facebookmetapixel
US टैरिफ से मुश्किल में इंडियन ऑटो पार्ट्स, मारुति सुजूकी MD ने बताई राह3, 5, 8 या 10 साल: SIP से कितने साल में मिलता है सबसे ज्यादा रिटर्न, 15 साल के चार्ट से समझेंफेविकोल बनाने वाली कंपनी का शेयर पकड़ेगा रफ्तार! ब्रोकरेज ने कहा- खरीद लें, दिखा सकता है 23% का तगड़ा उछालइंजीनियरिंग बदलावों से अटक रहा नए वाहनों का लॉन्च, भारत चीन से पिछड़ रहाUrban Company IPO को मिला जबरदस्त रिस्पॉन्स, 103 गुना से ज्यादा हुआ सब्सक्राइबअगस्त में खुदरा महंगाई मामूली बढ़कर 2.07 प्रतिशत हुई, ग्रामीण और शहरी इलाकों में कीमतों में हल्की बढ़ोतरी दर्जGST दरें घटने पर हर महीने कीमतों की रिपोर्ट लेगी सरकार, पता चलेगा कि ग्राहकों तक लाभ पहुंचा या नहींSEBI ने कहा: लिस्टेड कंपनियों को पारिवारिक करार का खुलासा करना होगा, यह पारदर्शिता के लिए जरूरीनई SME लिस्टिंग जारी, मगर कारोबारी गतिविधियां कम; BSE-NSE पर सौदों में गिरावटदुर्लभ खनिज मैग्नेट की कमी से जूझ रहा है भारतीय वाहन उद्योग, सरकार से अधिक सहयोग की मांग

Budget 2024: FM सीतारमण ने 1 करोड़ टैक्स पेयर्स को दी बड़ी राहत! बकाया Tax नोटिस वापस लेने का ऐलान

FM सीतारमण ने इनकम टैक्स स्लैब में किसी तरह के बदलाव का कोई ऐलान नहीं किया। टैक्स व्यवस्था पिछली बार की तरह ही समान दरों पर बरकरार रहेगी।

Last Updated- February 01, 2024 | 4:03 PM IST
The budget focused on 'women power', which schemes did Finance Minister Sitharaman talk about? 'नारी शक्ति' पर फोकस रहा बजट, वित्त मंत्री सीतारमण ने की किन-किन योजनाओं पर बात

Disputed Direct tax demand relief: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने गुरुवार को लोकसभा में पेश अंतरिम बजट में एक करोड़ टैक्स पेयर्स को बड़ी राहत दी है। मोदी सरकार ने तय अवधि वाले टैक्स बकाया नोटिस को वापस लेने का ऐलान किया है।

सीतारमण ने कहा कि वित्त वर्ष 2009-10 तक की अवधि के लिए 25,000 रुपये और 2010-11 से 2014-15 तक की अवधि के लिए 10,000 रुपये तक के बकाया डायरेक्ट टैक्स डिमांड नोटिस को वापस लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कदम से दशकों से चले आ रहे विवादों (Dispute) को समाप्त करके 1 करोड़ करदाताओं को फायदा मिलेगा।

इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं

हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स स्लैब में किसी तरह के बदलाव का कोई ऐलान नहीं किया। टैक्स व्यवस्था पिछली बार की तरह ही समान दरों पर बरकरार रहेगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “जहां तक ​​टैक्स प्रपोजल (Tax Proposal) का का सवाल है, परंपरा को ध्यान में रखते हुए टेक्सएशन से संबंधित कोई भी बदलाव करने का प्रस्ताव नहीं है। इम्पोर्ट ड्यूटी समेत डायरेक्ट और इन-डायरेक्ट टैक्स के लिए समान दरों को बनाए रखने का प्रस्ताव है।”

वर्तमान में क्या है टैक्स व्यवस्था

वर्तमान टैक्स में न्यू टैक्स रिजीम के तहत 7 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों को टैक्स में छूट दी जाती है। सरकार ने बजट 2023 में न्यू इनकम टैक्स रिजीम के तहत छूट (Tax Rebate) को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया। था।

ओल्ड टैक्स स्लैब (Old Tax Slab)

पुराने टैक्स स्लैब में 5 लाख तक की इनकम पर किसी तरह का टैक्स देय नहीं होता है। इसके अलावा सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए के निवेश पर टैक्स से छूट मिलती है। इस हिसाब से देखा जाए तो टैक्सपेयर्स को करीब 6.5 लाख तक की सालाना इनकम पर टैक्स से छूट मिल जाती है यानी कि कोई इनकम टैक्स नहीं देना होता है।

पुराने और नए टैक्स रिजीम में क्या है अंतर

ओल्ड टैक्स प्रणाली में सेक्शन 80 C और 80 D के तहत टैक्सपेयर्स टैक्स बचा सकते हैं। लेकिन नई व्यवस्था में इस तरह की कई छूटों को खत्म कर दिया गया है। यही वजह है कि इस नई टैक्स प्रणाली को बहुत ही कम लोगों ने अपनाया है।

सैलरी वाले लोगों को नए टैक्स स्लैब से फायदा नहीं

जानकारों की मानें तो सैलरी पाने वाले लोगों को नई टैक्स प्रणाली से कोई फायदा नहीं है। इसकी वजह यह है कि इसमें उन्हें HRA, LTA , सेक्शन 80C और सेक्शन 80D के तहत मिलने वाली कर छूट नहीं मिलेगी।

First Published - February 1, 2024 | 4:00 PM IST

संबंधित पोस्ट