नैशनल कंपनी लॉ अपील ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने शुक्रवार को जेट एयरवेज (Jet Airways) के कामयाब बोलीदाता जालान कैलरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) की याचिका खारिज कर दी, जिसमें कंसोर्टियम ने विमानन कंपनी के विमान की बिक्री को चुनौती दी थी।
ट्रिब्यूनल ने एनसीएलटी के आदेश के खिलाफ जेकेसी की अपील पर सुनवाई पूरी कर ली थी, जिसमें विमानन कंपनी की निगरानी समिति को जेट की विमान बिक्री पूरी करने को कहा गया था।
ऑल इंडिया जेट एयरवेज ऑफिसर्स ऐंड स्टाफ एसोसिएशन ने भी एनसीएलटी के आदेश के खिलाफ अपील की थी। एनसीएलटी ने शुक्रवार को इसे भी खारिज कर दिया।
जेकेसी ने दलील दी थी कि विमान बिक्री का एनसीएलटी का आदेश उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर था। कहा गया कि नवंबर 2022 में बिक्री रोक दी गई थी क्योंकि निगरानी समिति में असहमति थी। समिति में जेकेसी और लेनदार हैं।
इस बीच, विमान की संभावित खरीदार माल्टा की ऐस एविएशन ने कहा है कि हर क्षण विमान की वैल्यू घट रही है और कहा कि एनसीएलटी ने बिक्री की रकम 400 करोड़ रुपये एस्क्रो खाते में जमा कराने का निर्देश दिया था। उसने यह भी कहा कि निगरानी समिति इस पर फैसला ले सकती है कि बिक्री की रकम का उनके बीच कैसे वितरण होगा।
कंपनी ने दावा किया था कि वह इसमें से 50 करोड़ रुपये पहले ही जमा करा चुकी है और वह बाकी रकम भी जमा कराने की योजना बना रही थी।
लेनदारों की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल वेंकटरमन ने कहा था कि रखरखाव लागत के कारण वे विमान को सही रखने की खातिर सार्वजनिक रकम गंवा रहे हैं।