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Real Estate: भारतीय रियल एस्टेट बाजार में बढ़ा पर्यावरण के अनुकूल मकान बनाने का चलन

साल 2010 के बाद प्रमाणित ग्रीन बिल्डिंग की संख्या में पांच गुना वृद्धि दर्ज की गई है। भारत के कुल ग्रेड ए ऑफिस स्टॉक का 61 फीसदी प्रमाणित ग्रीन बिल्डिंग है।

Last Updated- November 24, 2023 | 10:31 PM IST
Real estate company Signature Global will expand its business रियल एस्टेट कंपनी सिग्नेचर ग्लोबल करेगी कारोबार का विस्तार

उद्योग जगत और निवेशकों के बीच पर्यावरण के प्रति बढ़ती जागरूकता के कारण भारतीय रियल एस्टेट बाजार में पर्यावरण के अनुकूल मकान बनाने का चलन बढ़ रहा है। वे वैश्विक मानदंडों का अनुपालन करने और अपने कर्मचारियों को स्वस्थ कार्यस्थल प्रदान करने के लिए अधिक खर्च करने के लिए भी तैयार हैं।

सस्टेनेबल रियल एस्टेट: एन ऑपरच्युनिटी टु लीवरेज शीर्षक के तहत केपीएमजी इंडिया और कोलियर्स की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में भारत के ऑफिस रियल एस्टेट बाजार में पर्यावरण के अनुकूल परियोजनाओं पर काफी जोर दिख रहा है। यही कारण है कि ग्रीन ऑफिस के स्टॉक में 2016 के मुकाबले 83 फीसदी की वृद्धि हुई है।

रिपोर्ट में 2016 के बाद की अवधि पर गौर किया गया है क्योंकि मकान खरीदारों के हितों की रक्षा करने और रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए रियल एस्टेट (विनियमन एवं विकास) अधिनियम 2016 को उसी साल लागू किया गया था।

रिपोर्ट से पता चलता है कि सितंबर 2023 तक ग्रेड ए ऑफिस बिल्डिंग के लिए बेंगलूरु में सबसे अधिक 14 करोड़ वर्ग फुट ग्रीन बिल्डिंग स्टॉक दर्ज किया गया। उसके बाद दिल्ली- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र 74 करोड़ वर्ग फुट के साथ दूसरे पायदान पर और 72 करोड़ वर्ग फुट के साथ हैदराबाद तीसरे पायदान पर रहा।

साल 2010 के बाद प्रमाणित ग्रीन बिल्डिंग की संख्या में पांच गुना वृद्धि दर्ज की गई है। भारत के कुल ग्रेड ए ऑफिस स्टॉक का 61 फीसदी प्रमाणित ग्रीन बिल्डिंग है।

भारत ग्लोबल वार्मिंग के कारण भूस्खलन, बेमौसम बारिश, सूखा और बाढ़ जैसी प्राकृतिक चुनौतियों से जूझ रहा है। ऐसे में पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को अपनाना न केवल एक विकल्प बल्कि आवश्यकता हो गई है। यही कारण है कि रियल एस्टेट क्षेत्र अपनी परियोजनाओं के विभिन्न चरणों में पर्यावरण के अनुकूल समाधानों को अपनाने पर जोर दे रहा है।

उदाहरण के लिए, कॉनकॉर्ड रियल्टर्स ने 225 करोड़ रुपये के रणनीतिक निवेश के साथ अगले दो वर्षों में 20 लाख वर्ग फुट से अधिक वाणिज्यिक बायोफिलिक वर्कस्पेस तैयार करने की योजना बनाई है।

बायोफिलिक डिजाइन का उद्देश्य भवन और स्पेस तैयार करना है जो लोगों को प्रकृति से जोड़ते हैं। चालू वर्ष के दौरान कंपनी ने बेंगलूरु में पर्यावरण के अनुकूल वर्कस्पेस के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। कॉनकॉर्ड के रिहायशी एवं वाणिज्यिक मकानों के कुल पोर्टफोलियो में ग्रीन ऑफिस स्पेस की हिस्सेदारी 5 फीसदी है।

कॉनकॉर्ड के अनुसार, बायोफिलिक स्पेस पारंपरिक कार्यस्थलों के मुकाबले कई मायनों में लाभप्रद हैं। डिजाइन एवं नवाचार के लिहाज से बायोफिलिक स्पेस कम कार्बन उत्सर्जन के साथ कामकाज के लिए एक स्वस्थ वातावरण उपलब्ध कराता है। दूसरी ओर, ग्रीन वर्कस्पेस के किराये भी अधिक होते हैं।

कॉनकॉर्ड की निदेशक ग्रीष्म रेड्डी ने कहा, ‘आगे चलकर हमारा सभी वाणिज्यिक स्पेस ऐसे डिजाइन के साथ बायोफिलिक होगा जो कामकाजी लोगों की सेहत और जीवनशैली को बेहतर करने में मददगार होंगे। हमारे कार्यस्थल में पेड़-पौधे, धूप और बारिश जैसे प्राकृतिक तत्वों को समाहित करने का खास ध्यान रखा गया है ताकि मनुष्य और प्रकृति के बीच खाई बढ़ने न पाए।’

गुरुग्राम की रियल एस्टेट कंपनी ओकस ग्रुप ने द्वारका एक्सप्रेसवे पर अपनी परियोजना ओकस मेडले में पर्यावरण के अनुकूल विशेषताओं और सुविधाओं को खास तौर पर समाहित किया है।

कंपनी के अनुसार, भवन के ढांचे से लेकर डिजाइन, लेआउट, जगह और आगे के हिस्से तक में ऊर्जा-कुशल मॉडल को अपनाया गया है।

ओकस ग्रुप के मुख्य कार्याधिकारी विनोद राजपाल ने कहा, ‘पर्यावरण के अनुकूल विकास की मांग बढ़ रही है और उसके लिए निवेशक अधिक खर्च करने के लिए भी तैयार हैं। इस प्रकार की परियोजनाएं न केवल लंबी अवधि के पर्यावरण संबंधी लक्ष्यों पर केंद्रित होती हैं बल्कि उस पर रिटर्न भी अधिक मिलने की उम्मीद है। इसलिए यह एक विवेकपूर्ण निवेश विकल्प है।’

बेंगलूरु की कंपनी ब्रिगेड एंटरप्राइजेज ने भी अपने पर्यावरण के अनुकूल कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया है। ब्रिगेड ग्रुप की संयुक्त प्रबंध निदेशक निरुपा शंकर ने कहा, ‘हालांकि पर्यावरण के अनुकूल परियोजना सामाजिक तौर पर जिम्मेदार होने के हमारे बुनियादी मूल्यों के साथ-साथ व्यावसायिक पहलू में भी मदद करती है। इन परियोजनाओं को बेचना अथवा पट्टे पर देना आसान होता है।’

First Published - November 24, 2023 | 10:31 PM IST

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