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Editorial: धीमी रहेगी आईटी उद्योग की वृद्धि

निवेशकों ने बीते सप्ताह पहली तिमाही के नतीजों और अनुमानों के बाद आईटी सूचकांक को 5 फीसदी ऊपर पहुंचाया।

Last Updated- July 24, 2023 | 10:43 PM IST
The next big step for information technology development

सूचना एवं प्रौद्योगिकी (IT) उद्योग लोकप्रियता के संदर्भ में वापसी कर रहा है। परंतु वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून, 2023 के वित्तीय नतीजे और अनुमान इसे उचित ठहराते नहीं लगते।

इस उद्योग की अग्रणी कंपनियों टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), विप्रो, एचसीएल टेक और इन्फोसिस (Infosys) के अनुमानित आंकड़ों को मामूली रूप से निराशावादी या ज्यादा से ज्यादा सतर्क ढंग से आशावादी घो​षित किया जा सकता है।

बहरहाल निवेशकों ने बीते सप्ताह पहली तिमाही के नतीजों और अनुमानों के बाद आईटी सूचकांक को 5 फीसदी ऊपर पहुंचाया। इसे राहत भरी तेजी करार दिया जा सकता है क्योंकि इससे बुरे नतीजों की उम्मीद थी। कुछ निवेशक शायद अति आशावाद से भरे रहे हों क्योंकि आमतौर पर रुझान मजबूत था।

उत्तरी अमेरिका और यूरोपीय संघ में वृहद कमजोरी को लेकर घबराहट में कमी आई लेकिन अभी भी मजबूत वापसी की संभावना नजर आ रही है। क्लाइंट अभी भी विवेकाधीन व्यय पर अंकुश लगाए हुए हैं और निवेश पर तात्कालिक प्रतिफल न देने वाली परियोजनाओं से दूरी बना रहे हैं।

नए रुझानों की बात करें तो जहां शुरुआती दौर में जेनरेटिव एआई (ऐसी आर्टिफिशल इंटेलिजेंस जो विषयवस्तु, चित्र, आवाज आदि तैयार कर सके) को अपनाना उचित प्रतीत हो रहा है, वहीं व्यापक रूप से इस उद्योग में इसका इस्तेमाल लोकप्रिय धारणा के उलट बहुत संतुलित तरीके से होता दिख रहा है।

इन्फोसिस और टीसीएस दोनों ने इस क्षेत्र में आगे बढ़ना आरंभ कर दिया है। निकट अव​धि में वृहद आ​र्थिक चुनौतियां इस उद्योग पर असर डालती रहेंगी। परंतु अच्छे ऑर्डरों को देखते हुए फिलहाल तो यह क्षेत्र अच्छी ​स्थिति में नजर आ रहा है। आईटी कंपनियां 2024 के लिए अपने पुराने अनुमान को बरकरार रख रही हैं और प्रबंधन ने चेतावनी दी है कि ऑर्डर का राजस्व पर असर 2024 के अंत में ही नजर आएगा। पहली तिमाही के नतीजों में मार्जिन का दबाव साफ नजर आया और यह वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में बरकरार रह सकता है।

इन्फोसिस ने वित्त वर्ष 24 के लिए मुद्रा राजस्व के अनुमान के दायरे को पहले के 4-7 फीसदी से कम करके 1-3.5 फीसदी कर दिया है। उसने ऐसा तब किया है जबकि पहली तिमाही अनुमान से मजबूत थी और उसे ऑर्डर प्राप्त हुए हैं। इन्फोसिस ने कुछ कर्मचारियों की वेतन वृद्धि भी लंबित रखी।

एचसीएल टेक ने अपेक्षाकृत कमजोर पहली तिमाही के बावजूद अपने पुराने अनुमान बरकरार रखे हैं। टीसीएस का भी कहना है कि परिदृश्य में कुछ खास बदलाव नहीं आया है। विप्रो की पहली तिमाही बहुत अच्छी नहीं रही है और उसने भी कमजोर राजस्व अनुमान की पेशकश करते हुए संकेत दिया है कि दूसरी तिमाही में उसके राजस्व में कमी आ सकती है। उसने यह चेतावनी भी दी कि दूसरी छमाही में मार्जिन दबाव में आ सकता है।

बड़ी कंपनियों में नौकरी छोड़कर जाने वालों की संख्या कम हुई है लेकिन तिमाही दर तिमाही कर्मचारियों की कुल संख्या कम हुई है। टीसीएस के कर्मचारियों की संख्या में 523 का इजाफा हुआ और वह 6.15 लाख रही जबकि विप्रो के कर्मचारियों की तादाद में 8,812 की कमी आई। इन्फोसिस के कर्मचारियों की तादाद 6,940 कम हुई जबकि एचसीएल टेक के कर्मचारियों की तादाद 2,506 कम हुई। इन्फोसिस ने 2024 के लिए भर्ती लक्ष्य घो​षित नहीं किया जबकि आमतौर पर वह ऐसा करती रही है।

सभी कंपनियों ने श्रम श​क्ति के बेहतर और किफायती इस्तेमाल की बात कही है। इन्फोसिस ने यह भी कहा है कि एआई से कंपनी की आंतरिक प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव आया है और करीब 40,000 कर्मचारियों को इसे संभालने का प्र​शिक्षण दिया जा रहा है।

बहरहाल बाजार की प्रतिक्रिया और अनुमान में अंतर काफी अ​धिक है। इन कंपनियों का कारोबार तमाम क्षेत्रों और देशों में है। ऐसे में संभव है कि छोटी आईटी सेवा कंपनियों पर बुरा असर पड़े क्योंकि उनके पास इतने अ​धिक संसाधन नहीं हैं और वे जोखिम का सामना करने के​ लिए भी कम तैयार हैं।

First Published - July 24, 2023 | 10:43 PM IST

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