Budget 2024: उद्योग निकाय भारतीय बायोगैस एसोसिएशन (IBA) ने 1.4 लाख करोड़ रुपये के समर्पित ‘बायोगैस-उर्वरक कोष’ सहित कई प्रोत्साहनों की मांग की है। इसका उद्देश्य बेहतर मिट्टी और मानव स्वास्थ्य के लिए जैविक उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देना है।
इसमें कहा गया है कि बायो-सीएनजी/सीबीजी (संपीड़ित प्राकृतिक गैस/बायोगैस) उद्योग की वृद्धि में तेजी लाने का रास्ता जैव-उर्वरक समर्थक नीतियां तैयार करने में है। इसके अनुसार, इसमें किण्वित जैविक खाद पर ध्यान देने के साथ अनुकूल नियम, कर छूट, वित्तीय प्रोत्साहन और सुलभ ऋण विकल्प शामिल हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश करेंगी। इसी महीने वित्त मंत्रालय को सौंपे गए बजट पूर्व ज्ञापन में IBA ने पांच साल के लिए 1.4 लाख करोड़ रुपये के समर्पित कोष के साथ एक नया ‘पर्यावरण अनुकूल बायोगैस संयंत्र उर्वरक-आधारित खेती कार्यक्रम’ (एसयूबीआईसूयूएलपी) स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है।
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IBA ने कहा कि जैविक खाद के लिए नीति जैसी एसएटीएटी (किफायती परिवहन योजना की ओर पर्यावरण अनुकूल विकल्प) पर आधारित इस सर्वव्यापी पहल का उद्देश्य बेहतर मृदा और मानव स्वास्थ्य के लिए जैविक उर्वरकों को सुरक्षित करना है। IBA ने एफआरपी (उचित लाभकारी मूल्य) पर बायोमास की खरीद के लिए संबंधित मंत्रालय द्वारा एक रूपरेखा को परिभाषित करने का सुझाव दिया है।