चीन में फैले निमोनिया से बढ़ी चिंताओं के बीच डॉक्टरों का कहना है कि सांस संबंधी बीमारियों का भारत में प्रसार का कोई मामला सामने नहीं आया है। हालांकि, कुछ अस्पतालों ने दावा किया कि सर्दी के सीजन में निमोनिया से बचाव के लिए टीका लगवाने वाले वयस्कों की संख्या बढ़ रही है।
चीन के उत्तरी इलाके में हाल ही में सांस से जुड़ी बीमारी में तेजी आई है। वहां विशेषकर बच्चों में निमोनिया, नोवल एवियन इनफ्लूएंजा (एच9एन2), फ्लू और कोविड-19 के मामले बढ़े हैं। इसके मद्देनजर, केंद्र सरकार ने राज्यों एवं जिलों के स्वास्थ्य विभाग को दिशानिर्देश जारी कर इनफ्लूएंजा एवं सांस के गंभीर रोगों की निगरानी करने को कहा है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIMS) दिल्ली के बालरोग विभाग में प्रोफेसर डॉ. राकेश लोढा ने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। जो मामले सामने आए भी हैं, वे इस सीजन में सामान्य बात है।
सीके बिरला अस्पताल के नवजात एवं बाल चिकित्सा विभाग की निदेशक डॉ. पूनम सिधाना कहती हैं कि हमने अभी तक भारत में सांस संबंधी रोगों में तेजी नहीं देखी है। यहां प्रदूषण के कारण लोग पहले से ही सावधानी बरत रहे हैं। देश में सर्दी की शुरुआत में अमूमन बुखार और सांस के रोग अपना असर दिखाते हैं। इस दौरान यहां निमोनिया और फ्लू से बचने के लिए टीका लगवाने वालों की संख्या बढ़ जाती है।
नानावटी मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल मुम्बई में पल्मोनोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. सलिल एस. बेंद्रे भी यही बात कहते हैं। उनका कहना है कि जागरूकता के कारण भारत में टीका लेने वाले वयस्कों की संख्या बढ़ रही है।
फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट में बालरोग विभाग के प्रमुख एवं निदेशक डॉ. कृष्ण चुघ ने कहा कि निमोनिया से बचाव के लिए टीका लेने वालों की संख्या बढ़ी तो है, लेकिन यह अभी उतनी नहीं है, जितनी होनी चाहिए।