ई-कचरे की रीसाइक्लिंग करने वाली कंपनी एटेरो अगले 12 से 24 माह में अपनी दुर्लभ खनिज (रेयर अर्थ) की रीसाइक्लिंग क्षमता को 300 टन से बढ़ाकर 30,000 टन करने के लिए 100 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बना रही है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
चीन ने अप्रैल में दुर्लभ खनिज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, जो इलेक्ट्रॉनिक, वाहन और अन्य प्रौद्योगिकी उत्पादों के निर्माण में उपयोग किया जाने वाला महत्वपूर्ण खनिज है। एटेरो के मुख्य कार्य अधिकारी और सह-संस्थापक नितिन गुप्ता ने बताया कि यह निवेश दुर्लभ खनिज मैग्नेट के बाजार की मांग के अनुरूप है, जिसके लिए भारत और दुनिया भर के इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन आदि उद्योग पूरी तरह से चीन से होने वाली आपूर्ति पर निर्भर हैं।
उन्होंने कहा, ‘अपनी मौजूदा क्षमता और प्रौद्योगिकी नेतृत्व के साथ, हम अपनी आरईई रीसाइक्लिंग क्षमता को एक से 100 टन प्रतिदिन से बढ़ाकर कुल 30,000 टन सालाना तक पहुंचाने के लिए तैयार हैं और मांग बढ़ने पर आगे विस्तार की संभावना तलाश रहे हैं। हम इस विस्तार के लिए 100 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बना रहे हैं।‘
कंपनी 98 प्रतिशत से अधिक दक्षता और 99.9 प्रतिशत शुद्धता के साथ नियोडिमियम (एनडी), प्रेजोडिमियम (पीआर) और डिस्प्रोसियम (डीवाई) जैसे दुर्लभ खनिजों को पर ध्यान केंद्रित करेगी। ये इलेक्ट्रिक वाहन, पवन ऊर्जा और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स सहित प्रमुख क्षेत्रों के लिए जरूरी हैं।