प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार के निजीकरण के एजेंडे का बचाव करते हुए जिस प्रकार निजी क्षेत्र का मजबूती से पक्ष लिया उससे एक बात एकदम साफ हो गई कि आर्थिक सुधारों को चोरी छिपे अंजाम देने का समय अब समाप्त हो चुका है। यह एक सुखद बदलाव है जो ‘सूट-बूट की सरकार’ जैसा ताना […]
घर के गहने बेचने का विपक्ष का आरोप कमजोर : सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में निजीकरण पर जोर दिए जाने को लेकर विपक्ष के परिवार के गहने बेचने के आरोप को रविवार को कमजोर करार दिया। उन्होंने कहा कि पहले की सभी सरकारों ने विनिवेश किया है। उन्होंने कारोबारियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए यहां कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने […]
विनिवेश पर स्वदेशी सुर हो रहे नरम
संघ परिवार के भीतर आर्थिक और दूसरे मामलों में नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करने वाले शायद अब नरम पड़ रहे हैं क्योंकि सोमवार को पेश हुए केंद्रीय बजट को उनकी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। इससे लगता है कि संघ के भीतर मोदी सरकार की आलोचना का स्वर मद्घम पड़ता जा रहा है। पिछले साल […]
नरेंद्र मोदी सरकार के प्रत्येक बजट के साथ ऐसा ही होता आया है और जब सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश किया तो उसमें आगामी विधानसभा चुनावों की झलक दिखी। बजट में तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल, असम तथा पुदुच्चेरी जैसे चुनावी राज्यों में सड़क निर्माण के लिए धन आवंटित किया […]
आर्थिक समीक्षा में जीडीपी के अनुमानित आंकड़े और हकीकत में अंतर
अगर नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल के आर्थिक वृद्धि के अनुमानों पर वित्त मंत्रालय के सलाहकारों की रेटिंग की जाए तो संभवत: सभी समीक्षक उन्हें 10 में से 5 अंक देंगे। मोदी के कार्यकाल के दौरान 7 समीक्षा पेश की गई, जिसमें 3 के अनुमान सही आए या वास्तविक वृद्धि को कम आंका गया। एक […]
मोदी सरकार ने शासकीय सेवकों के कामकाज की समीक्षा को लेकर नए दिशानिर्देश जारी करने के साथ ही अफसरशाही को और अधिक सक्षम तथा सुसंगत बनाने की कोशिश तेज कर दी है। इसके मुताबिक उन कर्मचारियों के कामकाज की समीक्षा की जाएगी जो 50 से 55 आयु वर्ग के हों या 30 वर्ष की सेवा […]
मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार अपने कार्यकाल के सातवें वर्ष में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की एक के बाद एक सामने आ रही रिपोर्ट में तीखी आलोचना का सामना कर रही थी और नीतिगत पंगुता की ओर बढ़ रही थी। कार्यकाल के लगभग उसी दौर में नरेंद्र मोदी की सरकार एकदम उलट नजर आ […]
आप नरेंद्र मोदी सरकार पर यह आरोप नहीं लगा सकते कि उसमेंं महत्त्वाकांक्षा की कमी है। अपनी क्षमताओं पर पूरे यकीन के साथ उसने सन 2014 में दो अंकों की आर्थिक वृद्धि और व्यापक परिवर्तन लाने का लक्ष्य तय किया था। तब से अब तक कई अवसरों पर उसने यह दावा किया है कि अपेक्षाकृत […]
कूटनीति के स्तर पर जागने का वक्त
आइए सबसे पहले उन सकारात्मक बातों की गिनती कर लें जो मोदी सरकार के कार्यकाल मेंं सामरिक और विदेश नीति केे क्षेत्र में घटी हैं। अमेरिका के साथ रिश्ता इस सूची मेंं शीर्ष पर है। चीन की बढ़ती दुष्टता के बीच अमेरिका इकलौता ऐसा देश है जिसने खुलकर भारत के पक्ष में बात की। इतना […]
भारत में एफडीआई प्रवाह के रुझान पर एक नजर
लगातार तीन वर्षों (2016-17 से लेकर 2018-19) तक भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के प्रवाह में एक अंक की वृद्धि दर्ज की गई। यह एक आश्चर्य था। नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के शुरुआती वर्षों में इसके मंत्री देश के भीतर एफडीआई प्रवाह में आई तेजी के लिए अक्सर अपनी उपलब्धियों का जिक्र […]