देश के करीब 80 प्रतिशत इलेक्ट्रिक दोपहिया बाजार पर ओला इलेक्ट्रिक, टीवीएस आईक्यूब, एथर और बजाज चेतक का दबदबा है। हालांकि कई लोगों को इस पर आश्चर्य होगा कि केरल तेजी से भारत का ईवी दोपहिया केंद्र कैसे बन रहा है और इस मामले में वह कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात तथा तमिलनाडु जैसे उन राज्यों से आगे है जहां बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर है।
जनवरी से सितंबर तक दोपहिया ईवी बिक्री पर आधारित जेएम फाइनैंशियल की एक रिपोर्ट के अनुसार केरल करीब 46,336 इलेक्ट्रिक वाहनों की कुल बिक्री के साथ भारत में पांचवे नंबर पर है और कुल दोपहिया के प्रतिशत के तौर पर उसकी पहुंच 12.2 प्रतिशत है जो भारत में सर्वाधिक है।
इसकी तुलना महाराष्ट्र (9.5 प्रतिशत), कर्नाटक (10.6 प्रतिशत), गुजरात (6.9 प्रतिशत) और तमिलनाडु (5.2 प्रतिशत) से की जा सकती है। दिल्ली में भी 25,570 ईवी की बिक्री और 9.1 प्रतिशत पैठ है। केंद्र सरकार के आंकड़ों से पता चलता है कि अचरज की बात यह है कि केरल में सिर्फ 192 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन हैं जबकि दिल्ली में इनकी संख्या 1,845, कर्नाटक में 704 और महाराष्ट्र में 660 है।
केरल में दोपहिया ईवी की बिक्री को जिन वजहों से बढ़ावा मिल रहा है, उनमें ग्राहक जागरूकता, ज्यादा प्रवासी भारतीय आबादी, सरकारी रियायतें और नए ब्रांडों को अपनाने की आसान राह जैसी बातें शामिल हैं।
लोकप्रिय ब्रांड एम्पीयर ईवी की बिक्री करने वाली ग्रीव्स इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के मुख्य कार्याधिकारी एवं कार्यकारी निदेशक संजय बहल ने कहा, ‘राज्य ने अपने पारंपरिक लाभ के लिए भी ईवी को अपनाया है, क्योंकि ये पर्यावरण अनुकूल प्रयासों के प्रति केरल के समर्पण के अनुरूप हैं। सरकारी रियायतों और पर्यावरण गतिशीलता को बढ़ावा देने वाली नीतियों तथा बढ़ती ईंधन लागत से भी ईवी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। इलेक्ट्रिक स्कूटरों का उपयुक्त एवं आकर्षक डिजाइन भी केरल के शहरी परिवेश के अनुरूप है।’
बहल की कंपनी ने भी केरल के बाजार में ईवी फाइनैंसिंग प्लेटफॉर्म ईवीफिन पेश किया है। दिलचस्प यह है कि केरल नीति आयोग के वित्त वर्ष 2026 के 13-15 प्रतिशत पैठ हासिल करने के उद्देश्य की दिशा में तेजी से आगे बढ़ता एकमात्र राज्य है। वित्त वर्ष 2024 में अब तक यह आंकड़ा महज 5 प्रतिशत है जो वित्त वर्ष 2023 के 4.4 प्रतिशत से थोड़ा अधिक है।
डीलरशिप नेटवर्क चलाने वाली ईवीएम मोटर्स के प्रबंध निदेशक साबू जॉनी ने कहा, ‘जब भी बाजार में कोई नया मॉडल आता है, केरल जागरूकता और शिक्षा की वजह से जल्द उसके इस्तेमाल को बढ़ावा देने में सफल रहता है। एनआरआई आबादी बदलावों से अवगत है।
केरल में ओला इलेक्ट्रिक, एथर और टीवीएस आईक्यूब सर्वाधिक बिकने वाले ब्रांड हैं। राज्य में ईवी के लिए रोड टैक्स कम है। इसके अलावा यहां ईंधन कीमतें अन्य राज्यों के मुकाबले ज्यादा हैं।’ उद्योग विश्लेषकों के अनुसार, केरल राज्य विद्युत बोर्ड ने सड़कों के सहारे और विद्युत खंभों पर करीब 1,169 चार्जिंग पॉइंट लगाए हैं।