कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के बाद राज्यों द्वारा अनलॉक की प्रक्रिया शुरू करने और डीलरशिप खुलने से वाहन कंपनियां इस महीने अपना उत्पादन धीरे-धीरे बढ़ा रही हैं। उम्मीद है कि महीने के अंत तक अधिकांश कंपनियां दूसरी लहर के पहले की क्षमता का 85 से 95 फीसदी उत्पादन करने लगेंगी। अर्थव्यवस्था में सुधार और टाली गई मांग को देखते हुए कंपनियां उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित हुई हैं।
मारुति सुजूकी के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कहा, ‘यह महीना खत्म होने से पहले ही हम पूर्ण दैनिक उत्पादन के स्तर तक पहुंच जाएंगे। 1.5 लाख से ज्यादा बुकिंग पहले की हैं और नई बुकिंग भी आ रही हैं। डीलरों के लिए अगले कुछ महीने काफी व्यस्त रहने वाले हैं।’ हालांकि उन्होंने कहा कि तीसरी लहर की आशंका भी बरकरार है लेकिन तेजी से सुधार के लिए टीकाकरण और सुरक्षा मानकों का पालन करना आवश्यक है।
पाबंदियों के बीच कारखानों को न्यूनतम श्रमबल के साथ काम करने की अनुमति दी गई थी। लेकिन मारुति सहित कई कंपनियों ने दो से तीन हफ्तों तक उत्पादन बंद कर दिया था। हालांकि अधिकतर कंपनियों ने पिछले महीने उत्पादन शुरू कर दिया था लेकिन 1 जून से अनलॉक शुरू होने के बाद वे धीरे-धीरे उत्पादन में तेजी ला रहीं हैं।
कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में अब भी लॉकडाउन है, ऐसे में कार विनिर्माता काफी सतर्कता बरत रहे हैं। हुंडई मोटर इंडिया के सेल्स एवं मार्केटिंग के निदेशक तरुण गर्ग ने कहा, ’70 फीसदी देश खुल गया है और 70 फीसदी मांग भी वापस आ गई है।’ उन्होंने उम्मीद जताई कि महीने के अंत तक स्थिति में और सुधार होगा।
पहले की बुकिंग लंबित है और नई बुकिंग भी आ रही है लेकिन अभी कुछ अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी क्योंकि अनलॉक का यह पहला हफ्ता ही है। इक्रा में उपाध्यक्ष और सेक्टर हेड, कॉर्पोरेट रेटिंग्स आशीष मोडानी ने कहा कि अनुमान के मुताबिक ही स्थानीय लॉकडाउन के कारण मई में वाहनों की थोक आपूर्ति में खासी कमी आई है। हालांकि लॉकडाउन में ढील के बाद आपूर्ति धीरे-धीरे बढ़ेगी लेकिन पिछले वित्त वर्ष की तरह तीव्र सुधार की उम्मीद कम ही है।
वाहन विनिर्माताओं के संगठन सायम के आंकड़ों के अनुसार सभी तरह के वाहनों की कुल थोक बिक्री (डीलर को की गई आपूर्ति) मई 2021 में घटकर 4,42,013 वाहन रही, जो मई 2020 में 3,15,638 वाहन थी। हालांकि 2020 में महामारी के कारण सब कुछ प्रभावित हुआ था, ऐसे में 2019 के आंकड़ों से इसकी तुलना करने से सही तस्वीर दिखेगी। 2019 की तुलना में सभी श्रेणियों में बिक्री 50 फीसदी से ज्यादा घटी है।
संधार टेक्नोलॉजीज के सह-चेयरमैन और प्रबंध निदेशक जयंत डावर ने कहा कि उत्पादन जनवरी और मार्च के स्तर तक पहुंच सकता है लेकिन पूरे जून में अधिकतम उत्पादन वाले महीनों की तुलना में दो-तिहाई ही उत्पादन हो पाएगा। उन्होंने कहा, ‘उत्पादन किसी एक कंपनी की तुलना में पूरे उद्योग पर निर्भर करता है।’ रॉयल एनफील्ड, हीरो मोटोकॉर्प, होंडा मोटरसाइकल ऐंड स्कूटर्स इंडिया, टीवीएस सहित कई कंपनियों के कारखाने दक्षिण भारत में हैं लेकिन वहां अभी भी लॉकडाउन है, जिससे उत्पादन रुका हुआ है। जून तिमाही में सामान्य कारोबार की तुलना में 40 से 60 फीसदी आय आ सकती है।
उत्पादन में तेजी को लेकर अन्य लोग भी ज्यादा अनुमान लगाना नहीं चाह रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि उत्पादन में तेजी डीलरशिप के पास स्टॉक बढ़ाने के लिए हो सकती है।
कार के कलपुर्जा बनाने वाले एक निर्माता ने कहा कि अधिकांश डीलरशिप के पास वाहनों का स्टॉक घटकर 20 दिन का रहा गया है जो सामान्य स्थिति में 25 दिन का होता है। उन्होंने कहा कि असली परीक्षा आने वाले महीनों में खुदरा बिक्री के प्रदर्शन से होगी।
