इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की बिक्री और बाजार में उनकी हिस्सेदारी 2022 में खूब बढ़ी थी मगर जनवरी 2023 में इसमें गिरावट नजर आई। उद्योग भागीदारों के अनुसार ईवी की बिक्री में गिरावट की मुख्य वजह हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों का विनिर्माण और प्रसार बढ़ाने के लिए जारी फेम-2 योजना के तहत सब्सिडी रुकना, ईवी की लागत बढ़ना तथा सप्लाई अटकना है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के वाहन पोर्टल के आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल नवंबर में 1,19,483 वाहनों के साथ ईवी की मासिक बिक्री का रिकॉर्ड बन गया। मगर इस जनवरी में इनका पंजीकरण 15 फीसदी से भी ज्यादा गिरकर 1,00,852 वाहन ही रह गया। जनवरी में ईवी की बिक्री भी दिसंबर के 1,02,422 वाहनों से कम रही।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के आंकड़ों के मुताबिक पेट्रोल-डीजल वाहनों की तुलना में ईवी की बाजार हिस्सेदारी लगभग सभी तरह की श्रेणियों में घटी है। फाडा के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने कहा, ‘दोपहिया में बाजार हिस्सेदारी दिसंबर के 5.7 फीसदी से घटकर जनवरी में 5 फीसदी रह गई। तिपहिया वाहनों की हिस्सेदारी घटकर 50 फीसदी रह गई, जो दिसंबर में 53.3 फीसदी थी और यात्री वाहनों की हिस्सेदारी दिसंबर के 1.3 फीसदी से कम होकर 1 फीसदी रह गई। वाणिज्यिक वाहनों में इनकी हिस्सेदारी दिसंबर में 0.3 फीसदी थी, जो जनवरी में 0.2 फीसदी ही रह गई।’
सरकार द्वारा स्वच्छ ईंधन वाले वाहनों को बढ़ावा देने के लिए बजट में फेम योजना के तहत आंवटन दोगुना किए जाने और लिथियम-आयन बैटरियों के विनिर्माण के लिए सीमा शुल्क रियायत बढ़ाए जाने के बावजूद ईवी की बिक्री में गिरावट आई है।
फाडा के अनुसार जनवरी में इलेक्ट्रिक दोपहिया की रिटेल बिक्री जनवरी 2022 के मुकाबले 115 फीसदी बढ़कर 64,363 हो गई मगर दिसंबर 2022 की तुलना में इसकी बिक्री में महज 0.2 फीसदी वृद्धि देखी गई। जनवरी में इलेक्ट्रिक दोपहिया की बिक्री में ओला इलेक्ट्रिक (18,245), टीवीएस मोटर्स (10,404), एथर एनर्जी (9,139) और हीरो इलेक्ट्रिक (6,393) सबसे आगे रहीं। इलेक्ट्रिक तिपहिया की बिक्री दिसंबर की तुलना में 3 फीसदी घटकर 32,911 वाहन रही, जबकि जनवरी 2022 के मुकाबले इनकी बिक्री में 73 फीसदी इजाफा हुआ है।
दिलचस्प है कि इलेक्ट्रिक वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री जनवरी 2022 की तुलना में इस साल जनवरी में 215 फीसदी और दिसंबर 2022 की तुलना में 23 फीसदी घटी है। यात्री वाहनों की बिक्री साल भर पहले के मुकाबले 116 फीसदी बढ़ी है मगर दिसंबर 2022 की तुलना में इसमें सिर्फ 11 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। हालांकि इलेक्ट्रिक वाहनों की अग्रणी कंपनी टाटा मोटर्स की बिक्री जनवरी 2022 के मुकाबले पिछले महीने 73 फीसदी बढ़ी है लेकिन दिसंबर 2022 की तुलना में इसमें 17 फीसदी की गिरावट आई है।
इक्विटी शोध फर्म बीएनपी पारिबा की एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हाल के महीनों में लगभग सभी श्रेणियों में ईवी की बिक्री तकरीबन स्थिर रही है। मगर इनकी वजह अलग-अलग हैं। दोपहिया के मामले में सख्त नियम लागू होना, तिपहिया बाजार में किसी का दबदबा न होना और यात्री वाहनों के लिए ग्राहकों के पास व्यापक विकल्प उपल्बध नहीं होना प्रमुख है।’
उद्योग के आंकड़ों के मुताबिक फेम 2 की सब्सिडी से वंचित की गई ओकीनावा स्कूटर्स और हीरो इलेक्ट्रिक की बिक्री में नवंबर से क्रमशः 59 फीसदी और 39 फीसदी की गिरावट आई है। दोनों इलेक्ट्रिक दोपहिया विनिर्माताओं के डीलरों का दावा है कि बिक्री में गिरावट की वजह कीमतों में बढ़ोतरी और वाहनों के लिए लंबा इंतजार (वेटिंग पीरियड) है। केंद्र के फैसले का खमियाजा भुगत रहे अधिकतर डीलर ओकीनावा स्कूटर्स और हीरो इलेक्ट्रिक से संबंधित हैं क्योंकि फेम 2 से बाहर की गई 17 कंपनियों द्वारा बेचे गए कुल 2,43,310 वाहनों में इन दोनों की 83 फीसदी हिस्सेदारी है और 2022 में बिके कुल ईवी में इनका 20 फीसदी योगदान रहा। सितंबर 2022 में इन दोनों कंपनियों की सब्सिडी रोक दी गई थी।
फेम सब्सिडी पर रोक के कारण ईवी के दाम बढ़ गए हैं। अधिकतर ईवी कंपनियों ने अपने उत्पादों की कीमतों में पहले प्राप्त हुई सब्सिडी के अनुपात में या सब्सिडी राशि के कम से कम 20 फीसदी के बराबर वृद्धि की है। गुरुग्राम में ओकीनावा के एक डीलर ने कहा, ‘ओकिनावा के इलेक्ट्रिक स्कूटरों के दाम में 13,000 से 40,000 रुपये का इजाफा हुआ है।’ अब तक फेम-2 के तहत पंजीकृत 64 कंपनियों में से कम से कम 17 को इस योजना के तहत सब्सिडी लेने से रोक दिया गया है।