स्मॉल फाइनैंस बैंकों ने आज कहा कि पूर्ण या यूनिवर्सल बैंक बनने से पहले उन्हें अपने ग्राहकों के लिए सभी तरह के उत्पाद एवं सेवाएं शुरू करनी होंगी। बिज़नेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई इनसाइट समिट 2023 में विभिन्न स्मॉल फाइनैंस बैंकों (SFB) के आला अधिकारियों ने यह राय रखी।
एयू स्मॉल फाइनैंस बैंक के प्रबंध निदेशक संजय अग्रवाल ने कहा, ‘पूर्ण बैंक बनने के लिए पहले आप ग्राहकों पर ध्यान दीजिए और अधिक से अधिक उत्पाद तथा सेवाएं मुहैया कराइए, उसके बाद यूनिवर्सल के तमगे पर ध्यान दीजिए। ऐसा नहीं हो सकता कि आपके पास कोई उत्पाद नहीं है मगर आप कहें कि पहले मुझे यूनिवर्सल बैंक बनाओ, उसके बाद मैं उत्पाद लाऊंगा। मुझे नहीं लगता कि यह सही रणनीति है।’
अग्रवाल ने कहा कि एसएफबी को अब सभी तरह के उत्पाद देने होंगे और अगर वे ग्राहकों की हर तरह की जरूरतें पूरी करते हैं तो ग्राहक यह नहीं देखेंगे कि आप स्मॉल फाइनैंस बैंक हैं या यूनिवर्सल बैंक।
उन्होंने बताया कि उनके बैंक को अधिकृत डीलर (एडी) श्रेणी-1 का लाइसेंस मिला है, जिससे अगले साल काम शुरू होगा। उन्हें नहीं लगता कि उनका बैंक ऐसा कोई उत्पाद नहीं दे सकता, जो यूनिवर्सल बैंक देता है।
उज्जीवन स्मॉल फाइनैंस बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी इंत्तिरा डेविस ने कहा कि यूनिवर्सल बैंक बनने के लिए पात्रता का खाका अब बन गया है। उन्होंने कहा, ‘अगर स्मॉल फाइनैंस बैंक उनके उद्देश्यों को पूरा कर देते हैं तो वे यूनिवर्सल बैंक क्यों नहीं बन सकते।’
भारतीय रिजर्व बैंक ने निजी क्षेत्र में स्मॉल फाइनैंस बैंक को साल भर लाइसेंस देने की सुविधा पर अपने दिशानिर्देशों में कहा था कि क्षेत्र को स्थिरता हासिल करने के लिए पांच साल देने के बाद और समीक्षा करने के बाद वह एसएफबी की गतिविधियों का दायरा बढ़ा सकता है। इन दिशानिर्देशों के अनुसार अगर कोई एसएफबी यूनिवर्सल बैंक बनना चाहता है तो कम से कम पांच साल तक उसका काम संतोषजनक होना चाहिए।
फिलहाल स्मॉल फाइनैंस बैंक को रकम जमा करने और कर्ज की सुविधा से महरूम या न के बराबर सुविधा वाले वर्गों को कर्ज देने की ही इजाजत है।
किसी स्मॉल फाइनैंस बैंक को यूनिवर्सल बैंकिंग का लाइसेंस मिलता है तो उसे 15 फीसदी के बजाय केवल 9 फीसदी पूंजी पर्याप्तता अनुपात रखना होगा। इसी तरह उसे कुल ऋण के 75 फीसदी के बजाय केवल 40 फीसदी ऋण प्राथमिकता वाले क्षेत्र को देना होगा।
डेविस से जब पूछा गया कि क्या वह भी यूनिवर्सल बैंक के लिए मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा, ‘उज्जीवन में हमने रिवर्स मर्जर का इंतजार करने का फैसला किया है। हम अपना पोर्टफोलियो संतुलित करेंगे। यह जानकारी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध है। हमारी कंपनी को यूनिवर्सल बैंक बनने से कोई नहीं रोक सकता।’
बेंगलूरु का यह स्मॉल फाइनैंस बैंक उज्जीवन फाइनैंशियल सर्विसेज की सहयोगी इकाई है और दो-तीन महीनों में अपनी उसी होल्डिंग कंपनी के साथ विलय करने जा रहा है।
स्मॉल फाइनैंस बैंकों में डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग के बारे में डेविस ने कहा, ‘यूपीआई में जो तकनीकी क्रांति हुई वही हमारे क्षेत्र में भी शुरू हो गई है। हम मानते हैं कि इससे काफी बदलाव आएगा। ग्राहक ऋण लेने और चुकाने में डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहे हैं। यह हमारी उम्मीद से भी ज्यादा तेजी से हो रहा है। इसलिए प्रौद्योगिकी से वित्तीय समावेश होगा।’
यूनिटी स्मॉल फाइनैंस बैंक के प्रंबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) इंद्रजीत कैमोत्रा ने कहा, ‘स्मॉल फाइनैंस बैंक उन क्षेत्रों को सेवा देते हैं, जहां बैंकिंग सेवाएं नहीं हैं या बहुत कम हैं। हमारा बैंक 2.5 करोड़ से अधिक लोगों को सीधे अपनी सेवाएं देता है। एसएफबी करीब 10 करोड़ भारतीयों से जुड़े हैं।’
जन एसएफबी के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ अजय कंवल ने कहा, ‘पिछले छह-सात साल से और खास तौर पर कोविड-19 के दौरान हम सबने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की तरह काम किया है और दिखाया है कि हम उम्दा संस्थान हैं। सुधार की गुंजाइश हमेशा रहती है मगर सभी स्मॉल फाइनैंस बैंकों ने कठिन दौर देखा है।’