करोड़ का लक्षित निर्यात का मार्ग प्रशस्त होगा। इस कदम का लक्ष्य नाइके, एडिडास, प्यूमा, न्यू बैलेंस और रिबॉक जैसे गैर-चमड़ा फुटवियर ब्रांड पर है, जो पहले से ही चीन-प्लस-वन नीति के तहत भारत के विनिर्माण क्षेत्र में प्रभुत्व जमाए हुए हैं।
सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, ‘देश के फुटवियर और चमड़ा उद्योग में उत्पादकता, गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के लिए उत्पाद आधारित योजना लाई जाएगी। यह योजना डिजाइन क्षमता बढ़ाने और कंपोनेंट विनिर्माण तथा बिना चमड़े वाले गुणवत्तापूर्ण जूतों के उत्पादन के लिए जरूरी मशीनरी खरीद में मददगार होगी। साथ इससे चमड़े के जूते और अन्य उत्पादों के निर्माण को भी प्रोत्साहन मिलेगा। इस योजना के अमल में आने से देश में 22 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना तो है ही, इस क्षेत्र में 4 लाख करोड़ का टर्नओवर के साथ 1.1 लाख करोड़ के निर्यात को गति मिलेगी।’
इसके अतिरिक्त वित्त मंत्री सीतारमण ने गीले नीले चमड़े पर सीमा शुल्क में पूरी तरह छूट दे दी है ताकि इसके आयात को सुगम बनाकर घरेलू मांग पूरी करने एवं रोजगार बढ़ाने में मदद मिल सके। छोटे टेनरों (चर्मकारों) के लिए निर्यात को सुविधाजनक बनाने के मकसद से उन्होंने क्रस्ट लेदर (खाल) पर निर्यात शुल्क में 20 प्रतिशत की छूट देने का ऐलान किया है।
कोठारी इंडस्ट्रीयल कॉरपोरेशन के निदेशक एवं सीईओ (फुटवियर बिजनेस) एन मोहन ने कहा, ‘सरकार द्वारा बजट में किए जा रहे इन उपायों से इस रोजगारोन्मुखी क्षेत्र में वैश्विक कंपनियां पैसा लगाने के लिए आकर्षित होंगी।’