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Editorial: फेडरल रिजर्व ने घटाई ब्याज दरें, ट्रंप के दबाव और वैश्विक बाजारों पर नजरप्राइवेंट बैंकों के मुकाबले सरकारी बैंकों का प्रदर्शन फिर बेहत, लेकिन चुनौतियां बरकरारअगर ‘इंडिया’ गठबंधन सत्ता में आया तो बढ़ेगी घुसपैठ: गृह मंत्री अमित शाहबिहार में ग्रेजुएट बेरोजगारों को 2 साल तर हर महीने मिलेंगे ₹1000, मुख्यमंत्री निश्चय भत्ता योजना का दायरा बढ़ानागराजू बोले: नैबफिड को शहरी स्थानीय निकायों को भी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए धन देना चाहिएभारत में दोगुने हुए करोड़पति परिवार, लग्जरी कार बाजार को मिलेगा दमराहुल गांधी का आरोप: कर्नाटक में कांग्रेस समर्थक मतदाताओं के नाम हटाने की कोशिश, चुनाव आयोग का इनकारPFRDA प्रमुख बोले: बॉन्ड बाजार लंबी अवधि और कम रेटिंग वाले कर्ज से कतराता है, इससे फंडिंग पर संकटट्रंप बोले: हम मोदी के बहुत करीब हैं लेकिन भारत पर रूस से तेल आयात के लिए 50% टैरिफ लगायाICAR के पूर्व महानिदेशक सहित कई शीर्ष वैज्ञानिकों ने PM मोदी से GM सरसों पर से प्रतिबंध हटाने की मांग की

लेखक : अभिजित लेले

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार, आपका पैसा, बैंक, वित्त-बीमा

वर्ष 2025 में सरकारी बैंकों ने दिए ज्यादा ऋण

मार्च में समाप्त वित्त वर्ष 2025 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के ऋणों में वृद्धि की रफ्तार बनी रही जबकि बैंक ऋणों में कुल मिलाकर नरमी रही। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति रिपोर्ट (अप्रैल 2025) के अनुसार ऋणों में उनकी हिस्सेदारी एक साल पहले के 51.7 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2025 में 57.3 […]

आज का अखबार, बैंक, वित्त-बीमा

वित्त वर्ष 2026 में बैंकों के 1.51 लाख करोड़ रुपये के कर्ज बट्टे खाते में जाने की आशंका

भारत के वाणिज्यिक बैंकों के इस वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 26) में 1.51 लाख करोड़ रुपये के फंसे हुए कर्ज को बट्टे खाते में डालने के आसार हैं। रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुमान के अनुसार बैंक अपने बहीखाते को दुरुस्त करने के लिए यह कदम उठा सकते हैं। रेटिंग एजेंसी के अनुसार वित्त वर्ष 26 […]

आज का अखबार, बैंक, वित्त-बीमा

बैंकों और NBFC ने कम बेचे कर्ज, चौथी तिमाही में सिक्योरिटाइजेशन 50,000 करोड़ रुपये के पार

बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा सिक्योरिटाइजेशन के जरिये निवेशकों को ऋणों की बिक्री की जाती है। इस तरीके से ऋण बिक्री ने मार्च 2025 को खत्म हुई चौथी तिमाही में 50,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर लिया है और यह पिछले वर्ष की समान अवधि के 48,000 करोड़ रुपये से […]

आज का अखबार, भारत

अमेरिका की नीतियों से बदलेगी एजुकेशन लोन की तस्वीर, भारतीय बैंकों ने शुरू किया पुनर्मूल्यांकन

डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन की सख्त प्रवासन नीतियों और शैक्षणिक संस्थानों को समर्थन देने में अनिश्चितता के आसार बनने के कारण, भारत के कुछ बैंकों ने अमेरिका जाने वाले छात्रों के लिए अपनी शिक्षा ऋण नीतियों का दोबारा मूल्यांकन करना शुरू कर दिया है। विदेश में अध्ययन के मामले में ऋण पूरी तरह से गिरवी संपत्ति […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

GDP का 1.1 % चालू खाते का घाटा

वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2024) में भारत के चालू खाते का घाटा (सीएडी) मामूली बढ़कर 11.5 अरब डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 1.1 प्रतिशत हो गया है। यह एक साल पहले की समान अवधि में 10.4 अरब डॉलर या जीडीपी का 1.1 प्रतिशत था। भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों […]

आज का अखबार, आपका पैसा, बैंक, वित्त-बीमा

वित्त वर्ष 26 के अंत में शीर्ष पर होगा एनपीएल

वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसऐंडपी ने बुधवार को कहा कि भारत के माइक्रोफाइनैंस संस्थानों के लिए अप्रैल 2025 से लागू होने जा रहे सख्त ऋण मानदंडों से परिसंपत्ति गुणवत्ता के दबाव पर अंकुश लगेगा। सूक्ष्म ऋण क्षेत्र में गैर निष्पादित ऋण (एनपीएल) अनुपात 31 मार्च, 2026 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के अंत तक उच्च […]

अंतरराष्ट्रीय, अर्थव्यवस्था, आज का अखबार, आपका पैसा, वित्त-बीमा

खाड़ी से ज्यादा विकसित देशों से आया पैसा

वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान विदेश से भारत भेजे गए कुल धन का आधे से अधिक हिस्सा अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसी विकसित अर्थव्यवस्थाओं से आया है। यह भारत के कुशल प्रवासियों के दूसरे देशों में जाने के पैटर्न में बदलाव को दर्शाता है। 2023-24 में भारत भेजे गए कुल धन में खाड़ी […]

आज का अखबार, बैंक, वित्त-बीमा

जिम्मेदारियों के प्रति सचेत रहें UCB: मल्होत्रा

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) से खासकर जमाकर्ताओं द्वारा उन पर जताए गए भरोसे के मद्देनजर अपनी जिम्मेदारियों को लेकर सचेत रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि भरोसा बरकरार रखने के लिए ग्राहक सेवाओं के उच्च मानकों का पालन करने करने की जरूरत है। रिजर्व […]

आज का अखबार, बैंक, वित्त-बीमा

PSB: सरकारी बैंकों को पूंजी जुटाने की रफ्तार बढ़ाने की जरूरत: वित्तीय सेवा सचिव

वित्तीय सेवाओं के विभाग के सचिव एम. नागराजू ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को समयबद्ध ढंग से पूंजी जुटाने का रोडमैप तैयार करने, संसाधनों का समुचित उपयोग और मध्यस्थता लागत घटाने की आवश्यकता है। उन्होंने भारतीय बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) की सालाना आम बैठक को संबोधित करते हुए आज कहा कि हरेक बैंक की […]

आज का अखबार, ताजा खबरें, बैंक, वित्त-बीमा

Fitch की आई रिपोर्ट, इन बैंकों की रेटिंग में किया बदलाव

वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने जोखिम प्रोफाइल में सुधार को देखते हुए मंगलवार को सार्वजनिक क्षेत्र के दो कर्जदाताओं पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) व यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की व्यवहार्यता रेटिंग (वीआर) बीबी माइनस से बढ़ाकर बी प्लस कर दी है। इसने नई दिल्ली के पीएनबी और मुंबई के यूनियन बैंक के लिए दीर्घावधि इशुअर […]

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