संपादकीय: प्रभावी आवागमन
ई-कॉमर्स कंपनियों सहित माल का बढ़ता आवागमन और प्राथमिक से अंतिम छोर तक बढ़ती आवाजाही भारतीय शहरों में बढ़ती भीड़, शोर और ध्वनि प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं। शहरों में माल की आवाजाही के प्रबंधन और लॉजिस्टिक की लागत कम करने के लिए उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार (डीपीआईआईटी) विभाग ने महानगरों के लिए व्यापक […]
Editorial: क्षमता केंद्रों को मिले सक्षम माहौल
बीते कुछ वर्षों में कारोबारी सेवा क्षेत्र में घटित कुछ अहम और उत्साहजनक घटनाओं में से एक है समग्र ‘वैश्विक क्षमता केंद्रों’ यानी जीसीसी का विकास जो बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए मददगार साबित होते हैं। इनमें से कई भारत में स्थित हैं या उन्हें भारत में बनाने की योजना है। यह दर्शाता है कि […]
Editorial: जलवायु वित्त पर असहमति, कॉप29 बैठक के कमजोर परिणाम
अजरबैजान की राजधानी बाकू में आयोजित कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (कॉप29) की 29वीं बैठक एक ऐसी जलवायु वित्त बैठक के रूप में आयोजित हुई जहां ऐतिहासिक रूप से अधिक उत्सर्जन करने वाले विकसित देश विकासशील देशों के जलवायु अनुकूलन और उत्सर्जन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए 2025 के आगे की नई वित्तीय प्रतिबद्धता तय करने […]
संपादकीय: एक बार फिर मुश्किल में अदाणी समूह
अदाणी समूह (Adani Group) एक बार फिर मुश्किल में है। इस बार एक्टिविस्ट शॉर्ट सेलर समूह हिंडनबर्ग रिसर्च की तुलना में कहीं अधिक विश्वसनीय स्रोत की ओर से समूह के खिलाफ आरोप लगाया गया है। गत वर्ष हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट के कारण बाजार में भूचाल आ गया था। वह रिपोर्ट अदाणी समूह की […]
Editorial: प्रक्रिया के बंदी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि संविधान दिवस के दिन उन विचाराधीन कैदियों को रिहा किया जाएगा जिन्होंने अपराध की अधिकतम तय सजा का एक तिहाई हिस्सा जेल में काट लिया है। यह देश की भीड़ भरी जेलों में जगह बनाने का एक नेक प्रयास है। परंतु काफी कुछ इस बात पर […]
Editorial: दबाव की अनदेखी नहीं
हाल के सप्ताहों में अर्थशास्त्र के कुछ विद्वानों ने कहा है कि भारत में आर्थिक गतिशीलता में धीमापन आ रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ताजा मासिक बुलेटिन में प्रकाशित आलेख ‘द स्टेट ऑफ इकॉनमी’ (अर्थव्यवस्था की स्थिति) को हालांकि रिजर्व बैंक के नजरिये का परिचायक नहीं माना जा सकता है लेकिन इसमें कहा […]
Editorial: रियो की हकीकत
जी20 रियो डी जनेरियो घोषणापत्र जिसका नेताओं ने मंगलवार को समर्थन किया उसमें दुनिया भर में मौजूद अधिकांश अहम मुद्दों का जिक्र किया गया है। ये मुद्दे हैं: युद्ध, जलवायु परिवर्तन, गरीबी और भूख, समता और वैश्विक संचालन आदि। इस दौरान मेजबान देश ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा जिन्हें लूला के नाम […]
संपादकीय: देश की राजधानी का घुटता दम
Delhi Pollution: वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) द्वारा ग्रेडेड रिस्पॉन्स ऐक्शन प्लान (ग्रेप) के चरण चार को अधिसूचित किए जाने के एक दिन बाद भी दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार ही देखने को मिला। राजधानी में इस सप्ताह वायु गुणवत्ता सूचकांक अथवा एक्यूआई 450 के ऊपर बना रहा। इस संबंध में सर्वोच्च […]
संपादकीय: बिजली क्षेत्र में सुधार जरूरी
केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विद्युत उत्पादन और वितरण कंपनियों समेत तमाम बिजली कंपनियों को उचित ही यह सलाह दी है कि वे शेयर बाजार में सूचीबद्ध हो जाएं। यदि ये कंपनियां बाजार मानकों के अधीन होतीं तो यह सलाह बहुत प्रभावी साबित होती। परंतु भारत का बिजली क्षेत्र का बाजार राजनीति से […]
Editorial: किफायती वितरण की आवश्यकता
केंद्र सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत देश के 81.35 करोड़ लोगों को नि:शुल्क खाद्यान्न मुहैया कराती है। यह अनाज अंत्योदय अन्न योजना के तहत आने वाले परिवारों तथा अन्य प्राथमिकता वाले परिवारों को देश भर में मौजूदा पांच लाख से अधिक उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से बांटा जाता है। यह […]









