केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के अपने उधारी कैलेंडर के लिए 50 साल की अवधि की एक नई प्रतिभूति पेश की है। जीवन बीमा कंपनियों, खासकर भारतीय जीवन बीमा निगम की ओर से लंबे समय से इसकी मांग की जा रही थी।
वित्त वर्ष की दूसरी छमाही का उधारी कैलेंडर जारी करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा, ‘बहुत लंबी अवधि की प्रतिभूतियों को लेकर बाजार की मांग को देखते हुए 50 साल की अवधि की नई डेटेड सिक्योरिटी पेश करने का फैसला किया गया है।’
बाजार हिस्सेदारों ने कहा कि 30,000 करोड़ रुपये के 50 साल के बॉन्ड की खरीदारी बीमा कंपनियां ही कर लेंगी।।
कोटक लाइफ इंश्योरेंस के कार्यकारी उपाध्यक्ष चर्चिल भट्ट ने कहा, ‘50 साल का बॉन्ड पेश किया गया, क्योंकि बीमा कंपनियों की तरफ से इस तरह की मांग थी।’ भट्ट ने कहा कि इसकी व्यापक मांग बीमा क्षेत्र में है।
डीलरों ने कहा कि केंद्र सरकार की उधारी की राशि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में 6.6 लाख करोड़ रुपये है। यह बाजार की उम्मीदों के मुताबिक है।
आईडीबीआई बैंक के ट्रेजरी के प्रमुख और कार्यकारी निदेशक अरुण बंसल ने कहा, ‘उधारी बजट के आंकड़ों के मुताबिक है। पहले इसकी घोषणा करना अच्छा है, जिससे उसके मुताबिक समायोजन हो सकेगा।
इसकी नीलामी फरवरी 2024 के मध्य में होगी, जिससे अंतिम तिमाही में प्रतिफल को लेकर दबाव कम रहेगा, क्योंकि तब तक रीपो रेट को लेकर स्थिति और साफ हो सकेगी। 20,000 करोड़ रुपये के लिए 5, 10 और 30 साल के ग्रीन बॉन्ड जारी होंगे।’
एक निजी बैंक के ट्रेजरी प्रमुख ने कहा कि उधारी उम्मीद के मुताबिक है। अक्टूबर और नवंबर में उधारी उम्मीद से थोड़ी कम रहेगी, लेकिन यह दिसंबर से जोर पकड़ेगी। चालू वित्त वर्ष में उधारी की 15.43 लाख करोड़ रुपये की योजना में से 42 प्रतिशत दूसरी छमाही में आएगा।
बहरहाल इस बीच सरकार के बॉन्डों का प्रतिफल मंगलवार को कारोबार केअंत तक सभी घाटे की भरपाई करने में कामयाब रहा। शुरुआती कारोबार में प्रतिफल में बढ़ोतरी हुई। बेंचमार्क प्रतिफल दिन के उच्च स्तर 7.18 प्रतिशत पर पहुंच गया। 10 साल का बॉन्ड मंगलवार को 7.14 प्रतिशत पर बंद हुआ, जो सोमवार को 7.15 पर बंद हुआ था।