
महिला सुरक्षा अधिकारों की पोल खोलता पहलवानों का यौन उत्पीड़न को लेकर विरोध
कार्यस्थलों पर महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए विधान को अस्तित्व में आए 10 वर्ष से अधिक समय बीत चुका है। तब बलात्कार की परिभाषा व्यापक बनाने के लिए आपराधिक विधानों में भी पहली बार संशोधन किए गए थे और दंड से जुड़े प्रावधान सख्त बना दिए गए थे। हालांकि, इन सख्त प्रावधानों के […]

निजी क्षेत्र में वंचितों को अवसर
इस साल भारत में चुनावों का दौर जारी रहने वाला है। ऐसे में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में उच्च कोटे की मांगों में और तेजी आने की उम्मीद है क्योंकि कई समुदायों में अचानक ही अपने पिछड़ेपन का भान होने लगा है। कुछ साल पहले, ऐसी मांग करने वालों में पटेल, मराठा और जाट […]

‘पीरियड लीव’ पर चर्चा आवश्यक
मासिक धर्म के दौरान अवकाश (पीरियड लीव) के प्रावधान पर बहस तेज हो गई है। क्या कंपनियों को अपनी महिला कर्मचारियों को पीरियड लीव देनी चाहिए? भारत में इस प्रश्न का उत्तर कई विषयों-सामाजिक संरचना, पुरुष कर्मचारियों के रवैये और महिलाओं की निजता का आदर-पर निर्भर करता है। पिछले कई दशकों से कार्यबल में महिलाओं […]

सभी सरकारें सांठगांठ वाले पूंजीवाद को देती हैं प्रश्रय
राजनीतिक विचारधारा के आधार पर ही अदाणी मामले को लेकर अलग-अलग लोगों में गुस्सा, खुशी, व्याकुलता और शर्मिंदगी जैसे अलग-अलग भाव देखने को मिले। राहुल गांधी को भी एक सहज मुद्दा मिल गया जिसके आधार पर वह भारत जोड़ो यात्रा के दौरान बनी अपनी छवि को मजबूत कर सकते थे। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि […]

वैश्विक संपत्ति और भारतीय व्यापार
मुकेश अंबानी या गौतम अदाणी के बारे में मीडिया में दिए गए संदर्भों में शायद ही कभी उनकी संपत्ति का उल्लेख होता है। मीडिया हमें याद दिलाती है कि अदाणी, भारत के सबसे अमीर व्यक्ति और फोर्ब्स की ‘रियल टाइम बिलियनेयर्स’ सूची में दुनिया के तीसरे सबसे अमीर अरबपति हैं। अंबानी भारत के दूसरे सबसे […]

कोविड की मार के बाद सुधार की राह पर उद्योग जगत
कोविड महामारी के कारण 2 वर्षों की आर्थिक बदहाली के बाद उम्मीद की जा रही थी कि भारत का उद्योग जगत तेजी और पूरे उत्साह से साथ वापसी करेगा। मगर ऐसा अब तक मुमकिन नहीं हो पाया है। अलबत्ता अदाणी, अंबानी और वेदांत जैसी कंपनियां नए निवेश प्रस्तावों के साथ वित्त वर्ष 2023 की पहली […]

सॉफ्ट पावर के बारे में कुछ कड़वी हकीकत
कतर ने फीफा विश्व कप के 22वें संस्करण की मेजबानी के लिए 200 अरब डॉलर से अधिक खर्च किए, जो ऐसे टूर्नामेंट के लिए पहले किसी अन्य मेजबान द्वारा खर्च की गई रकम की तुलना में बहुत अधिक है। पड़ोस में अबु धाबी और सऊदी अरब के साथ फुटबॉल में सरकार के निवेश, विशेष रूप […]