भाजपा के सांसद महेन्द्र सिंह पी चव्हाण द्वारा पेश किए गए पर्यावरण संरक्षण : गैर जैवअवक्रमणीय कूड़ा कचरा नियंत्रण : विधेयक 2013 के कारणों और उद्देश्यों में यह बात कही गयी है ।
इस गैर सरकारी विधेयक में कहा गया है कि पर्यावरण प्रदूषण और इसके दुष्प्रभावों ने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है तथा पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिये विभिन्न प्रकार की योजनाओं पर काम किया जा रहा है ।
विधेयक कहता है, इस संबंध में शहरों में कूड़ा कचरा हटाना एक प्रमुख समस्या बन गया है । इसमें ठोस अपशिष्ट पदार्थो का प्रमुख हिस्सा जैव अवक्रमणीय कूड़े कचरे का है । इसे जीवित प्राणियों द्वारा नष्ट किया जा सकता है या उर्जा के स्रोत या खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है ।
लेकिन गैर जैव अवक्रमणीय कचरे को आधुनिक सभ्यता के श्राप की संग्या देते हुए विधेयक में कहा गया है कि पालीविनायल क्लोराइड : पीवीसी :, पोलीप्रोपायलीन और पोलिएस्टीरीन और पदार्थो से निर्मित प्लास्टिक के आगमन ने पर्यावरणीय विपत्तियां पैदा कर दी हैं जिनसे स्वास्थ्य को खतरा उत्पन्न हो गया है ।
विधेयक कहता है कि ऐसे पदार्थ गटर, नालियों और समुद्री मुहाने को अवरूद्ध कर देते हैं और यह ऐसी समस्या है जिसका समाधान कर पाना सीवेज इंजीनियरों के लिए अत्यंत दुष्कर हो गया है । इससे मिट्टी ठोस बन जाती है और जल का प्रवाह अवरूद्ध हो जाता है । इससे मिट्टी की उर्वरता और जल ग्राह्यता कम हो जाती है ।
इस विधेयक का मकसद ऐसे गैर जैवअवक्रमणीय पदार्थो के प्रयोग और निपटान को नियंत्रित करना है ।
भाषा नरेश
नरेश मीना दि50
03171434 दि
नननन