बाजार रुझान
वर्ष 2023 में भारत के शेष विश्व की तुलना में तेज वृद्धि हासिल करने की उम्मीद है लेकिन यह अच्छी खबर अस्थायी ही है क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था की खराब हालत की आशंका भी इसके समांतर चल रही है। मुद्रास्फीति बढ़ी हुई है और भारतीय रिजर्व बैंक सहित अधिकांश केंद्रीय बैंक इसे नियंत्रित करने के लिए […]
खतरनाक कचरे के खतरे
देश में कचरा प्रबंधन उद्योग की अनियमित प्रकृति के कारण हमारा देश दुनिया भर के कचरे का डंपिंग ग्राउंड बन गया है। यह बात हमारे पर्यावरण और जन स्वास्थ्य दोनों के लिए नुकसानदेह है। इसके लिए काफी हद तक निगरानी और नियंत्रण की कमजोरी, भ्रष्टाचार और सबसे बढ़कर गरीब भारतीय श्रमिकों की मौजूदगी जिम्मेदार है […]
धीमी वृद्धि वाला वर्ष
वर्ष 2022 को नकदी की आसान उपलब्धता की समाप्ति वाला वर्ष माना जा सकता है। कम से कम अब तक तो ऐसा ही है। यही वजह है कि आने वाला वर्ष ऊंची ब्याज दरों और धीमी वैश्विक वृद्धि वाला होगा। भारत में भी विभिन्न चैनलों के जरिये आर्थिक नतीजों पर इसका असर पड़ेगा। थोड़ी बहुत […]
चारे की कमी
सन 1970 के दशक में हुई श्वेत क्रांति के बाद से ही देश में डेरी क्षेत्र में मजबूत और ऊंची वृद्धि देखने को मिलती रही है लेकिन अब यह मुश्किल दौर से गुजरता नजर आ रहा है। इसकी मुश्किलें पशु आहार तथा चारे की कम आपूर्ति एवं ऊंची लागत की वजह से पैदा हुई हैं। […]
कानून व्यवस्था
एक बहुप्रयोजन वाले विधेयक की मदद से छोटे अपराधों की आपराधिकता समाप्त करने तथा 19 मंत्रालयों के तहत आने वाले 42 अधिनियमों के 183 प्रावधान संशोधित करने को कारोबारी सुगमता का माहौल सुधारने वाले तथा न्यायिक व्यवस्था की समस्याएं कम करने वाले उपाय के रूप में पेश किया जा रहा है। यह मोदी सरकार के […]
राजकोषीय सुदृढ़ीकरण को जोखिम
केंद्र सरकार ने गत सप्ताह यह निर्णय लिया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना बंद की जाएगी। यह योजना 28 महीने पहले इसलिए शुरू की गई थी ताकि महामारी के दौरान आबादी के वंचित वर्ग को सहायता पहुंचाई जा सके। इसके तहत उन्हें पांच किलोग्राम चावल या गेहूं नि:शुल्क दिया जा रहा था। अर्थव्यवस्था में […]
कठिन लक्ष्य
संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन के पक्षकारों के 15वें सम्मेलन (कॉप 15) का आयोजन पिछले दिनों कनाडा के मॉन्ट्रियल में किया गया। इस आयोजन में जो सहमति बनी वह कागजों पर तो काफी प्रभावशाली नजर आती है लेकिन उसका क्रियान्वयन काफी कठिन साबित हो सकता है। हालांकि इसकी फाइनैंसिंग के लिए एक व्यापक व्यवस्था बनाने […]
कोविड की नई दस्तक
चीन में बुरी तरह अलोकप्रिय हो चुकी कोविड शून्य नीति को वापस लिए जाने के बाद कोविड-19 संक्रमण के मामलों में विस्फोटक ढंग से इजाफा हुआ है। इससे यह आशंका उत्पन्न हो गई है कि कहीं हालात 2019 के आखिरी और 2020 के आरंभिक दिनों जैसे न हो जाएं। अमेरिकी लोक स्वास्थ्य वैज्ञानिक एरिक-फील-डिंग ने […]
सावधानी की जरूरत
कर अधिकारियों ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित मामलों में करदाताओं को कारण बताओ नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। सोमवार को इस समाचार पत्र ने खबर प्रकाशित की थी कि कंपनियों और पार्टनरशिप कंपनियों को 50,000 नोटिस जारी किए जा चुके हैं। इनमें ज्यादातर कंपनियां आभूषण और रियल एस्टेट क्षेत्र से जुड़ी […]
शराबबंदी की विफलता
बिहार में अवैध शराब का सेवन करने से 70 से अधिक लोगों की मौत हमें यह याद दिलाता है कि कैसे शराबबंदी समाज कल्याण की दृष्टि से भी और राज्य की वित्तीय स्थिरता के नजरिये से भी एक नाकाम नीति है। बिहार में 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे चुनावी हथियार के रूप में […]









