इंडियाएआई मिशन के तहत तीसरे दौर की बोली खत्म होने पर 10 जून तक भारत में करीब 46,000 ग्राफिक्स प्रॉसेसिंग यूनिट (जीपीयू) होने की उम्मीद है। एक सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी। तीसरे दौर की बोली 9 जून को खत्म होगी। अधिकारियों ने कहा कि बोली खत्म होने के बाद इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय पैनल बनाने की प्रक्रिया शुरू करेगा।
इसके तहत पहले दौर में सबसे कम बोली अथवा प्रति घंटे सबसे कम लागत की पेशकश करने वाली कंपनी इंडियाएआई मिशन के तहत प्रतिभागियों को इन हाई-एंड कंप्यूट मशीनों की आपूर्ति करने के लिए पात्र होगी। इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज जीपीयू बोली के दूसरे दौर के नतीजों की घोषणा की।
वैष्णव ने कहा, ‘एक सामान्य कंप्यूट विकसित करना सभी को प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने के सिद्धांत का एक अहम हिस्सा है। जब हमने शुरुआत की थी तो 10,000 जीपीयू का लक्ष्य रखा था। उस समय हमें लगा था कि यह एक बहुत बड़ा लक्ष्य होगा। मगर हमें अभूतपूर्व प्रतिक्रिया मिली है।’
पहले दौर में सरकार को 10,000 जीपीयू के लक्ष्य के मुकाबले 18,693 जीपीयू की खरीद एवं आपूर्ति के लिए 10 कंपनियों से बोलियां मिली थीं। इनमें सीएमएस कंप्यूटर, कंट्रोलएस डेटासेंटर्स, ई2ई नेटवर्क्स, जियो प्लेटफॉर्म्स, लोकज एंटरप्राइज सॉल्यूशंस, नेक्स्टजेन डेटासेंटर ऐंड क्लाउड टेक्नोलॉजिज, ओरियंट टेक्नोलॉजिज, टाटा कम्युनिकेशंस, वेंसिस्को टेक्नोलॉजिज और योट्टा डेटा सर्विसेज शामिल हैं।
इंडियाएआई मिशन के तहत दूसरे दौर की बोली में 7 बोलीदाताओं ने कुल 15,640 जीपीयू जोड़े। इनमें साइफ्यूचर इंडिया, ईशान इन्फोटेक, लोकज एंटरप्राइज सॉल्यूशंस, नेटमैजिक आईटी सर्विसेज, सिफी डिजिटल सर्विसेज, वेंसिस्को टेक्नोलॉजिज और योट्टा डेटा सर्विसेज शामिल हैं।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि पहले दौर के तहत खरीदे गए 18,693 जीपीयू में से सर्वम् को स्वदेशी एलएलएम पर काम करने के लिए 4,000 जीपीयू छह महीने के लिए आवंटित किए गए हैं। जबकि भाषा अनुवाद पर काम करने के लिए आईटी मंत्रालय के भाषिणी प्रभाग को 3,000 जीपीयू आवंटित किए गए हैं।
सॉकेट देश का पहला ओपन सोर्स 120 अरब पैरामीटर फाउंडेशन मॉडल विकसित करेगा जो भाषाई विविधता के लिए अनुकूलित है। वह रक्षा, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा क्षेत्रों को लक्षित करेगा। ज्ञानी एआई रियल टाइम स्पीच प्रॉसेसिंग एवं उन्नत तर्क क्षमताओं के साथ 14 अरब पैरामीटर वॉयस एआई फाउंडेशन मॉडल तैयार करेगा। गण एआई बेहद मानवीय टेक्स्ट-टू-स्पीच क्षमताओं को लक्षित करते हुए 70 अरब पैरामीटर बहुभाषी फाउंडेशन मॉडल बनाएगा।
वैष्णव ने कहा, ‘सर्वम् की ही तरह इन तीनों टीमों के सामने बहुत बड़ा लक्ष्य है। वे जिस क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करेंगे, उन्हें दुनिया के शीर्ष पांच में शामिल होना चाहिए। यह एक स्पष्ट लक्ष्य जिसे हासिल किया जा सकता है।’