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Year Ender 2025: ट्रंप की सनक, ग्लोबल संकट और युगांतकारी बदलावों का सालहायर इंडिया में 49% हिस्सेदारी लेंगी भारती एंटरप्राइजेज और वारबर्ग पिंकस, स्थानीय उत्पादन और इनोवेशन को मिलेगी रफ्तारटॉप 1,000 में 60% शेयरों में नुकसान, निवेशकों ने आईपीओ और सोने की ओर रुख कियाDFCCIL और IRFC ने वर्ल्ड बैंक लोन रिफाइनेंसिंग समझौते पर हस्ताक्षर किए, सरकार को ₹2,700 करोड़ की बचत की उम्मीदYear Ender 2025: आईपीओ बाजार के लिए 2025 दमदार, आगे भी तेजी के आसारबीमारी के लक्षणों से पहले ही स्वास्थ्य जांच पर जोर, महत्त्वपूर्ण बदलाव के दौर से गुजर रहा भारत का डायग्नोस्टिक्स बाजारहाइपरस्केल डेटा सेंटर के टैक्स दर्जे पर सरकार से स्पष्टता की मांग, आईटीसी और मूल्यह्रास नियमों में बदलाव की सिफारिशकोहरे और सर्दी की चुनौतियों के बीच इंडिगो ने संभाला मोर्चा, कहा- उड़ानों में व्यवधान नहीं होने देंगेओला की गिरती बिक्री के बावजूद रफ्तार में इलेक्ट्रिक दोपहिया बाजार, 2025 में रजिस्ट्रेशन 13.1 लाख तक पहुंचने का अनुमानदूरसंचार विभाग का प्रस्ताव: BSNL के 23,000 नए बेस स्टेशन बनेंगे, निजी कंपनियों से मुकाबले की तैयारी

लेखक : कनिका दत्ता

आज का अखबार, लेख

जिंदगीनामा: महिला अधिकार दलों के लिए महज एक दांव

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस साल का ऐसा वक्त होता है जब पत्रकारों के इनबॉक्स ‘महिलाओं को सशक्त बनाने’ के लिए कंपनी जगत की किसी पहल को कवर करने के अनुरोध से भर जाते हैं। इस तरह की कुछ थोड़ी अलग पहलों का प्रभाव काफी अच्छा होता है लेकिन इनमें से कुछ प्रयास तब निरर्थक लगने लगते […]

आज का अखबार, लेख

जिंदगीनामा: श्रमिकों की भर्ती का ठेकेदार नहीं बने सरकार

बीते साल 7 अक्टूबर को हमास के साथ युद्ध छिड़ने के बाद इजरायल में पर्यटकों की संख्या बहुत तेजी से गिरी। जिस देश में हर माह औसतन तीन लाख से अधिक पर्यटक आते थे, वहां युद्ध शुरू होने के अगले ही महीने यानी नवंबर में यह संख्या केवल 39,000 पर आ गई। इसका सबसे प्रमुख […]

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PLI और Apple का बढ़ता आकार, FY2023 में कंपनी का निर्यात पांच गुना बढ़ा

भारत में ऐपल इंक उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की कामयाबी का प्रतीक बन गई है। कंपनी की उपलब्धियां प्रभावशाली हैं। वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का निर्यात पांच गुना बढ़कर पांच अरब डॉलर हो गया, यानी भारत से होने वाले कुल स्मार्ट फोन निर्यात का करीब 80 फीसदी। […]

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अंधाधुंध विकास के नाम पर हो रही बरबादी

पिछले दो दशकों में बेहतर सड़कों और हवाई संपर्क में सुधार के साथ-साथ मध्यम वर्ग की संपन्नता बढ़ने से भारत के घरेलू पर्यटन क्षेत्र में पूरी तरह से बदलाव दिख रहा है। अब कई स्मारकों और पर्यटन स्थलों पर विदेशी पर्यटकों से ज्यादा घरेलू पर्यटक देखे जा रहे हैं। वैसे यह रुझान कोरोना से पहले […]

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जिंदगीनामा: मानव संसाधन को स्थिर रखने का संघर्ष

ऐसे दौर में जब लोग एक नौकरी में कम समय तक टिक रहे हों और तेजी से नौकरी बदलने का रुझान बढ़ रहा हो, वैसे में शीर्ष स्तर की पेशेवर, प्रबंधकीय नौकरियों में प्रतिभाशाली लोगों को बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। इन दिनों एक से अधिक कंपनी में अंशकालिक स्तर पर काम करने की […]

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जिंदगीनामा: तबाही की फसल…..चुनाव की खातिर मुफ्त बिजली और पानी!

चुनाव की खातिर मुफ्त उपहारों और सब्सिडी (Freebies) तथा पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के खेतों में आग लगाए जाने की घटनाओं के बीच कोई रिश्ता एकदम नहीं नजर आता है लेकिन यह केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की नाकामी ही है कि किसानों को नि:शुल्क बिजली-पानी, रियायती दर पर उर्वरक और तयशुदा खरीद मूल्य […]

आज का अखबार, लेख

भारत से बढ़ता दोहरा प्रतिभा पलायन

आईबीएम के सीईओ और चेयरमैन अरविंद कृष्णा ने हाल में कहा कि वह कंपनी के भारत स्थित आर ऐंड डी सेंटर में विकसित हो रहे नवाचारों को लेकर बेहद उत्साहित हैं। इस बात पर हम अपनी देसी तकनीकी विशेषज्ञता पर खुद की पीठ थपथपा सकते हैं। असल में भारत में बहुराष्ट्रीय कंपनियां सेमीकंडक्टर और आर्टिफिशल […]

आज का अखबार, लेख

कारोबार में सरकार के हस्तक्षेप से लक्ष्य नहीं हुए पूरे

इत्र, प्रसाधन सामग्री, छाता, खिलौने, नकली गहने, सौर उपकरण, मोबाइल फोन जैसी कई वस्तुओं ने पिछले 10 वर्षों के दौरान नरेंद्र मोदी सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान का ध्यान आकृष्ट किया है। इनके अलावा 2016 से हुए घटनाक्रम पर विचार करते हैं, जो अलग-अलग प्रभाव छोड़ गए हैं या देश में कारोबारी माहौल को […]

आज का अखबार, लेख

Opinion: स्टार्टअप इकाइयों के प्रोमोटर कम सुरक्षित

भारत में उद्योग-प्रतिष्ठान अधिकांश परिवार नियंत्रित एवं प्रबंधित हैं। स्टार्टअप इकाइयों (Startup Companies) के साथ भी यह बात लागू होती है जहां मित्रों एवं परिवारों द्वारा कारोबार का प्रबंधन इनकी विशिष्ट पहचान होती है। इसके बावजूद दोनों को संचालित करने वाले निवेशकों की धारणा बहुत अलग है। परिवार-प्रबंधित इकाइयों के कुछ प्रवर्तक-प्रबंधक कुप्रबंधन के आरोप […]

आज का अखबार, लेख

Patriarchy: पितृसत्ता के चंगुल में खेल संगठन व संस्थान

इस समय जबकि दिल्ली पुलिस सांसद बृजभूषण शरण सिंह से निपटने की समस्या से जूझ रही है, भारतीय समाज में पैबस्त पितृसत्तात्मक ढांचा खुलकर देखने को मिल रहा है। मौजूदा विवाद इस बात को रेखांकित करता है कि सत्ता के साथ घालमेल के बाद जन्मजात अंधराष्ट्रवाद बहुत विषाक्त रूप ले लेता है। कैसरगंज के सांसद […]

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