उपभोक्ताओं को टेलीविजन पैनल खरीदने के लिए ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ सकता है। विनिर्माताओं का कहना है कि वे अप्रैल में दोबारा दाम बढ़ा सकते हैं। वैश्विक महामारी के बाद उद्योग को मूल्य वृद्धि की इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। पिछले एक साल में ओपन सेल के दाम लगभग 30 प्रतिशत तक बढ़ चुके हैं। टेलीविजन पैनल विनिर्माताओं को लग रह है कि यह रुझान जारी रहेगा।
विनिर्माता 10 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर सकते हैं। ओपन सेल के दाम बढ़ने के कारण उन्होंने पहले ही इस साल की शुरुआत में कीमत बढ़ा दी थी। इसने उन्हें दाम बढ़ोतरी के एक और दौर के लिए प्रेरित किया है। ओपन सेल टेलीविजन सेट विनिर्माण का प्रमुख घटक होता है। टीवी विनिर्माण की लागत में इसका करीब 60 से 65 प्रतिशत हिस्सा होता है।
इसके अलावा इस मुख्य घटक का निर्माण चीन में चार-पांच कंपनियां ही करती हैं। इस कारण ओपन सेल की मूल्य निर्धारण शक्ति उनके हाथों में रहती है। हालांकि पिछले साल अगस्त में ओपन सेल की कीमतें बढ़ी थीं, लेकिन बाद में विनिर्माताओं के कीमतों में कटौती करने से इनमें कमी आ गई।
कीमतें बढ़ाने का फैसला विनिर्माताओं पर निर्भर करता है। एक खुदरा विक्रेता ने कहा कि छोटे और बड़े दोनों ही स्क्रीन वाले टेलीविजन पैनल में वृद्धि दिखने के आसार हैं। यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि विनिर्माता इस दाम वृद्धि को ग्राहकों पर किस तरह डालते हैं और उनके पास स्टॉक का क्या स्तर है। त्योहारी सीजन के बाद भारतीय बाजार में टेलीविजन पैनल की मांग नरम रही है।
कोडक ब्रांड की लाइसेंसधारक सुपर प्लास्ट्रोनिक्स के निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी अवनीत सिंह मारवाह ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि ओपन सेल के दाम महीने दर महीने बढ़ रहे हैं तथा फिर से मांग-आपूर्ति की स्थिति पैदा हो गई है।
ओपन सेल विनिर्माताओं ने अपने उत्पादन में कटौती करने का फैसला किया है। इसलिए वे दाम बढ़ाएंगे। अंतिम उत्पाद पर अप्रैल में 10 प्रतिशत तक का इजाफा हो सकता है। उन्होंने कहा कि फिलहाल टेलीविजन की मांग कम है।
डिक्सन टेक्नोलॉजिज भी ओपन सेल की दाम बढ़ोतरी का बोझ अपने ग्राहकों पर डालेगी। डिक्सन टेक्नोलॉजिज के प्रबंध निदेशक अतुल लाल ने कहा ‘हम ओपन सेल के अधिक दामों का बोझ सीधे अपने ग्राहकों पर डालेंगे, लेकिन कुछ अंतराल के साथ।’