facebookmetapixel
पिरामल फाइनेंस श्रीराम लाइफ में 14.72% हिस्सेदारी Sanlam ग्रुप को बेचेगी, ₹600 करोड़ का सौदाEPFO का बड़ा फैसला: नौकरी बदलते समय वीकेंड और छुट्टियां अब सर्विस ब्रेक नहीं मानी जाएंगीइस साल इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में लोगों की ये गलतियां पड़ीं भारी, रिफंड अटका और मिला नोटिसजापान की MUFG श्रीराम फाइनेंस में 20% खरीदेगी हिस्सेदारी, ₹39,618 करोड़ का निवेशस्मार्टफोन चमके, कपड़ा डूबा- भारत के निर्यात की अंदरूनी कहानी₹546 करोड़ जब्ती पर बड़ा मोड़, अवधूत साठे की याचिका पर SAT में 9 जनवरी को सुनवाईकम रिस्क में नियमित आमदनी? कैसे चुनें बेहतर फिक्स्ड इनकम म्युचुअल फंडIPO की राह पर अदाणी एयरपोर्ट्स, 2030 तक ₹1 लाख करोड़ निवेश का प्लानइंडसइंड बैंक की अकाउंटिंग गड़बड़ियों पर SFIO की सख्ती, बैंक अधिकारियों से हुई पूछताछ20% प्रीमियम पर लिस्ट हुआ ICICI Pru AMC, ब्रोकरेज ने दिए ₹3,000 से ज्यादा के टारगेट

लेखक : बीएस संपादकीय

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

Editorial: ब्रिक्स की पहेली

एक खराब विचार को मजबूती प्रदान करने की बात हो तो एक अच्छे ऐक्रोनिम (कुछ शब्दों के पहले अक्षर से एक नया संक्षिप्त शब्द गढ़ना) से बेहतर कुछ नहीं होता। ब्रिक्स के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ। जिस समय बीती सदी करवट ले रही थी उस समय गोल्डमैन सैक्स के अर्थशास्त्रियों ने यह जुमला […]

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

Editorial: बेपटरी वित्तीय व्यवस्था

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को रेल मंत्रालय के 32,512 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की जो देश के विभिन्न हिस्सों में रेल नेटवर्क का विस्तार करने से संबंधित थे। मंजूर किए गए धन का इस्तेमाल उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात और ओडिशा में किया जाएगा। क्षमता बढ़ाने में किया जाने वाला निवेश हाल […]

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

Editorial: अदूरदर्शी नियमन

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के नियमन के मुताबिक चिकित्सकों को केवल जनेरिक औषधियां लिखनी होंगी और ऐसा न कर पाने की स्थिति में वे दंड के भागीदार होंगे। यह नियम एक पुरानी समस्या का गलत निदान सुझाता है। जनेरिक औषधियां लिखने का प्रावधान सन 2002 से है और इसका अक्सर उल्लंघन होते देखकर एनएमसी ने […]

आज का अखबार, लेख

G20 की गांधीनगर बैठक से उपजा सुधार का खाका

वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की बैठक में विभिन्न कामों के जो नतीजे सामने आए वे विकसित व विकासशील देशों के नजरिये सामने रखते हैं। बता रहे हैं वी अनंत नागेश्वरन और अनूपा नायर जी20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की तीसरी बैठक 17-18 जुलाई को गांधीनगर में संपन्न […]

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

Editorial: व्यापक मशविरा जरूरी

संसद के हालिया सत्र के आखिरी कुछ घंटों में सरकार ने तीन नए विधेयक पेश किए जो अगर पारित हो गए तो देश के नागरिकों के शासन पर दूरगामी प्रभाव डालेंगे। नए विधेयक देश में आपराधिक न्याय और निगरानी संबंधी पुरानी संहिताओं का स्थान लेंगे। उन्हें भारतीय न्याय संहिता यानी बीएनएस कहा जाएगा और ये […]

आज का अखबार, लेख

Editorial: अधूरी तैयारी!

राजनीति सही मायनों में जनता के बीच ही होती है और कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भी संसद के मॉनसून सत्र के एक दिन बाद वहीं थे यानी वायनाड में अपने मतदाताओं के बीच। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की बदौलत उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल होने के बाद वह पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र में […]

आज का अखबार, लेख

प्रधानमंत्री मोदी ने दोबारा छेड़ी सुरक्षा की बहस

हमें प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने यह अवसर दिया है कि हम अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी बहस के सबसे पुराने प्रश्नों में से एक को उठाएं या खंगालें। वह यह कि आजाद भारत के इतिहास का सबसे खतरनाक दशक कौन था? पिछले दिनों संसद में अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने […]

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

Editorial: सतर्क ठहराव

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की गुरुवार को हुई बैठक में सभी जरूरी कदम उठाए गए। जैसी कि व्यापक तौर पर उम्मीद भी थी, छह सदस्यीय समिति ने नीतिगत रीपो दर को 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रहने दिया। ऐसा जुलाई और अगस्त महीनों में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की […]

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

Editorial: न्यायिक सुधार पर ठोस सलाह

देश के हालिया संवैधानिक इतिहास में सरकार की तीनों शाखाओं के बीच एक असहज करने वाला रिश्ता नजर आया है। खासतौर पर कार्यपालिका और विधायिका ने अक्सर न्यायपालिका को सीमित करने का प्रयास किया है। ऐसे में उच्च न्यायपालिका के कुछ लोगों समेत पर्यवेक्षकों के लिए यह स्वाभाविक ही था कि वे विधायिका द्वारा देश […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: बढ़ सकता है नीतिगत जो​खिम

भारतीय रिजर्व बैंक की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) इस सप्ताह मौद्रिक नीति की समीक्षा करेगी। यह समीक्षा तब की जा रही है जब अनुमान है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति की दर जुलाई में तय दायरे के ऊपरी स्तर को पार कर चुकी है। जून में यह दर 4.8 फीसदी थी। उपभोक्ता […]

1 71 72 73 74 75 91