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इजरायली कंपनी संग संयुक्त उपक्रम में भारतीय कंपनियों की दिलचस्पी कम

वर्ष 2010 में टावर ने सरकार के स्वामित्व वाली सेमी-कंडक्टर लैबोरेटरी (एससीएल) को 80 नैनोमीटर चिप बनाने में मदद की थी।

Last Updated- October 24, 2023 | 10:59 PM IST
Semiconductor

संयुक्त उपक्रम (चिप टेक्नोलॉजी स्थानांतरण समेत) बनाने के लिए कई भारतीय कंपनियों के साथ इजरायली कंपनी टावर सेमी कंडक्टर की शुरुआती बातचीत अब सुस्ती पड़ती दिख रही है।

टावर के मुख्य कार्या​धिकारी रसेल सी एलवांगर के नेतृत्व में प्रबंधन टीम पिछले सप्ताह भारत आई थी और उसने आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर से मुलाकात की थी।

एक सरकारी अ​धिकारी ने पु​ष्टि की है कि टावर के अ​धिकारियों ने चार-पांच भारतीय कंपनियों से बातचीत की है, लेकिन हमारा मानना है कि इन कंपनियों से इस प्रस्ताव के संबंध में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई गई है। सूत्रों का 3 कहना है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज और जिंदल भी इन कंपनियों में शामिल थीं।

वर्ष 2010 में, टावर ने सरकार के स्वामित्व वाली सेमी-कंडक्टर लैबोरेटरी (एससीएल) को 80 नैनोमीटर चिप बनाने में मदद की थी। सूत्रों का कहना है कि टावर इस इकाई को बहाल करने के लिए वै​श्विक और भारतीय कंपनियों को सरकार के निमंत्रण में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है, जिसके लिए उसने पूंजी निर्धारित की है।

टावर का 514 अरब डॉलर में अ​धिग्रहण करने के लिए समझौता करने वाली अमेरिकी चिप दिग्गज इंटेल ने वर्ष 2022 में इसे रद्द करने का निर्णय लिया और 35.3 करोड़ डॉलर का टर्मिनेशन शुल्क चुकाया। वै​श्विक रिपोर्टों में कहा गया कि इंटेल चीन से नियामकीय मंजूरी लेने में विफल रही, जो विलय के लिए जरूरी थी।

सरकारी अ​धिकारियों का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी कि सौदा क्यों विफल हुआ। वहीं इस संबंध में टावर को भेजे गए सवालों का जवाब नहीं मिला है।

अ​धिकारी ने कहा कि टावर तकनीकी मुहैया कराने और भागीदारी तलाशने को इच्छुक है, लेकिन किसी संभावित भारतीय सौदे में बड़ा निवेश किए जाने की संभावना नहीं है।

इन चर्चाओं से अवगत लोगों का कहना है कि मुख्य समस्या यह है कि टावर चिपों के लिए एनालॉग टेक्नोलॉजी मुहैया कराती है, जो 45 नैनोमीटर से 250 नैनोमीटर की रेंज से जुड़ी हुई है, जबकि भारतीय कंपनियां डिजिटल चिप पसंद करती हैं।

भारतीय कंपनियां 65-नैनोमीटर तक के चिप पर ध्यान देना चाहेंगी और आधुनिक प्रौद्योगिकियों की दिशा में बढ़ने पर जोर देंगी, क्योंकि जरूरी निवेश काफी बड़ा है।

टावर के प्रति सुस्त प्रतिक्रिया का अन्य कारण यह भी है कि कंपनियों को लगता है कि इजरायल में मौजूदा राजनीतिक उथल-पुथल की वजह से ​फिलहाल कोई निर्णय लेना कठिन हो गया है।

First Published - October 24, 2023 | 10:59 PM IST

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