facebookmetapixel
प्रीमियम स्कूटर बाजार में TVS का बड़ा दांव, Ntorq 150 के लिए ₹100 करोड़ का निवेशGDP से पिछड़ रहा कॉरपोरेट जगत, लगातार 9 तिमाहियों से रेवेन्यू ग्रोथ कमजोरहितधारकों की सहायता के लिए UPI लेनदेन पर संतुलित हो एमडीआरः एमेजॉनAGR बकाया विवाद: वोडाफोन-आइडिया ने नई डिमांड के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख कियाअमेरिका का आउटसोर्सिंग पर 25% टैक्स का प्रस्ताव, भारतीय IT कंपनियां और GCC इंडस्ट्री पर बड़ा खतरासिटी बैंक के साउथ एशिया हेड अमोल गुप्ते का दावा, 10 से 12 अरब डॉलर के आएंगे आईपीओNepal GenZ protests: नेपाल में राजनीतिक संकट गहराया, बड़े प्रदर्शन के बीच पीएम ओली ने दिया इस्तीफाGST Reforms: बिना बिके सामान का बदलेगा MRP, सरकार ने 31 दिसंबर 2025 तक की दी मोहलतग्रामीण क्षेत्रों में खरा सोना साबित हो रहा फसलों का अवशेष, बायोमास को-फायरिंग के लिए पॉलिसी जरूरीबाजार के संकेतक: बॉन्ड यील्ड में तेजी, RBI और सरकार के पास उपाय सीमित

चिप किल्लत से वाहन निर्माताओं पर रहेगा दबाव

प्रमुख ओईएम का कहना है कि सेमीकंडक्टर चिप, इलेक्ट्रिक कलपुर्जों के लिए आपूर्ति किल्लत बनी हुई है

Last Updated- February 12, 2023 | 11:29 PM IST
India, US forge semiconductor supply chain, innovation partnership
BS

महामारी के दौरान वाहन उद्योग को प्रभावित करने वाली सेमीकंडक्टर चिप किल्लत शायद अब काफी हद तक समाप्त हो गई है, लेकिन कलपुर्जा आपूर्ति अभी पूरी तरह सामान्य नहीं होने से वाहन निर्माताओं को अपनी पूरी क्षमता के साथ उत्पादन करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

देश की सबसे बड़ी यात्री कार निर्माता मारुति सुजूकी इंडिया (एमएसआईएल) के मुख्य वित्तीय अधिकारी अजय सेठ ने कंपनी के तिमाही नतीजों की घोषणा के दौरान कहा कि अक्टूबर-दिसंबर की अवधि में इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों की आपूर्ति किल्लत पूर्ववर्ती तिमाही के मुकाबले थोड़ी बढ़ गई थी।

सेठ ने कहा, ‘कंपनी इस साल तीसरी तिमाही में 46,000 वाहन भी तैयार नहीं कर सकी। इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों की सीमित उपलब्धता हमारे उत्पादन की योजनाओं में एक प्रमुख चुनौती है। इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों की किल्लत अभी भी हमारे उत्पादन को प्रभावित कर रही है।’

उन्होंने कहा कि इस साल की तिमाही के अंत तक करीब 3,63,000 वाहनों के ग्राहक ऑर्डर लंबित थे, जिनमें से करीब 11,90,000 ऑर्डर नए पेश हुए मॉडलों के लिए थे।
इसी तरह, जहां महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम) ने हाल में क्षमता विस्तार योजनाओं की घोषणा की है, वहीं वह आपूर्ति समस्याओं की वजह से अपनी मौजूदा क्षमता का पूरी तरह इस्तेमाल करने में सक्षम नहीं है।

एमऐंडएम के कार्यकारी निदेशक राजेश जेजुरिकर का मानना है कि जहां कंपनी क्षमताएं जोड़ने की राह पर तेजी से बढ़ रही है, वहीं उसे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में अवरोधों की वजह से अपनी मौजूदा क्षमताओं का पूरी तरह से उपयोग करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

स्कोडा ऑटो फोक्सवैगन इंडिया के निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी पीयूष अरोड़ा ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बात करते हुए कहा कि जहां वे ग्राहक मांग के संदर्भ में 2023 में हालात में सुधार की उम्मीद कर रहे हैं, वहीं आपूर्ति को लेकर हालात इस पर भी ज्यादा निर्भर करेंगे कि हम भारतीय बाजार की जरूरत कैसे पूरी कर सकते हैं।

अरोड़ा ने कहा, ‘हालांकि दो वर्षों के मुकाबले पिछले साल हालात में कुछ सुधार आया है, लेकिन मेरा मानना है कि अभी भी हम संकट से पूरी तरह नहीं निकले हैं और कुछ समस्याओं से अभी भी जूझ रहे हैं जिससे हमें ग्राहक जरूरतों या ऑर्डर पूरे करने तथा योजना निर्धारण के संदर्भ में अपनी अपेक्षाओं में बदलाव लाना पड़ रहा है।’

जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) के मुख्य कार्याधिकारी एड्रियन मार्डेल ने वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही के नतीजों के संदर्भ में कहा कि आपूर्ति में सुधार आने के बावजूद समस्याएं 2023 में बरकरार रहने का अनुमान है। कंपनी ज्यादा लाभकारी वाहन व्यवसाय सुनिश्चित करने के लिए आपूर्ति श्रृंखला में लगातार सुधार पर ध्यान केंद्रित किया है। जेएलआर का बहीखाता बढ़कर 2,15,000 वाहन हो गया है।

वहीं टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ का कहना है कि सेमीकंडक्टर आपूर्ति कुछ देशों में सुधरी है। वैश्विक तौर पर कोविड महामारी की वजह से हमने सेमीकंडक्टर आपूर्ति सुधारने पर जोर दिया था और आगे भी यह प्रक्रिया बरकरार रहेगी, क्योंकि हम इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण में तेजी लाने पर जोर दे रहे हैं।

First Published - February 12, 2023 | 8:46 PM IST

संबंधित पोस्ट