देश से दोपहिया वाहनों का निर्यात वित्त वर्ष 2022-23 में 17.8 प्रतिशत तक घटकर 36.5 लाख वाहन रह गया। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सायम) द्वारा गुरुवार को जारी किए गए आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
यह गिरावट वैश्विक मुद्रास्फीति में वृद्धि तथा अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और दक्षिण एशिया के प्रमुख निर्यात बाजारों में मुद्राओं और अर्थव्यवस्थाओं के कमजोर होने के कारण आई है। वित्त वर्ष 23 के विपरीत, वित्त वर्ष 22 के दौरान भारत से दोपहिया वाहनों का निर्यात 35.4 प्रतिशत तक बढ़कर 44.4 लाख वाहन हो गया था।
सायम के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने संवाददाताओं से कहा कि वित्त वर्ष 23 के दौरान निर्यात में कमी आना ‘चिंता का कारण’ है। उन्होंने कहा कि कुछ देशों में पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार की कमी के कारण आयात में कमी आई है।
देश की सबसे बड़ी दोपहिया निर्यातक बजाज ऑटो के निर्यात में वित्त वर्ष 23 के दौरान 25.45 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई और यह लुढ़कर 16.4 लाख वाहन रह गया। टीवीएस मोटर के दोपहिया निर्यात में वित्त वर्ष 23 के दौरान 16.06 की गिरावट नजर आई है।
हालांकि भारत के बाहर उनकी बिक्री में गिरावट आई है, लेकिन भारतीय दोपहिया विनिर्माताओं ने वित्त वर्ष 23 में अपनी घरेलू बिक्री में 16.88 प्रतिशत तक का इजाफा देखा और यह बढ़कर 1.586 करोड़ वाहन तक पहुंच गई। आंकड़ों के अनुसार घरेलू कार की बिक्री भी वित्त वर्ष 23 में 26.7 तक बढ़कर 38.9 लाख वाहन हो गई।
ग्रांट थॉर्नटन भारत के साझेदार साकेत मेहरा ने कहा कि अफ्रीका और लैटिन अमेरिका भारतीय दोपहिया कंपनियों के लिए दो सबसे महत्वपूर्ण निर्यात बाजार हैं। पश्चिम एशिया के कुछ देश (जैसे मिस्र और ईरान) तथा दक्षिण एशिया के कुछ देश (जैसे बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल) अन्य प्रमुख निर्यात बाजार हैं।