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FAME-3 में ई-सार्वजनिक परिवहन पर रहेगा जोर: भारी उद्योग मंत्रालय

FAME-3 के तहत महिलाओं के नाम पर रजिस्टर्ड किसी भी प्रकार के ई-वाहन पर 10 फीसदी अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जा सकता है।

Last Updated- January 03, 2024 | 10:34 PM IST
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भारी उद्योग मंत्रालय इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण एवं उपयोग में तेजी लाने के लिए बनाई गई फेम योजना के तीसरे चरण पर काम कर रहा है। हितधारकों से हुई बातचीत के आधार पर तैयार हो रही फेम-3 में 26,400 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे। इसमें से लगभग 8,158 करोड़ रुपये ई-दोपहिया को मिलेंगे मगर सबसे ज्यादा जोर ई-बसों पर होगा, जिनके लिए 9,600 करोड़ रुपये रखे जाने की योजना है। योजना में 4,100 करोड़ रुपये ई-तिपहिया के लिए रखे जाएंगे।

प्रस्तावित योजना का जोर इलेक्ट्रिक वाहनों पर आधारित सार्वजनिक परिवहन को बढ़ाने पर रहेगा ताकि पर्यावरण के अनुकूल परिवहन को बढ़ावा दिया जा सके। योजना में पहली बार ई-ट्रैक्टर को बढ़ावा देने की भी बात चल रही है, जिसके लिए 200 करोड़ रुपये रखे जाएंगे। हाइब्रिड वाहन तथा हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलने वाले वाहन भी इसमें शामिल हो सकते हैं मगर शुरुआत में इनके लिए केवल 100 करोड़ रुपये होंगे। इलेक्ट्रिक चारपहिया के लिए करीब 1,800 करोड़ रुपये होंगे।

इलेक्ट्रिक दोपहिया के लिए सब्सिडी चार साल तक जारी रखने की बात चल रही है मगर हर साल इसकी रकम घटती जाएगी। पहले साल में वाहन की बैटरी देखकर 15,000 रुपये प्रति किलोवाट घंटा (केडब्ल्यूएच) के हिसाब से सब्सिडी रहेगी।

दूसरे साल में यह घटकर 7,500 रुपये, तीसरे साल में 3,000 रुपये और चौथे साल में केवल 1,500 रुपये प्रति केडब्ल्यूएच रह जाएगी। सरकार का अनुमान है कि पांचवें साल में ई-दोपहिया की कुल बिक्री 105 लाख यूनिट तक पहुंच जाएगी। पहले दो साल में प्रत्येक वाहन पर अधिकतम 15,000 रुपये की ही सब्सिडी मिलेगी जो तीसरे साल में अधिकतम 6,000 रुपये और चौथे साल में 3,000 रुपये रह जाएगी।

टैक्सी जैसे ई-चारपहिया के लिए भी सब्सिडी घटती रहेगी। पहले साल में 10,000 रुपये प्रति केडब्ल्यूएच सब्सिडी होगी, जो दूसरे साल में 8,000 रुपये, तीसरे साल में 5,000 रुपये और चौथे साल में 3,500 रुपये रह जाएगी। पहले साल में प्रत्येक वाहन पर अधिकतम 1.5 लाख रुपये सब्सिडी मिलेगी और घटते-घटते चौथे साल में 65,000 रुपये ही रह जाएगी।

ई-तिपहिया के लिए भी ऐसी ही व्यवस्था का प्रस्ताव है, जिसमें सब्सिडी पहले साल 15,000 रुपये प्रति केडब्ल्यूएच होगी मगर घटकर चौथे साल में 5,000 रुपये ही रह जाएगी। पहले साल में इन पर अधिकतम 1 लाख रुपये सब्सिडी मिलेगी, जो चौथे साल में अधिकतम 50,000 रुपये ही रह जाएगी।

इलेक्ट्रिक बस के लिए पूंजीगत व्यय के आधार पर सब्सिडी देने या पीएम ई-बस सेवा योजना की तरह वायबिलिटी गैप फंडिंग मॉडल अपनाने की बात चल रही है। इस योजना के अंतर्गत तकरीबन 36,700 ई-बसों को सब्सिडी दी जाएगी।

योजना में महिलाओं को बढ़ावा देने पर भी विचार किया जा रहा है। इसके तहत महिलाओं के नाम पर रजिस्टर्ड किसी भी प्रकार के ई-वाहन पर 10 फीसदी अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जा सकता है।

First Published - January 3, 2024 | 10:34 PM IST

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