facebookmetapixel
नवंबर में भारत से आईफोन का निर्यात 2 अरब डॉलर तक पहुंचा, बना नया रिकार्डएवेरा कैब्स ने 4,000 ब्लू स्मार्ट इलेक्ट्रिक कारें अपने बेड़े में शामिल करने की बनाई योजनाGST बढ़ने के बावजूद भारत में 350 CC से अधिक की प्रीमियम मोटरसाइकल की बढ़ी बिक्रीJPMorgan 30,000 कर्मचारियों के लिए भारत में बनाएगा एशिया का सबसे बड़ा ग्लोबल कैपेसिटी सेंटरIPL Auction 2026: कैमरन ग्रीन बने सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी, KKR ने 25.20 करोड़ रुपये में खरीदानिजी खदानों से कोयला बिक्री पर 50% सीमा हटाने का प्रस्ताव, पुराने स्टॉक को मिलेगा खुला बाजारदूरदराज के हर क्षेत्र को सैटकॉम से जोड़ने का लक्ष्य, वंचित इलाकों तक पहुंचेगी सुविधा: सिंधियारिकॉर्ड निचले स्तर पर रुपया: डॉलर के मुकाबले 91 के पार फिसली भारतीय मुद्रा, निवेशक सतर्कअमेरिका से दूरी का असर: भारत से चीन को होने वाले निर्यात में जबरदस्त तेजी, नवंबर में 90% की हुई बढ़ोतरीICICI Prudential AMC IPO: 39 गुना मिला सब्सक्रिप्शन, निवेशकों ने दिखाया जबरदस्त भरोसा

ई-दोपहिया: भारत में इले​क्ट्रिक दोपहिया वाहनों की गुंजाइश ज्यादा, पैठ कम

साफ तौर पर चीन इलेक्ट्रिक दोपहिया में बादशाह है। इसने कैलेंडर वर्ष 23 में 59 लाख वाहन बेचे ​थे। यह संख्या भारत की तुलना में छह गुना अधिक है।

Last Updated- October 11, 2024 | 9:48 PM IST
ई-दोपहिया के दाम घटाए मगर बिक्री ने नहीं पकड़ी रफ्तार, Electric two wheeler volume remains flat despite sharp price cuts

साल 2023 में करीब नौ लाख इले​क्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री के साथ भारत दुनिया में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का दूसरा सबसे बड़ा बाजार हो सकता है, लेकिन इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की पैठ के मामले में कहानी अलग है।

इंटरनैशनल एनर्जी एसोसिएशन (IEA) के आंकड़ों के अनुसार कैलेंडर वर्ष 2023 में जहां चीन इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की 35 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ इस तालिका में सबसे ऊपर है, नौ प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ वियतनाम दूसरे स्थान पर है, सात प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ यूरोप तीसरे स्थान पर है, वहीं पांच प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ भारत चौथे स्थान पर है। एशिया के अन्य देशों की संयुक्त हिस्सेदारी चार प्रतिशत है, जिनमें बांग्लादेश, सिंगापुर, श्रीलंका, ताइवान, पाकिस्तान, म्यांमार, नेपाल और मंगोलिया जैसे देश शामिल हैं।

प्रतिस्पर्धी देशों की तुलना में भारत में कम पैठ इसलिए है, क्योंकि भारत और वैश्विक स्तर पर इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की क्रांति की अगुआई मुख्य रूप से इलेक्ट्रिक स्कूटरों ने की है। लेकिन भारत में कुल दोपहिया बाजार में स्कूटर (तेल-गैस इंजन वाले और इलेक्ट्रिक) की हिस्सेदारी केवल 30 प्रतिशत ही है, बाकी हिस्सेदारी मोबाइक की है।

लेकिन इलेक्ट्रिक मोबाइक बेचने वाली काफी कम कंपनियां हैं, जिनकी बिक्री नाम मात्र की है। हालांकि ओला इलेक्ट्रिक खेल का रुख बदल सकती है, जो साल 2025 की पहली तिमाही में अपनी इलेक्ट्रिक मोबाइक के मॉडल ला रही है।

चीन इलेक्ट्रिक दोपहिया में बादशाह

इसके विपरीत चीनी दोपहिया बाजार में 80 से 85 प्रतिशत हिस्सेदारी स्कूटर की है और आसियान देशों में यह हिस्स्सेदारी 70 से 75 प्रतिशत है। उत्तरी अमेरिका और यूरोप में इलेक्ट्रिक नवाचार भारी मोबाइक (जो कुल दोपहिया वाहनों का 50 से 60 प्रतिशत है) और आंशिक रूप से स्कूटर (25 से 30 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी) में हुआ है।

साफ तौर पर चीन इलेक्ट्रिक दोपहिया में बादशाह है। इसने कैलेंडर वर्ष 23 में 59 लाख वाहन बेचे ​थे। यह संख्या भारत की तुलना में छह गुना अधिक है, जबकि तथ्य यह है कि कैलेंडर वर्ष 2022 की तुलना में यह बिक्री 25 प्रतिशत कम रही और अगर मैकिन्से सेंटर फॉर फ्यूचर मोबिलिटी का अनुमान सही है, तो यह अंतर जारी रहेगा। उनका अनुमान है कि कैलेंडर वर्ष 2030 में चीन में 6.5 से 70 करोड़ ईदोपहिया (जिसमें 25 किमी से कम की अधिकतम रफ्तार वाली बाइक शामिल हैं) होने का अनुमान है। दूसरी तरफ भारत में ई-दोपहिया वाहनों में सात से नौ गुना (70 से 90 लाख) वृद्धि दिखनी चाहिए।

First Published - October 11, 2024 | 9:45 PM IST

संबंधित पोस्ट