संपादकीय: शेयर बाजार पर बिकवाली का दबाव
वर्ष 2024-25 के दौरान देश के वित्तीय बाजारों में अस्थिरता का असर रहा है। खासतौर पर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) के रुख ने बाजार को प्रभावित किया है। अप्रैल 2024 से 4 नवंबर, 2024 तक एफपीआई ने कुल मिलाकर भारतीय शेयरों में तकरीबन 8,644 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की है। परंतु बिकवाली तीन खास […]
संपादकीय: आयुष्मान भारत में हो क्षमता विस्तार
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 70 से अधिक उम्र के सभी वरिष्ठ नागरिकों को (चाहे वे किसी भी आय वर्ग के हों) स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराना, भारत की जनसांख्यिकी में बदलाव की समझ को दर्शाता है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के मुताबिक साल 2050 तक भारत में उम्रदराज लोगों की हिस्सेदारी बढ़कर […]
Editorial: भारतीय बैंकिंग में AI का बढ़ता प्रभाव; निजी बैंक अग्रणी, नई तकनीकों से होगा विकास
अपनी हालिया भारत यात्रा के दौरान एनवीडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी जेन्सेन हुआंग ने इस बात पर जोर दिया कि भारत में यह क्षमता है कि वह नवाचार के इस युग में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) को अपनाकर लंबी छलांग लगा सकता है। एआई में यह काबिलियत है कि वह तकनीक का लोकतंत्रीकरण करे और लोगों […]
संपादकीय: मनरेगा पर घटे निर्भरता
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MANREGA) लागू हुए करीब 18 वर्ष हो चुके हैं और विभिन्न अध्ययनों ने दिखाया है कि ग्रामीण आजीविका पर इसका प्रभाव कितना सकारात्मक रहा है। यह योजना महामारी के दौरान और समाज के सर्वाधिक संवेदनशील वर्गों को जरूरी सहायता प्रदान करने में विशेष तौर पर उपयोगी साबित हुई। […]
संपादकीय: साइबर अपराधियों से सरकार ही निपटे
Digital Arrest: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने नवीनतम रेडियो संबोधन में साइबर ठगी (cyber fraud) के बढ़ते खतरे के बारे में बात की। हाल के दिनों में साइबर अपराधियों ने कई लोगों को निशाना बनाया है और उन्हें ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर धमकी दी है। वे साइबर ठगी करते समय पुलिस अधिकारी, प्रतिभूति बाजार […]
संपादकीय: एफएमसीजी कंपनियों का अलग-अलग अनुभव
हाल के महीनों में दैनिक उपयोग की उपभोक्ता वस्तुओं (एफएमसीजी) की कई कंपनियों के वरिष्ठ प्रबंधन ने एक जटिल समस्या को सामने ला दिया है। वह यह कि क्या भारतीय अर्थव्यवस्था विचलन की ओर है? दूसरे शब्दों में क्या दो अलग-अलग भारत दो अलग आर्थिक मार्गों पर बढ़ रहे हैं? एफएमसीजी कंपनियां आय वाले समय […]
Editorial: मांग में सुस्ती, निवेश को बढ़ावा देने की जरूरत
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ताजा मासिक बुलेटिन के अनुसार उच्च आवृत्ति वाले संकेतक बताते हैं कि मांग में लगातार इजाफा हो रहा है लेकिन पिछली तिमाहियों की तुलना में इसकी गति धीमी हुई है। केंद्रीय बैंक ने जहां चालू वर्ष के लिए अपने सालाना वृद्धि अनुमान को 7.2 फीसदी पर रखा है, वहीं इसकी […]
जनसांख्यिकीय दुविधा: अंतरराज्यीय प्रवास कैसे प्रदान कर सकता है समाधान
दक्षिण भारत के राज्यों के दो मुख्यमंत्री आंध्र प्रदेश के एन चंद्रबाबू नायडू और तमिलनाडु के एम के स्टालिन ने अपने-अपने राज्य के लोगों से आग्रह किया है कि वे और बच्चे पैदा करें। नायडू ने जापान, चीन और यूरोप में उम्रदराज होती आबादी के कारण सामने आ रही दिक्कतों के बारे में बताया। उन्होंने […]
Editorial: चीन के साथ वार्ता से बढ़ीं उम्मीदें, व्यापक स्तर पर भारत की कूटनीति की कामयाबी
रूस के कजान में ब्रिक्स बैठक से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच पांच साल में पहली बार औपचारिक मुलाकात हुई जिससे दोनों देशों के संबंधों में सुधार को लेकर उम्मीदें एक बार फिर बढ़ गई हैं। बैठक का सौहार्दपूर्ण स्वर इस मुश्किल रिश्ते के लिए मायने रखता है। […]
Editorial: आसान होंगे मुक्त व्यापार समझौते! नए दिशानिर्देश लाने की तैयारी में वाणिज्य विभाग
बीते कुछ वर्षों में मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर हस्ताक्षर करने की समझदारी को लेकर कई तरह की शंका प्रकट की गई हैं। अब खबर है कि वाणिज्य विभाग एफटीए पर वार्ताओं को लेकर ‘नए दिशानिर्देर्शों’ पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मांगेगा। ऐसी बातचीत के लिए मानक परिचालन प्रक्रियाओं (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर यानी एसओपी) को […]









