अधिकतर भारतीय अपनी रिटायरमेंट के लिए वित्तीय रूप से तैयार नहीं हैं और कई लोगों को इसकी गंभीरता का अहसास भी नहीं है।
एचडीएफसी पेंशन के एक हालिया सर्वेक्षण में महज 20 फीसदी प्रतिभागियों ने माना कि 30 साल की उम्र से पहले ही सेवानिवृत्ति की योजना शुरू होनी चाहिए। यह सर्वेक्षण 1,801 लोगों के बीच किया गया।
लगभग सभी प्रतिभागियों का मानना था कि करीब 1.3 करोड़ रुपये (कई मामलों में परिवार की मौजूदा वार्षिक आय के 10 गुने से भी कम) का सेवानिवृत्ति कोष उनके लिए पर्याप्त होगा। लोगों की मौजूदा जरूरतें उनकी सेवानिवृत्ति की राह में अक्सर बाधा के रूप में दिखती हैं।
बियॉन्ड लर्निंग फाइनैंस के प्रमाणित वित्तीय योजनाकार जीनल मेहता ने कहा, ‘अधिकतर लोगों की आय का एक बड़ा हिस्सा होम लोन अथवा कार लोन की अदायगी में चला जाता है। ऐसे में सेवानिवृत्ति योजना के लिए उनके पास मामूली बचत होती है। कई लोग तो अपने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खाते से भी पैसा निकालते हैं।’
क्या है आपका आर-नंबर
अधिकतर लोग यह तय नहीं कर पाते हैं कि सेवानिवृत्ति के बाद आराम से रहने के लिए उन्हें कितनी रकम की जरूरत होगी।
एसोसिएशन ऑफ रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स (एआरआईए) के सदस्य जय ठक्कर ने कहा, ‘आम तौर पर लोगों को अपनी वार्षिक आय के मुकाबले 30 गुनी रकम बचाने का लक्ष्य रखना चाहिए। ऐसा खास तौर पर उन लोगों के लिए है, जिनकी सेवानिवृत्ति में अभी कुछ दशक बाकी हैं।’
उदाहरण के लिए अगर आपका मासिक खर्च 1 लाख रुपये है (यानी सालाना 12 लाख रुपये) तो आपको सुकून से रिटायर होने के लिए 3.6 करोड़ रुपये की जरूरत होगी।
आम तौर पर लोगों की धारणा यह होती है कि उम्र के साथ-साथ खर्च कम हो जाएंगे, मगर यह गलत है। बैंकबाजार के मुख्य कार्याधिकारी आदिल शेट्टी ने कहा, ‘ज्यादातर लोग सोचते हैं कि सेवानिवृत्ति के बाद जीवनशैली और उपभोग की जरूरतें कम हो जाएंगी। इसलिए उन्हें अधिक आय की जरूरत नहीं होगी।’
जल्द शुरुआत के फायदे
अपने सेवानिवृत्ति लक्ष्य को परिभाषित करें और अनुमान लगाएं कि उसे हासिल करने के लिए आपको कितनी बचत करने की जरूरत है।
वित्तीय नियोजन फर्म हम फौजी इनिशिएटिव के मुख्य कार्याधिकारी कर्नल (सेवानिवृत्त) संजीव गोविला ने कहा, ‘आप जितनी जल्दी बचत करना शुरू करेंगे, आपकी रकम को बढ़ने के लिए उतना ही अधिक समय मिलेगा। यहां तक कि आप यदि हर महीने महज एक छोटी रकम भी बचा लेते हैं तो वह लंबे समय में बढ़ बड़ी हो जाएगी क्योंकि उसकी चक्रवृद्धि की ताकत आपके पक्ष में काम करती है।’
अगर आपकी उम्र 20 वर्ष के आसपास है तो आप लंबी अवधि के लिहाज से इक्विटी म्युचुअल फंड और शेयर बाजार जैसी जोखिम वाली परिसंपत्तियों में अधिक निवेश कर सकते हैं।
