अगस्त में ट्रैक्टरों की बिक्री में सालाना आधार पर 17 फीसदी की गिरावट होने के बावजूद ट्रैक्टर विनिर्माताओं का भरोसा बरकरार है। विनिर्माताओं का मानना है कि आगामी महीनों में ट्रैक्टरों की बिक्री रफ्तार बढ़ेगी। पिछले 18 महीनों में पहली बार अगस्त में ट्रैक्टरों की बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है। कई राज्यों में पर्याप्त बारिश न होने के बावजूद ट्रैक्टर विनिर्माताओं का भरोसा बरकरार है जिसे उच्च भंडारण स्तर, कृषि क्षेत्र के लिए सरकारी प्रोत्साहन और अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से बल मिल रहा है।
महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, ताफे, जॉन डीयरे इंडिया, सोनालिका और एस्कॉट्ïर्स सहित शीर्ष पांच ट्रैक्टर विनिर्माताओं की एकीकृत बिक्री अगस्त में 17 फीसदी घटकर 47,630 ट्रैक्टरी रह गई जो एक साल पहले की समान अवधि में 57,727 ट्रैक्टर रही थी। इस गिरावट की मुख्य वजह पिछले साल के उच्च आधार और अटकी हुई मांग पूरी होना रही।
क्रिसिल रिसर्च के अनुसार, पिछले एक दशक के दौरान वृद्धि के मोर्चे पर दमदार रफ्तार दर्ज करने के बाद आगामी महीनों में वृद्धि रफ्तार थोड़ी कम हो सकती है लेकिन पूरे साल के लिए ट्रैक्टरों की बिक्री में तेजी बरकरार रहेगी। आगामी महीनों में ट्रैक्टरों की वृद्धि दर औसत से निचले एकल अंक तक दिख सकती है।
भारत वैश्विक स्तर पर ट्रैक्टरों के प्रमुख बड़े बाजारों में शामिल है। यहां वित्त वर्ष 2012 में 9,00,000 ट्रैक्टरों की बिक्री हुई। रेटिंग एजेंसी को चालू वित्त वर्ष के अंत तक 9,30,000 ट्रैक्टारों की बिक्री होने की उम्मीद है।
महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के अध्यक्ष (खेती उपकरण) हेमंत सिक्का ने कहा कि कुछ क्षेत्रों में मॉनसून के अस्थिर होने के बावजूद प्रमुख फसलों समेत खरीफ फसलों के कुल रकबे में रिकवरी होना ट्रैक्टर बाजार के नजरिये से एक अच्छा संकेत है। हालांकि अगस्त महीने में ट्रैक्टर बाजार के अगुआ महिंद्रा की बिक्री पिछले साल की तुलना में करीब 15 फीसदी की गिरावट के साथ 19,997 इकाई रही। लेकिन कंपनी को बिक्री में तेजी आने का पूरा भरोसा है। सिक्का ने कहा, ‘त्योहारी मौसम के पास होने के साथ फसलों की कटाई का समय भी नजदीक आ रहा है। ऐसी स्थिति में हमें आने वाले महीनों में तेज मांग आने की उम्मीद है।’
इंडिया रेटिंग्स की एसोसिएट डायरेक्टर श्रुति साबू का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2021-22 में ट्रैक्टरों की बिक्री पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 3 से 5 फीसदी अधिक रह सकती है। उन्होंने कहा, ‘इस क्षेत्र के बुनियादी पहलू मजबूत बने हुए हैं। संभव है कि लंबित मांग की भरपाई पहले ही हो जाने से आने वाले समय में मांग उतनी तेज न रहे लेकिन इस बाजार को समर्थन देने वाले पहलुओं के मौजूद होने से हमें बाजार में बढ़त का अनुमान जरूर है।’
भारत में ट्रैक्टर बिक्री पिछले 15 वर्षों से 10 फीसदी की दर से बढ़ती रही है। रिसर्च के उपाध्यक्ष आदित्य मखारिया की मानें तो आने वाले समय में वृद्धि के मध्यम ही रहने के आसार हैं। मखारिया इसके लिए उच्च प्रवेश दर को जिम्मेदार बताते हुए कहते हैं कि प्रति 100 हेक्टेयर जमीन पर 45-50 ट्रैक्टरों की मौजूदगी दर पहले ही विश्व स्तर (30) से ज्यादा हो चुकी है।
जॉन डियरे इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं कंट्री प्रमुख शैलेंद्र जगताप ने कहा, ‘हम भावी सफर को लेकर काफी सकारात्मक हैं और सितंबर एवं अक्टूबर में बिक्री बढऩे की उम्मीद कर रहे हैं। किसान भी विश्वसनीय एवं तकनीकी रूप से उन्नत उत्पादों की खरीद करना चाहता हूं।’
अमेरिकी ट्रैक्टर बाजार की स्थानीय इकाई जॉन डियरे ने घरेलू बाजार में 7,158 ट्रैक्टरों की बिक्री की है जो पिछले साल की समान अवधि से 4 फीसदी कम है। जगताप का कहना है कि फसलों की बढिय़ा कीमत मिलने और जीवनशैली से जुड़े खर्चों में कटौती ने किसानों की खर्च-योग्य आय बढ़ाई है। इस स्थिति ने ट्रैक्टर एवं अन्य खेती उपकरणों के लिए अनुकूल हालात पैदा किए हैं। अगस्त में असमान बारिश होने के बाद दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के सितंबर में बेहतर प्रदर्शन करने की संभावना है। मौसम विभाग ने कहा है कि सितंबर में बारिश दीर्घावधि औसत का 110 फीसदी रह सकती है।
एस्कॉट्र्स जैसे ट्रैक्टर विनिर्माता की बिक्री अगस्त में 27 फीसदी तक गिरकर 4,920 इकाई पर आ गई। लेकिन उसने भी आने वाले समय में बेहतर बारिश और सरकारी समर्थन पर अपनी उम्मीदें टिकाई हुई हैं।