Editorial: डॉनल्ड ट्रंप की कारोबारी जंग
डॉनल्ड ट्रंप के अमेरिका का अगला राष्ट्रपति बनने की खबर ने विश्व व्यापार के भविष्य को अनिश्चित बना दिया है। ट्रंप बहुत पहले से ही संरक्षणवाद के मुखर समर्थक रहे हैं। उन्हें पूरा यकीन है कि विश्व व्यापार व्यवस्था कुछ इस तरह की है कि अमेरिका को नुकसान ही होना है। इन मायनों में वह […]
Editorial: मजबूत हों स्थानीय निकाय
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने स्थानीय निकायों की राजकोषीय स्थिति पर अध्ययन की शुरुआत करके तथा उसके निष्कर्षों को प्रकाशित करके अच्छी शुरुआत की है। नगर निकायों की वित्तीय स्थिति पर पहली ऐसी रिपोर्ट नवंबर 2022 में प्रकाशित की गई थी। उसके बाद पंचायती राज संस्थाओं की वित्तीय स्थिति पर एक अध्ययन पेश किया गया। […]
संपादकीय: कामयाबी की राह पर स्विगी…
स्विगी की प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) को 1.14 गुना खुदरा सबस्क्रिप्शन हासिल हुआ जबकि पात्र संस्थागत खरीदार क्षेत्र में करीब छह गुना सबस्क्रिप्शन प्राप्त हुआ। शेयर 8 फीसदी के प्रीमियम पर सूचीबद्ध हुआ और दिन समाप्त होते समय वह इश्यू कीमत से करीब 17 फीसदी ऊपर था। 11,327 करोड़ रुपये के इस इश्यू में 6,828 […]
संपादकीय: भारत में विदेशी फंडिंग
भारत को टिकाऊ स्तर पर उच्च निवेश की आवश्यकता है ताकि वह लंबी अवधि तक ऊंची वृद्धि दर हासिल कर सके। देश विकास के जिस चरण में है, वहां हमारी घरेलू बचत वृद्धि की सहायता कर पाने की दृष्टि से अपर्याप्त है। ऐसे में शेष विश्व से पूंजी जुटाने की आवश्यकता है। भारत में आने […]
संपादकीय: व्यापार समझौतों का पुनर्परीक्षण
गत सप्ताह नई दिल्ली में एक औद्योगिक संस्था के मंच से बोलते हुए सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग के मुख्य कार्याधिकारी (CEO) बीवीआर सुब्रमण्यम ने इस बात की हिमायत की कि भारत को बहुपक्षीय व्यापार समझौतों में शामिल होने पर विचार करना चाहिए। वह क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसेप) और प्रशांत पार साझेदारी के लिए […]
संपादकीय: फेडरल रिजर्व की भविष्य की राह
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) की निर्णायक जीत ने वहां के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की भविष्य की राह तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था पर उसके असर को लेकर अनिश्चितता बढ़ा दी है। उम्मीद के मुताबिक ही फेड की फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) ने गत सप्ताह फेडरल फंड की दरों में 25 आधार […]
संपादकीय: उच्च शिक्षा के लिए फंडिंग
उच्च शिक्षा की फंडिंग में सरकारी धन के उपयोग को लेकर बहस नई नहीं है। उच्च शिक्षा के अधिकांश लाभ जहां इसे हासिल करने वाले व्यक्ति को होते हैं, वहीं इसके कुछ बाहरी लाभ भी हैं, मसलन प्रत्यक्ष आर्थिक लाभ, उच्च शोध एवं नवाचार और अर्थव्यवस्था में अधिक कुशल श्रम शक्ति की उपलब्धता। उच्च शिक्षा […]
संपादकीय: क्या हो नीतिगत रुख
बीते वर्षों में अनेक केंद्रीय बैंकों ने अपना संचार बेहतर बनाने का प्रयास किया है ताकि वित्तीय बाजार नीतियों को गलत न समझे या उनकी गलत व्याख्या न करे। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भी इसका अपवाद नहीं है। मौद्रिक नीति के संदर्भ में गवर्नर के नीतिगत वक्तव्य तथा मौद्रिक नीति समिति (MPC) के संकल्प के […]
ट्रंप का दूसरा कार्यकाल: विश्व अर्थव्यवस्था और भूराजनीति के लिए नई अनिश्चितताएं
डॉनल्ड ट्रंप चार साल के अंतराल के बाद दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत गए हैं। इस जीत ने सर्वेक्षणों को धता बता दिया है और डेमोक्रेटिक पार्टी की चुनाव के पहले की आशंकाओं को रेखांकित किया है। यह मुकाबला किसी भी लिहाज से करीबी नहीं था। ट्रंप न केवल रिपब्लिकन प्रभुत्व […]
संपादकीय: चुनौतीपूर्ण है निजी पूंजी जुटाना
अजरबैजान की राजधानी बाकू में आगामी 11 से 22 नवंबर के बीच आयोजित होने जा रहे जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन (कॉप29) में जलवायु वित्त तथा इसके लिए राशि जुटाना वार्ताकारों के बीच प्रमुख विषय होगा। विभिन्न देश, खासकर एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देश जलवायु वित्त के मामले में करीब 800 अरब डॉलर की […]









