ऋणदाता दिवालिया शिपयार्ड कंपनी रिलायंस नेवल ऐंड इंजीनियरिंग (RNEL) के अधिग्रहण के लिए हेजल मर्केंटाइल को अग्रिम नकद भुगतान के वास्ते अधिक समय देने पर सहमत हो सकते हैं। 23 जुलाई की समय सीमा पूरी करने में विफल रहने के बाद हेजल ने अदालत में दो और महीने की मांग की थी।
हेजल मर्केंटाइल ने अग्रिम राशि का भुगतान करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा है। उसने समय सीमा तक धन जुटाने में असमर्थता के लिए बाजार में उथल-पुथल का हवाला दिया है।
हेजल ने आरएनईएल के लिए 2,100 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी, जो पहले अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी थी। कंपनी ने 13,000 करोड़ रुपये का ऋण नहीं चुकाया था। कंपनी को ऋणशोधन अक्षमता और दिवाला संहिता, 2016 के तहत ऋण समाधान के लिए एनसीएलटी भेजा गया था।
हेजल को उसकी पेशकश में से 23 जुलाई तक 263 करोड़ रुपये का भुगतान करना था। इस साल मार्च की भुगतान अवधि पूरी करने में असमर्थ रहने के बाद बैंकों को अग्रिम राशिक का भुगतान करने के लिए कंपनी द्वारा निर्धारित यह दूसरी समय सीमा थी। एनसीएलटी अगले सप्ताह याचिका पर सुनवाई करेगा।
एक बैंकर ने कहा कि जेट एयरवेज की तरह, रिलायंस नेवल का ऋण समाधान अटका हुआ है क्योंकि बोलीदाता को नकदी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक बैंकर ने कहा कि हम बोलीदाता को अधिक समय देने पर सहमत हो गए हैं और अगर बोलीदाता पीछे हटती है, तो कंपनी को परिसमापन के लिए भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि हेजल को अपनी पेशकश का कुछ हिस्सा चुकाने के लिए कहा जाएगा, ताकि कंपनी को चालू रखा जा सके और इसके दैनिक खर्चों को पूरा किया जा सके।
समाधान योजना की समय सीमा के अनुसार बीएसई पर सूचीबद्ध स्वान एनर्जी के स्वामित्व वाली हेजल मर्केंटाइल को दिसंबर 2023 तक ऋणदाताओं को 312 करोड़ रुपये और अगले साल दिसंबर तक 196 करोड़ रुपये की एक और किस्त का भुगतान करना है।