Volvo Cars के एशिया प्रशांत क्षेत्र के प्रमुख Nick Connor ने मंगलवार को कहा कि भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) चार्जिंग का इन्फ्रास्ट्रक्चर अधूरा है और सरकारी विभागों, चाहे वह केंद्र हो या राज्य, को इस क्षेत्र के अपने निवेश में तेजी लानी चाहिए।
Connor ने कहा कि भारत में चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण कुछ ग्राहक EV खरीदने से बचेंगे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि फिलहाल समस्या यह है कि चार्जिंग क्षेत्रों में बड़े पूंजी निवेश के लिए तीसरे पक्ष की कंपनियों को वाणिज्यिक रूप से वास्तव में व्यावहारिक बनाने के लिए सड़क पर (भारत में) बहुत कम EV हैं। लेकिन यह (निवेश) आएगा।
उन्होंने कहा कि सामूहिक रूप से अगर हम यह मानते हैं कि EV भविष्य की राह है, तो हमें बुनियादी ढांचे में निवेश की रफ्तार को प्रोत्साहित करने के लिए (सरकारी) अधिकारियों पर राजनीतिक रूप से दबाव की जरूरत है।
स्वीडन की लक्जरी कार मैन्युफैक्चरर Volvo ने पिछले साल अक्टूबर में XC40 रिचार्ज पेश की थी, जो भारत में उसका पहला इलेक्ट्रिक वाहन था। कंपनी वर्ष 2023 की आखिरी तिमाही के दौरान भारत में C40 नाम से दूसरी EV पेश करने की योजना बना रही है।
कंपनी वर्ष 2030 तक वैश्विक स्तर पर केवल EV बेचने की योजना बना रही है।
Connor ने कहा कि अगर भारत को बड़ी संख्या में ईवी की दिशा में बढ़ना है, तो उसके पास चार्जिंग का ऐसा बड़ा बुनियादी ढांचा होना चाहिए, जो सड़क पर सभी कारों को नियमित आधार पर चार्ज कर सके। वर्ष 2022 में भारत में लगभग 1,800 Volvo कारों की बिक्री हुई है।