Editorial: वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए चुनौतीपूर्ण माहौल
Global economic environment: वैश्विक आर्थिक माहौल में व्याप्त अनिश्चितता बीते कुछ महीनों में कम हुई है लेकिन निकट भविष्य का परिदृश्य कमजोर ही नजर आ रहा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने जुलाई माह का जो वैश्विक आर्थिक परिदृश्य प्रस्तुत किया है उसमें 2023 के लिए वैश्विक वृद्धि के अनुमान को 0.2 फीसदी बढ़ा दिया […]
मणिपुर में संस्थागत विफलता
मई माह में मणिपुर में कुकी जोमी महिलाओं पर भीड़ के हमले का जो परेशान करने वाला वीडियो सामने आया है वह इस बात को रेखांकित करता है कि राज्य के संस्थान कानून व्यवस्था की दिक्कतों से तत्काल और निष्पक्ष तरीके से निपटने में विफल रहे हैं और उनकी यह नाकामी निंदनीय है। 19 जुलाई […]
Editorial: धीमी रहेगी आईटी उद्योग की वृद्धि
सूचना एवं प्रौद्योगिकी (IT) उद्योग लोकप्रियता के संदर्भ में वापसी कर रहा है। परंतु वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून, 2023 के वित्तीय नतीजे और अनुमान इसे उचित ठहराते नहीं लगते। इस उद्योग की अग्रणी कंपनियों टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), विप्रो, एचसीएल टेक और इन्फोसिस (Infosys) के अनुमानित आंकड़ों को मामूली रूप से […]
Editorial: बढ़ेगा कल्याण योजनाओं पर व्यय
बीते कुछ सप्ताह में राष्ट्रीय बहस व्यापक रूप से इस बात पर केंद्रित रही है कि 2024 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए किस तरह राजनीतिक शक्तियां गोलबंदी कर रही हैं। गठबंधनों की व्यवहार्यता और उनके जीतने की संभावनाएं जहां अभी उभर ही रही हैं, वहीं इस बात पर चर्चा करना उचित होगा […]
Editorial: धारावी पुनर्विकास और अदाणी
अदाणी प्रॉपर्टीज (Adani Properties) ने गत नवंबर में मुंबई के धारावी क्षेत्र के पुनर्विकास (dharavi redevelopment project) की निविदा हासिल की थी। अब जबकि महाराष्ट्र सरकार ने अदाणी प्रॉपर्टीज को धारावी को नए सिरे से विकसित करने का प्रस्ताव पारित कर दिया है तो समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी […]
Editorial: खाद्य असुरक्षा की वापसी
गत वर्ष यूक्रेन के गेहूं निर्यात को रूसी आक्रमण से बचाने के लिए बहुत जोरशोर के साथ ब्लैक सी ग्रेन पहल (Black Sea Grain Initiative) पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसकी अवधि अब समाप्त हो चुकी है। रूस ने इसमें आगे भागीदारी करने से इनकार किया है। इसका अर्थ यह हुआ कि काला सागर एक […]
Editorial: गरीबी का मुकाबला
भारत ने बहुआयामी गरीबी कम करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। नीति आयोग (Niti Ayog) द्वारा तैयार नैशनल मल्टीडाइमेंशनल पॉवर्टी इंडेक्स: अ प्रोग्रेस रिव्यू 2023 के मुताबिक बहुआयामी गरीबी वाली आबादी की संख्या 2015-16 के 24.85 फीसदी से कम होकर 2019-21 तक 14.96 फीसदी रह गई। एक अनुमान के मुताबिक इस अवधि में […]
Editorial: गलत अभिरुचि
देश के सेमीकंडक्टर उद्योग को गति देने का सरकार का प्रयास सदिच्छा से भरा हुआ है लेकिन इस प्रक्रिया में करदाताओं के पैसे का ही नुकसान हो सकता है। सरकार ने इस दिशा में दो तरफा प्रयास किए हैं। पहला, उसने बनने वाले सेमीकंडक्टर की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए फाउंन्ड्रीज पर होने वाले […]
Editorial: सटीक हों प्राथमिकताएं
अब जबकि बीते कई दशकों के सबसे भीषण रेल हादसे की स्मृतियां धुंधली पड़ रही हैं, लगभग उसी समय समारोहपूर्वक शुरू की जा रही नई वंदे भारत ट्रेनें एक बार फिर सुर्खियों में नजर आ रही हैं। इस बीच एक सवाल जिसे गुम नहीं होने देना चाहिए वह यह है कि भारतीय रेलवे की वित्तीय […]
Editorial: सरकारी बैंकों के शेयरों में तेजी का लाभ उठाने का मौका
बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda) 19 जून को 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक बाजार पूंजीकरण हासिल करने वाला सरकार नियंत्रित दूसरा बैंक बन गया। पहला भारतीय स्टेट बैंक (SBI) है। बाजार पूंजीकरण किसी कंपनी के बाजार में कारोबार के लिए उपलब्ध सभी शेयरों (आउटस्टैंडिंग शेयर) का मूल्य होता है और यह संबंधित कंपनी […]