गोविला ने कहा, ‘ईपीएफ और नैशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) जैसी कर लाभ वाली सेवानिवृत्ति बचत योजनाओं का फायदा उठाएं।’ अप्रत्याशित चिकित्सा खर्च से बचने के लिए स्वास्थ्य बीमा खरीदें। इससे आपकी आय प्रभावित नहीं होगी और सेवानिवृत्ति मद की बचत बरकरार रखने में मदद मिलेगी। इसके अलावा आपातकालीन जरूरतों को पूरा करने के लिए एक कोष बनाएं।
लगातार करें बचत
अगर आपकी उम्र 30 से 40 वर्ष के बीच है तो आपको लगातार बचत करने की जरूर है। इसके लिए आप किसी पेशेवर की सहायता से स्पष्ट तौर पर लक्ष्य निर्धारित करें। लक्ष्य ऐसा होना चाहिए जो आपको अपनी वर्तमान जीवनशैली को बनाए रखते हुए बचत के लिए उपयुक्त हो।
ठक्कर ने कहा, ‘धीरे-धीरे निवेश बढ़ाकर अपनी आय 20 से 25 फीसदी तक ले जाएं। जोखिम से बचते हुए अधिक से अधिक फायदा उठाने के लिए अपने निवेश पोर्टफोलियो में विविधता लाएं। इसके लिए शेयर, इक्विटी म्युचुअल फंड, सोना, इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट) और रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट फंड (रीट) आदि में निवेश करें।’
एनपीएस में योगदान जारी रखें और ईपीएफ एवं स्वैच्छिक भविष्य निधि (वीपीएफ) में अधिक से अधिक योगदान करें। अगर आपने कोई कर्ज लिया है तो उसे जल्द से जल्द चुकाने की योजना बनाएं। शेट्टी ने कहा, ’30 से 40 साल की उम्र वाले लोगों की व्यक्तिगत एवं पेशेवर दोनों जीवन में कुछ हद तक स्थिरता दिखने लगती है।’ ऐसे में उन्हें अपनी सेवानिवृत्ति योजनाओं के लिए तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।
उम्र है 50 पार तो बढ़ाएं रफ्तार
अगर आप अपने सेवानिवृत्ति लक्ष्य से काफी पीछे छूट गए हैं तो इस दशक में आपको निवेश की रफ्तार अवश्य बढ़ानी चाहिए। गोविला ने कहा, ‘सेवानिवृत्ति के समय आवश्यक रकम का स्पष्ट तौर पर आकलन करें और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त बचत करें।’ उन्होंने सुझाव दिया कि इस दौरान लोगों को पेंशन योजनाओं पर गौर करना चाहिए।
सेवानिवृत्ति की बचत के लिए अपने मकान एवं अन्य परिसंपत्तियों का आकार घटाने पर भी विचार किया जा सकता है। मेहता ने कहा, ’50 का दशक सेवानिवृत्ति बचत के लिहाज से काफी महत्त्वपूर्ण अवधि है।
हालांकि यदि आपके पास बच्चों या माता-पिता की देखभाल की जिम्मेदारी है तो बचत करना आपके लिए काफी मुश्किल हो सकता है।’ इसके अलावा बच्चों की शादी-ब्याह अथवा पार्टी पर जरूरत से अधिक खर्च करने से बचें।
इन सब के बावजूद अगर आप अपने सेवानिवृत्ति लक्ष्य तक पहुंने से चूक जाते हैं तो आप अपनी नौकरी कुछ साल आगे बढ़ाने पर भी विचार कर सकते हैं। ठक्कर ने कहा, ‘अपनी आय का करीब 30 फीसदी हिस्सा सेवानिवृत्ति मद में रखें और जल्द से जल्द कर्ज चुकाने पर ध्यान दें।’