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5 करोड़ रुपये या उससे अधिक के कारोबार पर अगस्त से ई-इनवाॅयस

Last Updated- May 12, 2023 | 9:24 AM IST
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पांच करोड़ रुपये या उससे अधिक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए 1 अगस्त से बिज़नेस से बिज़नेस लेन-देन के लिए ई- इनवॉयसिंग करना अनिवार्य होगा। वर्तमान समय में 10 करोड़ या उससे अधिक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए ई-इनवॉयसिंग अनिवार्य है।

वित्त मंत्रालय ने बुधवार को नया कानून अधिसूचित किया। इसमें ई-इनवॉयसिंग की तय सीमा कम कर दी गई है। जारी अधिसूचना के मुताबिक 5 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले करदाता को बिज़नेस से बिज़नेस (बी2बी) आपूर्ति के लिए ई-इनवॉयस का उपयोग करना होगा। इसका ध्येय लेन-देन की अधिक मात्रा को डिजिटाइजिंग करना, बिक्री में अधिक पारदर्शिता, खामियों और मिलान नहीं होने को कम करना, ऑटोमेटिक डाटा एंट्री और कानून के पालन को बेहतर करना है।

अक्टूबर, 2020 में ई-इनवॉयसिंग (इलेक्ट्रानिक बिलिंग) की शुरुआत हुई थी और इसे 500 करोड़ रुपये या उससे अधिक की टर्नओवर वाली इकाइयों के लिए अनिवार्य किया गया था।

इस सीमा को बाद में बी2बी लेन-देन के लिए घटाकर 100 करोड़ रुपये, फिर 2021 में 50 करोड़ रुपये, बाद में 20 करोड़ रुपये और फिर 2022 में 10 करोड़ रुपये किया गया था।

First Published - May 12, 2023 | 9:23 AM IST

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