जैव-ईंधन का अर्थशास्त्र
सरकार ने पेट्रोल में एथनॉल की मात्रा बढ़ाकर 20 प्रतिशत (ई20) करने की समयसीमा अब 2025 कर दी है। पहले उसने 2030 तक यह लक्ष्य हासिल करने की योजना बनाई थी। सरकार को अपने इस निर्णय पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। नीतियों का विश्लेषण करने वाली निजी संस्था ऑर्कस ने पिछले सप्ताह […]
US Debt Crisis: जोखिम मुक्त नहीं ऋण सीमा बढ़ाना
अमेरिका में जो बाइडन प्रशासन और अमेरिकी संसद के निचले सदन (प्रतिनिधि) सभा के अध्यक्ष ने घोषणा की है कि वे ऋण सीमा बढ़ाने पर ‘सैद्धांतिक रूप’ से सहमत हो गए हैं। प्रतिनिधि सभा में रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों का बहुमत है। अमेरिका में सरकार वैधानिक रूप से तय एक सीमा से अधिक ऋण नहीं […]
सूचीबद्ध होने में लगने वाला समय कम करने के लिए ‘सूचीबद्धता समयसीमा’
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने सार्वजनिक निर्गमों के सूचीबद्ध होने में लगने वाला समय कम करने के संबंध में एक विमर्श पत्र जारी किया है। इस विमर्श पत्र के अनुसार सेबी का मानना है कि अगर सूचीबद्धता प्रक्रिया वर्तमान में टी+6 दिनों (टी निर्गम बंद होने की तिथि है) से घटाकर टी+3 कार्य […]
प्राप्ति योग्य लक्ष्य या मरीचिका ?
नरेंद्र मोदी सरकार ने यह लक्ष्य रखा है कि 2047 के पहले देश को ‘विकसित राष्ट्र’ का दर्जा दिलाना है। प्राथमिक तौर पर यह लक्ष्य बहुत ऊंचा नजर आता है और किसी को भी उचित ही यह आश्चर्य हो सकता है कि क्या 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने या इसी समय तक जीडीपी […]
अच्छा प्रदर्शन कर रहे भारतीय बैंक, लोन आवंटन बढ़ा और NPA घटा
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस सप्ताह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निदेशकों को अपने संस्थानों में संचालन और जोखिम प्रबंधन एवं आंतरिक अंकेक्षण से जुड़ी प्रक्रिया और चुस्त-दुरुस्त करने के लिए कहा। दास के इस निर्देश का अभिप्राय यह है कि बैंक किसी तरह के जोखिम की पहचान समय रहते […]
अदाणी हिंडनबर्ग मामला: आरोपों से पूरी तरह बरी नहीं
उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद इस सप्ताह अदाणी समूह की कंपनियों के शेयर खरीदने में निवेशकों की रुचि एक बार फिर बढ़ गई है। इस रिपोर्ट में इस साल जनवरी में हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में नियामकीय विफलताओं के संदर्भ में लगाए गए आरोपों के कोई ठोस साक्ष्य नहीं […]
एकतरफा फैसले
अर्थव्यवस्था में काले धन के प्रवाह पर नजर रखना और इस पर अंकुश लगाने के लिए उपाय करना सरकार के लिए स्वाभाविक सी बात है। तुलनात्मक रूप से अधिक परिपक्व अर्थव्यवस्थाओं में सर्वाधिक उत्पादक कार्यों को कर दायरे में लाने का पूरा ध्यान रखा जाता है ताकि कर वंचना या कर भुगतान में आनाकानी की […]
राजकोषीय समेकन की चुनौतियां
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के बोर्ड ने पिछले सप्ताह भारत सरकार को वर्ष 2022-23 के लिए अधिशेष रकम के रूप में 87,416 करोड़ रुपये हस्तांतरित करने का निर्णय लिया। सरकार ने RBI, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों से अधिशेष रकम के रूप में 48,000 करोड़ रुपये प्राप्त होने का लक्ष्य रखा था। RBI […]
पीएलआई आवंटन बढ़ाना काफी नहीं
देश में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण को बढ़ावा देने के एक और प्रयास के रूप में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सूचना-प्रौद्योगिकी (आईटी) हार्डवेयर के लिए उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना- 2.0 पर मुहर लगा दी। इस योजना के लिए 17,000 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। सरकार ने इस योजना के पिछले स्वरूप के […]
यूरोप में AI कानून के ड्राफ्ट को मंजूरी, भारत के लिए बनेगा उदाहरण
यूरोपीय संसद की एक समिति ने आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) कानून के मसौदे पर मुहर लगा दी है। अब इस मसौदे पर चर्चा होगी और संसद के आगामी सत्र में इस पर मतदान होगा। इस मसौदे में निहित प्रावधान इसके पारित होने से पहले बदल सकते हैं। यह अधिनियम न केवल यूरोपीय संघ में एआई यानी […]